हिमा दास की बायोग्राफी | Hima Das Biography in Hindi

हिमा दास की बायोग्राफी | Hima Das Biography in Hindi

 

हिमा दास का जीवन परिचय (हिमा दास, जन्म, आयु, जाति, परिवार, हाईट, शिक्षा, करियर, स्ट्रगल शादी, विवाद, नेटवर्थ) | Hima Das Biography  [ Hima Das, Birth, Cast, Family, Height, Education, Career, Struggle, Fitness, Age, Husband, Net worth]

 

हिमा दास 

(Hima Das)

अंतरराष्ट्रीय स्तर की भारतीय एथलीट ।

हिमा दास अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक भारतीय महिला एथलीट हैं। वह महिलाओं के 400 मीटर रेस में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। असम की रहने वाली हिमा दास ‘आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप’ की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हिमा ने 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता था।

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वर्ष 2019 में उन्होंने मात्र 19 दिन में ही 5 गोल्ड मैडल जीतकर पूरे देश का नाम दुनियाभर में रोशन कर दिया। चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में भाग लेने पहुंचीं हिमा दास ने 17 जुलाई 2019 को, अपने राज्य असम में आए बाढ़ के लिए ‘मुख्यमंत्री राहत कोष’ में अपना आधा वेतन दान कर दिया। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर बड़ी कंपनियों और व्यक्तियों से भी आगे आकर असम की मदद करने की अपील की।

हिमा दास की बायोग्राफी | Hima Das Biography in Hindi

हिमा दास की बायोग्राफी | Hima Das Biography in Hindi

26 फरवरी, 2021 के दिन हिमा दास को असम पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक(डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया गया। दास को राज्य की ‘एकीकृत खेल नीति’ के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया।

आज के इस लेख में हम भारत कि नई उड़न परी हिमा दास के जीवन परिचय, उनके जीवन संघर्ष, उनके करियर से लेकर असम राज्य के पुलिस अधीक्षक बनने तक के सफर के बारे में जानेंगे: 

 

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हिमा दास का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम  :    हीमा रोंजित दास (Hima Ronjit Das)

उपनाम  :    ढिंग एक्सप्रेस, हिमा, मोन जय और गोल्डन गर्ल।

जन्म  :   9 जनवरी 2000 (आयु 22 वर्ष)

जन्म स्थान  :  ढिंग, नगाँव, असम (भारत)

पिता  :   रोंजित दास (किसान)

माता  :   जोमाली

गृहनगर :   ढिंग, नगाँव, असम, भारत

आवास  :  ढिंग, नगाँव, असम (भारत)

स्कूलिंग  :  

शिक्षण संस्थान :  

शैक्षणिक योग्यता  :   

राशि :  मकर राशि

धर्म  :  हिन्दु

जाति :  दलित

राष्ट्रीयता  :   भारतीय

पेशा (Profession) :  एथलीट (धावक)

देश :  भारत

कोच निपोन दास

वैवाहिक स्थिति  :   अविवाहित

राष्ट्रीय पुरुस्कार :  अर्जुन अवार्ड (25 सितम्बर 2018)

प्रसिद्धि :   विश्व स्तर पर ट्रैक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के लिए।

 

हिमा दास का प्रारंभिक जीवन (Early Life) ।

हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के ढिंग गाँव में एक दलित परिवार मे हुआ था। उनके पिता का नाम रोंजीत दास तथा माता का नाम जोमाली दास है। उनके माता-पिता पेशे से एक किसान है, और अपने गांव में ही चावल की खेती करते हैं। हिमा कुल पांच भाई-बहने हैं, जिनमें से वह पांचों भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। हिमा के घर में कुल 16 सदस्य हैं। उनके घर की आर्थिक स्थिति ऐसी थी, कि बस अपने खाने-पीने की व्यवस्था हो जाती थी। 

