मीराबाई चानू ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में दिलाया भारत को पहला गोल्ड। स्‍नैच राउंड और क्‍लीन एंड जर्क राउंड को मिलाकर उठाया 201 किलो भार।

मीराबाई चानू ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में दिलाया भारत को पहला गोल्ड। स्‍नैच राउंड और क्‍लीन एंड जर्क राउंड को मिलाकर उठाया 201 किलो भार।

मीराबाई चानू की जीवनी | Mirabai Chanu Biography in Hindi

 

मीराबाई चानू | Mirabai Chanu

Mirabai Chanu Biography in Hindi : मीराबाई चानू एक भारतीय भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) खिलाड़ी हैं। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में अपनी प्रतिभा दिखाते हुए अलग-अलग देशों में भारत का नाम रोशन किया है। जुलाई-अगस्त 2021 में हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों में उन्होंने 49 किलो ग्राम वर्ग में रजत पदक जीता था। भारत के लिए भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने वाली वे प्रथम महिला भी हैं। 

वर्ष 2014 से ही मीराबाई चानू नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 48 किलोग्राम की श्रेणी में भाग ले रही हैं। मीराबाई चानू का पूरा नाम ‘साइखोम मीराबाई चानू’ है। 

उन्होंने ‘विश्व चैंपियनशिप’ एवं ‘राष्ट्रमंडल खेलों’ में भी अपनी प्रतिभा दिखाते हुए कई पदक जीते हैं। इन्हें खेल के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ एवं ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

 

मीराबाई चानु ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में दिलाया भारत को गोल्ड | Mirabai Chanu wins Commonwealth games 2022 first gold

Mirabai Chanu Win Gold in 49 Kg weightlifting in Commonwealth Games : टोक्‍यो ओलंपिक 2020 में भारत को सिल्‍वर मेडल जिताने वाली एथलीट मीराबाई चानू ने शनिवार को महिला वेटलिफ्टिंग 49 किलो भार वर्ग में कमाल कर दिया। स्‍नेच और क्‍लीन एंड जर्क राउंड के अंत में वेटलिफ्टिंग के लिए आई मीराबाई चानू ने बेहद आसानी से बिना किसी टक्‍कर के गोल्‍ड पर कब्‍जा कर लिया है। दोनों राउंड में मिलाकर मीराबाई ने कुल 201 किलो भार उठाया। सिल्‍वर मेडल प्राप्‍त करने वाली उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी ने 172  किलोग्राम वजन उठाया था। मीराबाई दूसरे स्‍थान की खिलाड़ी से कोसो आगे रही। 29 किलोग्राम से आगे रहते हुए उन्‍होंने गोल्‍ड मेडल पर कब्‍जा किया।

मीराबाद चानू ने स्‍नेच राउंड के अपने दूसरे प्रयास में 88 किलो वजन उठाकर 12 किलो की लीड बना ली थी। पहले प्रयास में उन्‍होंने 84 किलो भार उठाया था। हालांकि स्‍नैच राउंड के तीसरे प्रयास में वो 90 किलो भार उठाने से चूक गई थी। इसके बाद क्‍लीन एंड जर्क राउंड में उन्‍होंने पहले ही प्रयास में 109 किलो उठाकर भारत को गोल्‍ड दिलाया। जीत के बावजूद भी चानू नहीं रुकी। उन्‍होंने दूसरे प्रयास में 113 किलो उठाया। हालांकि अगर वो इस प्रयास के लिए नहीं भी आती तब भी वो गोल्‍ड पर कब्‍जा कर चुकी थी।

गोल्‍ड पर कब्‍जा कर चुकी चानू क्‍लीन एंड जर्क राउंड के पहले और दूसरे प्रयास के बाद भी नहीं रुकी। उन्‍होंने तीसरे प्रयास का भी इस्‍तेमाल किया। इस बार वो 115 किलो भार उठाने का प्रयास कर रही थी लेकिन इससे चूक गई। हालांकि स्‍नैच राउंड और क्‍लीन एंड जर्क राउंड को मिलाकर 201 किलो भार उठाने वाली मीराबाई ने बेहद आसानी ने गोल्‍ड अपने नाम कर लिया।