हिमा को बचपन से खेलने का बहुत शौक था, और वह अपने स्कूल के दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थी। वे अपने गांव और ज़िले के आस पास छोटे-मोटे फ़ुटबॉल मैच खेलकर 100-200 रुपये जीत लेती थी। फुटबॉल खेल उन्हें बहुत पसंद था, इसलिए वह फुटबॉल में ही अपना करियर बनाना चाहती थी।

लेकिन अपने विद्यालय ‘जवाहर नवोदय विद्यालय’ के खेल शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया। शमशुल हक़ ने उनकी पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं, जिसमें उन्होंने दो स्वर्ण पदक भी जीते।

 

 

शिक्षा (Education)

हिमा ने अपनी शुरूआती पढ़ाई, ढिंग गाँव के स्थानीय स्कूल ‘जवाहर नवोदय विद्यालय’ से पुरी की। खेलों में रूचि होने के कारण हिमा दास ने स्कूल के दिनों से ही खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था। इसके बाद वे राज्य स्तर पर कि प्रतिस्पर्धा में भी खेलने लगी थी। खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के कारण वह अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती थी। 

 

हिमा दास का जीवन संघर्ष (Struggle Story of Hima das)

हिमा दास के अपने गांव, नगांव में अक्सर बाढ़ के हालात बन जाते हैं, जिस कारण से उनका गांव बहुत अधिक विकसित नहीं है। जब हिमा अपने गांव में रहती थीं, तो बाढ़ की वजह से खेत और मैदान पानी से लबालब भर जाते थे, जिसके कारण वह कई-कई दिन तक प्रैक्टिस नहीं कर पाती थी।

वर्ष 2017 में जब हिमा, असम की राजधानी गुवाहाटी में एक कैम्प में हिस्सा लेने आई थीं, तब निपुण दास की नज़र उन पर पड़ी। उन्होंने हिमा की प्रतिभा को पहचाना और हिमा को एथलिट के गुण सिखाये। निपुण दास, हिमा के बारे में कहते हैं, कि- “वह जनवरी का महीना था, जब हिमा एक स्थानीय कैम्प में हिस्सा लेने राजधानी गुवाहाटी आई थी, वह जिस तरह से ट्रैक पर दौड़ रही थी, मुझे लगा कि इस लड़की में आगे तक जाने की काबिलियत है।”

इसके बाद निपुण दास, हिमा के माता-पिता से मिलने उनके गांव पहुंचे, और हिमा को बेहतर कोचिंग के लिए गुवाहाटी भेजने को कहा। हिमा के माता-पिता की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी, कि वह हिमा को बार भेज सकें। लेकिन उनके माता-पिता अपनी बेटी को आगे बढ़ते हुए भी देखना चाहते थे, पर वे हिमा के बाहर रहने का खर्च उठाने में असमर्थ थे। ऐसे मे निपुण दास ने इस समस्या का हल निकालते हुए, हिमा के गुवाहाटी में रहने का खर्चा खुद उठाने की बात कही। जिसके बाद हिमा के माता-पिता उन्हें गुवाहाटी भेजने के लिए तैयार हो गए।

इसके बारे में निपुण दास बताते हैं कि- “मैंने हिमा के माता-पिता से बातचीत की, और उन्हें कहा कि हिमा के गुवाहाटी में रहने का खर्च मैं खुद उठाऊंगा, बस आप उसे बाहर आने की मंजूरी दें। इसके बाद वे हिमा को बाहर भेजने के लिए तैयार हो गए।”

 

 शारीरिक संरचना (Body Measurement) ।

लंबाई से० मी०- 165

मी०- 1.65

फीट इंच- 5’5″

वजन 55 Kg
आंखों का रंग  काला
बालों का रंग भुरा

 

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हिमा दास कि ट्रेनिंग (Hima Das Training) ।

जब हिमा अपनी ट्रेनिंग के लिए गुवाहाटी पहुंची, तो शुरुआत मे उनके कोच निपुण दास ने हिमा को फ़ुटबॉल से एथलेटिक्स में आने के लिए तैयार किया और शुरू में 200 मीटर प्रतिस्पर्धा की ट्रेनिंग दी। लेकिन बाद में, हिमा के स्टैमिना को देखते हुए उनके कोच को लगा कि वे 400 मीटर में अधिक कामयाब रहेंगी। जिसके बाद कोच निपुण दास ने हिमा को 400 मीटर दौड़ की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया।