मीराबाई चानू की जीवनी | Mirabai Chanu Ki Biography in Hindi

मीराबाई चानू की जीवनी | Mirabai Chanu Ki Biography in Hindi

मीराबाई चानू की जीवनी : एक नजर में।

नाम   :   साइखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu)

जन्म तिथि   :   8 अगस्त 1994 

जन्म स्थान   :   इंफाल, मणिपुर (भारत)

राष्ट्रीयता   :   भारतीय 

पिता   :   साइखोम कृति मितेई 

माता   :   साइखोम ओंगबी तोई लीमा

लंबाई   :   4 फीट 11 इंच 

वजन   :   49 किलोग्राम 

खेल   :   भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग)

कोच   :   कुंजारानी देवी (शुरुआत में),

वर्तमान कोच  :   विजय शर्मा 

शौक   :   म्यूजिक और ट्रैवलिंग 

निवास   :   असम, भारत 

प्रारंभिक जीवन परिचय (Introduction)

Mirabai Chanu Biography in Hindi : Early Life – मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपोक काकचिंग में हुआ। इनका परिवार  मैतेई हिंदू परिवार से ताल्लुक रखता है। इनका पूरा नाम साइखोम मीराबाई चानू है। इनके पिता साइखोम कृति मैतेई पेशे से पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में नौकरी करते हैं, वहीं उनकी इनकी मां ओंगबी तोई लीमा पेशे से एक दुकानदार है। 

मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) बचपन से ही खेलों में रुचि रखती थी, खासकर भारत्तोलन में। उनके माता-पिता ने उनकी प्रतिभा को बचपन में पहचान लिया था,  जब वह मात्र 12 वर्ष की थी। वह 12 वर्ष की उम्र में ही लकड़ियों के गुच्छे उठाकर अभ्यास किया करती थीं।

करियर

Mirabai Chanu Biography in Hindi : Career –2014 में ग्लासगो में आयोजित ‘राष्ट्रमंडल खेलों’ में मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन स्पर्धा के 48 किलोग्राम वर्ग में कुल 170 किलो वजन उठाया, जिसमें 75 किलोग्राम स्नैच में और 95 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क में था। इसमें इन्होंने रजत पदक प्राप्त किया। इसके बाद वर्ष 2016 में ब्राजील के रियो डी जैनेरो में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में असफल होने के कारण वह कोई भी पदक जीत नहीं सकी।

इसके अगले वर्ष 2017 में अनाहाइम, केलिफोर्निया (यूएसए) में आयोजित ‘विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप’ में महिलाओं की 48 किलोग्राम श्रेणी में 194 किलोग्राम (85 किलोग्राम स्नैच एवं 109 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क) का भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। इसके अगले ही साल 2018 के ‘राष्ट्रमंडल खेलों’ में चानू ने 196 किलोग्राम (जिसमें 86 किलोग्राम स्नैच एवं 110 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क) का भार उठाकर भारत को 2018 के ‘राष्ट्रमंडल खेलों’ का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इसके साथ ही उन्होंने 48 किलोग्राम श्रेणी वर्ग का राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इसके पहले वर्ष 2016 में भी मीराबाई चानू का चयन ‘रियो ओलंपिक’ में हुआ था, परंतु इसमें वह कोई भी मेडल जीतने में असफल रही थी। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत

‘विश्व चैंपियन’ रह चुकी मीराबाई चानू ने ‘कतर इंटरनेशनल कप’ में महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी चानू ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क मे एक बार फिर से स्वर्ण पदक जीता। उस समय मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह द्वारा ‘गोल्ड कोस्ट’ में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला भारत्तोलक साइखोम मीराबाई चानू और खुमुकचाम संजीता चानू को 15-15 लाख रुपए के नगद इनाम की घोषणा कि गई। 