हिमा के कोच, निपोण दास ने हिमा को अंतर-जिला प्रतियोगिता के दौरान देखते हुए कहा था कि, “हिमा ने सबसे सस्ते स्पाइक्स पहन रखे हैं, और इसके बावजूद भी वह 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण जीत जाती हैं। वह हवा की तरह दौड़ रही थी, अपने संपूर्ण जीवन में मैंने इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभा नहीं देखी।”

 

हिमा दास का करियर (Hima Das Career) 

हिमा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत फिनलैंड विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप (Finland Under-20 Championship) रेस से की। इस रेस के शुरुआती 35 सेकेंड तक हिमा शीर्ष तीन में भी नहीं थीं, लेकिन एक शख्स थे, जो हिमा की असली रेस देखने को आतुर थे, और वो थे उनके कोच निपुण दास। इस रेस के अंतिम 100मी रेस मे  हिमा ने अपनी गति पकड़ी और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।

हिमा के इस रेस में अंतिम समय पर गति पकड़ने के बारे में उनके कोच बताते हैं की, “रेस में जब आखिरी 100 मीटर तक हिमा चौथे स्थान पर थी, तो मुझे यक़ीन हो गया था कि वह इस बार गोल्ड ले कर आएगी। मैं उसकी तकनीक को जानता हूं, वह शुरुआत में थोड़ी धीमी रहती है और अपनी पूरी ऊर्जा अंतिम 100 मीटर में लगा देती है। यही उसकी खासियत है।”

वे इसमें आगे जोड़ते हुए कहते हैं कि, “हिमा को ट्रैक के कर्व, यानी कि मोड़ पर थोड़ी समस्या होती है, और यह बहुत हल्की सी दिक्कत है। यही वजह है कि, शुरुआत में वह हमेशा पीछे ही रहती है। लेकिन जब ट्रैक सीधा हो जाता है तो वह रेस मे अपनी तेज़ी से रिकवर करते हुए सबसे आगे निकल जाती है।”

जब 18 वर्षीय हिमा ने आईएएएफ विश्व अंडर-20 चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा, तब पूरे देश को वर्ष 2018 मे आयोजित, एशियाई खेलों (18th Asian Games) में भी उनके स्वर्ण पदक की जितने कि उम्मीद थी। हिमा इसकी प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। लेकिन इस गेम्स के सेमीफाइनल में उनके फाउल होने के कारण भारत के पदक जीतने की उम्मीदों पर पानी फीर गया और इस गेम्स मे हिमा को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। इसके फाइनल रेस में उन्होंने 50.79 सेकंड के समय के सान पुरा किया था।

एशियाई खेलों के बाद, हिमा दास ने वर्ष 2019 में पोलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और इसमें उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीता। यह दोनों पदक उन्हें 200 मीटर की रेस में जीता था। इस प्रतियोगिता में हिमा ने पहला पदक 2 जुलाई को पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में 200 मीटर रेस को 23.65 सेकंड में पूरा करते हुए जीता था, जबकि दूसरा पदक 7 जुलाई को कुनटो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.97 सेकंड में पूरा करते हुए हासिल किया था।

एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने के बाद हिमा दास ने चेक रिपब्लिक का भी दौरा किया, जहां उन्होंने एक बार फिर से अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा। चेक चेक रिपब्लिक के दौरे पर उन्होंने तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए। इसके साथ ही वह 19 दिनों में लगातार पांच स्वर्ण पदक अपने नाम करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इन पांच पदक में से 2 पदक उन्होंने पोलैंड में और 3 पदक उन्होंने चेक रिपब्लिक में जीता था। चेक रिपब्लिक की इस प्रतियोगिता में, हिमा ने क्लाद्नो एथलेटिक्स मीट और ताबोर एथलेटिक्स मीट की 200 मीटर की क्षेणी में और नोवे मेस्टो नाड मेटुजी ग्रांप्री में 400 मीटर की क्षेणी में स्वर्ण पदक हासिल किया था। 