22 साल की उम्र में तोड़ा 22 साल पुराना रिकॉर्ड

कर्णम मल्लेश्वरी के बाद मीराबाई चानू ने वर्ल्ड चैंपियनशिप बनने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) हैं। उन्होंने यह उपलब्धि नवंबर 2017 में अनाहाइम, कैलिफ़ोर्निया (यूएसए) में आयोजित ‘विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप’ में 194 किलोग्राम (स्नैच में 85 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 109 किलोग्राम) का भार उठाकर हासिल किया था। उस समय मीराबाई चानू केवल 22 वर्ष की थी।’वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप’ में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक जीतने में 22 वर्ष लग गए।

इसके पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। महिलाओं के ‘वर्ल्ड वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप’ मे भारत के खाते में अब तक केवल दो स्वर्ण पदक से जुड़े हैं।

मीराबाई चानू ( Mirabai Chanu ) के नाम रिकॉर्ड

  • 2014   –  ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ ग्लासगो में 48 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल।
  • 2016   –  गुवाहाटी में संपन्न 12वीं साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक।
  • 2017   –  वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियन में 48 किलोग्राम वर्ग में रजत स्वर्ण पदक।
  • 2018   –  कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक 

सम्मान।

  • 2018  –   भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ से सम्मानित।
  • 2018  –  राष्ट्रपति नाथ रामनाथ कोविंद द्वारा ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित।
  • 2018  –  ‘एम्वे इंडिया’ का ब्रांड एंबेसडर बनी।
  • 2021  –  टोक्यो ओलंपिक 2021 में रजत पदक जीतने पर मणिपुर सरकार ने 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि एवं एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

टोक्यो ओलंपिक 2021

‘टोक्यो ओलंपिक 2021’ में महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में 202 किलोग्राम (87 किलोग्राम स्नैच और 115 किलोग्राम क्लीन एंड जर्क) वजन उठाकर मीराबाई चानू ने भारत को रजत पदक दिलाया।

रोचक तथ्य 

‘टोक्यो ओलंपिक 2021’ में पदक जीतने के बाद स्वदेश लौटने पर जहाँ एक तरफ उनके सम्मान में कार्यक्रम किए जा रहे थे एवं उन पर पुरस्कारों की बारिश हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ मीराबाई चानू उन लोगों का शुक्रिया अदा कर रही थी जो उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में किसी न किसी मोड़ पर मददगार रहे थे।

  • मीराबाई ने टोक्यो से स्वदेश लौटने पर बताया था कि ‘ट्रेनिंग के समय कुछ ट्रक ड्राइवर उन्हें 25 किलोमीटर दूर स्थित ट्रेनिंग कैंप तक ले जाने में उनकी मदद करते थे।’
  • मीराबाई ने यह भी बताया कि ‘उनके घर से इंफाल स्थित ट्रेनिंग सेंटर 25 किलोमीटर दूर है। ऐसे में कुछ ट्रक ड्राइवरर्स उन्हें वहां तक मुफ्त में पहुंचाते थे जिससे उनकी आर्थिक तौर पर मदद हो जाया करती थी।’
  • यही वजह है कि मणिपुर स्थित अपने गांव लौटने पर मीराबाई चानू ने उन ट्रक ड्राइवर्स से मिलने की इच्छा जताई, जिन्होंने उनकी मदद की थी। 
  • उन्होंने सभी ट्रक ड्राइवर्स और सहायकों को सम्मानित किया और गिफ्ट भी दिए।
  • मीराबाई चानू ने सभी को भोजन कराने के साथ-साथ उन्हें एक शर्ट और एक मणिपुरी दुपट्टा भी दिया 
  • ट्रक ड्राइवर से मिलने के दौरान वह भावुक हो गई। 
  • उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा था, जिसमें वह ट्रक ड्राइवर्स को सम्मानित करने के बाद उनके पैरों को छूती नजर आ रही थीं।
  • उनके इस वीडियो पर भारत के बड़े उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट के जरिए कमेंट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- ‘जहां तक मेरा सवाल है, मीराबाई चानू का यह भाव उन्हें गोल्ड मेडलिस्ट बनाता है। उन्हें चरण स्पर्श करते देख मेरी आंखें नम हो गई। हमारे देश के सबसे खूबसूरत भागों में से एक।’
  • आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट को बहुत लोगों ने भी रिट्वीट किया और मीराबाई चानू की तारीफ करते हुए अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
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