हिमा दास की खेल उपलब्धियों को देखते हुए, 26 फरवरी 2021 को हिमा दास को असम पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया गया। दास को राज्य की ‘एकीकृत खेल नीति’ के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया है।

 

व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ (Best Performance)

  • 400 मीटर- 50.79 (एशियन गेम्स 2018) जकार्ता
  • 100 मीटर- (11.74 सेकेंड में)
  • 200 मीटर- (23.10 सेकेंड में)

 

हिमा दास की पसंदीदा चीजें | Favorite Things।

पसंदीदा फिल्म मोन जय, मिशन चाइना
पसंदीदा ट्रैक एथलीट अश्विनी अक्कुनजी
पसंदीदा खेल फुटबॉल
पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी निकोलस वेलेज (Nicolás Vélez, Argentina)
पसंदीदा संगीतकार जुबिन गर्ग
शौक (Hobbies) फुटबॉल खेलना, शूटिंग करना, संगीत सुनना, फिल्में देखना।

 

हिमा दास को मिले पुरस्कार और सम्मान (Awards and Rewards) |

26 फरवरी 2021 को हिमा दास को असम पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया गया। दास को राज्य की ‘एकीकृत खेल नीति’ के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया है।

 

हिमा दास से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Some Interesting Facts) ।

  • हिमा दास, असम के एक छोटे से गांव, नगांव जिले की रहने वाली है। उनके पिता पेशे से एक किसान हैं।
  • हिमा को बचपन में फुटबॉल खेलने का बहुत शौक था। वह बचपन में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं, और वे फुटबॉल में स्ट्राइकर बनना चाहती थी।
  • भारत की नई उड़न परी के नाम से मशहूर हिमा दास विश्व स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं। जबकि, हिमा से पहले किसी महिला एथलीट ने ये उपलब्धि हासिल नहीं किया था। वहीं मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा भी ये कमाल नहीं कर पाए थे।
  • हिमा के माता-पिता उनके गुवाहाटी स्थानांतरित होने पर राजी नहीं थे। क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे, कि वह सीमा के बाहर रहने का खर्चा उठा सके। तब उनके कोच निपोण दास ने उनकी मदद की और हिमा के खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली, जिसके बाद उनके माता-पिता मान गए।
  • आईएएएफ विश्व U-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ के सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने के बाद एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Athletics Federation of India) ने हिमा दास की अंग्रेजी भाषा को लेकर अपमानित करते हुए एक ट्वीट किया था।
  • हिमा दास को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 26 फरवरी 2021 को औपचारिक रूप से पुलिस उपाधीक्षक पद पर नियुक्ति पत्र दिया था।

 

हिमा दास के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : हिमा दास कौन है ?

उत्तर : भारतीय महिला एथलीट।

 

प्रश्न : हिमा दास का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : 9 जनवरी 2000 को।

 

प्रश्न : हिमा दास की उम्र कितनी है ?

उत्तर : 22 वर्ष (2022 मे) ।

 

प्रश्न : हिमा दास वर्तमान में कहां रहते हैं ?

उत्तर : ढिंग, नगाँव, असम (भारत)

 

प्रश्न : क्या हिमा दास शराब (अल्कोहल) का सेवन करती हैं ?

उत्तर : नहीं।

 

प्रश्न : क्या हिमा दास धूम्रपान करती  हैं ?

उत्तर : नहीं

 

प्रश्न : हिमा दास की शादी किससे हुई है ?

उत्तर : वे अब तक अविवाहित हैं।

 

प्रश्न : हिमा दास के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर : कोई नहीं।

 

प्रश्न : हिमा दास किस राज्य की है ?

उत्तर : असम, भारत 

 

प्रश्न : हिमा दास किससे संबंधित है ?

उत्तर : खेल जगत से।

 

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आभार ।

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