अंजू बॉबी जॉर्ज की बायोग्राफी | Anju Bobby George Biography in Hindi

अंजू बॉबी जॉर्ज की बायोग्राफी | Anju Bobby George Biography in Hindi

 

अंजू बॉबी जॉर्ज का जीवन परिचय (परिवार, जीवनी, करियर, आयु, कूल संपत्ति, अफेयर, विवाद) (Anju Bobby George Biography, Career, Networth, Affairs, controversies, Caste in Hindi, Age)

 

Table of Contents

अंजू बॉबी जॉर्ज

(Anju Bobby George)

भारतीय महिला एथलीट (Long Jump Player)

 

अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) एक भारतीय एथलीट हैं, और वे लंबी कूद कि खिलाड़ी हैं। वे भारत कि एक पेशेवर एथलीट रह चुकी हैं। अंजू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए बहुत सारे मेडल भी जीते हैं। जिसमें अंजू बॉबी जॉर्ज ने वर्ष 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रच दिया था। इस उपलब्धि के प्राप्त करने के साथ ही वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता था। इसके बाद वर्ष 2005 में आईएएएफ (IAAF) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में उन्होंने रजत पदक जीता था। अपने इस प्रदर्शन को अंजू अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन बताती हैं।

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अंजू ने 5 वर्ष की उम्र से ही खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था। इस क्षेत्र में करियर बनाने मे उनके पिता ने भी उनका भरपूर साथ दिया। अंजू ने एथलीट में तो कई सारे मेडल जीते ही हैं, इसके साथ-साथ उन्हें भारत सरकार द्वारा कई राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। जिसमें ‘अर्जुन पुरस्कार’, ‘पद्म श्री’ पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ भी शामिल है। 

अभी हाल ही में, अंजू बॉबी जॉर्ज को ‘वर्ल्ड एथलेटिक्स’ द्वारा ‘वूमेन ऑफ द ईयर’ चुना गया है। वर्तमान में अंजू बॉबी जॉर्ज भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन कि वाइस प्रेसिडेंट हैं। तो आइए जानते हैं, अंजू बॉबी जॉर्ज से जुड़े चीजों और उनके जीवन के बारे में :

अंजू बॉबी जॉर्ज की बायोग्राफी | Anju Bobby George Biography in Hindi

अंजू बॉबी जॉर्ज की बायोग्राफी | Anju Bobby George Biography in Hindi

अंजू बॉबी जॉर्ज का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम  :    अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George)

जन्म  :   19 अप्रैल1977 (आयु 44 वर्ष)

जन्म स्थान  :  चंगनाशेरी, कोट्टायम, केरल (भारत)

पिता  :   के.टी. मार्कोस

माता  :   ग्रेसी मार्कोस

गृहनगर :   चंगनाशेरी, कोट्टायम, केरल (भारत)

आवास  :  बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत)

स्कूलिंग  :  के. सी. एम. हायर सेकेंडरी स्कूल, कोट्टायम, केरल

कॉलेज/ यूनिवर्सिटी :  विमला कॉलेज, केरल

शैक्षणिक योग्यता  :   स्नातक

राशि : मेष राशि (Aries)

धर्म  :   क्रिश्चियन

राष्ट्रीयता  :   भारतीय

पेशा (Profession) :  लम्बी कूद खिलाड़ी

राष्ट्रीय कोच : पी. टी. जोसेफ, रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज

सक्रिय वर्ष : वर्ष  से अब तक

भाषा (Language) हिंदी एवं अंग्रेजी।

वैवाहिक स्थिति  :   विवाहित

पति  :   रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज (‘ट्रिपल जंप’ के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन)

पुरस्कार (Awards) :  पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार।

 

अंजू बॉबी जॉर्ज का प्रारंभिक जीवन (Early Life) ।

अंजू का जन्म 19 अप्रैल 1977 को केरल के कोट्टायम जिले के चंगनाशेरी के कोचूपरम्बिल मे हुआ। उनके पिता का नाम के.टी. मार्कोस एवं माता का नाम ग्रेसी मार्कोस है। उनके पिता फर्नीचर का व्यवसाय करते है।

अंजू के जन्म के बाद से उनके परिवार में खुशियों का माहौल था। अंजू बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छी थी, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि बेटी खेलकूद में भी ध्यान दें, और इसी में अपना करियर बनाए। क्योंकि उन दिनों भारतीय एथलीट ‘पीटी उषा’ की प्रतिभा से पूरा भारत गौरवान्वित था, और उनकी चर्चा चारों ओर हो रही थी। जिसके बाद अंजू के जीवन पर भी ‘पीटी उषा’ का प्रभाव पड़ा। अंजू पीटी उषा को अपना आदर्श मानती हैं।

अब अंजू की खुशकिस्मती यह थी, कि वह एक ऐसे सूबे में पैदा हुई, जहां के स्कूलों में खेलकूद को उस जमाने में भी बहुत गंभीरता से लिया जाता था और उसके लिए संसाधन भी उपलब्ध करवाए जाते थे। इस पर उनके परिवार वालों का भी भरपूर साथ मिला। उसके बाद अंजू ने खुद को पूरी तरह से खेल को समर्पित कर दिया। उन्होंने पाँच वर्ष की उम्र में एथलेटिक्स स्पर्धाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था।

 

अंजू बॉबी जॉर्ज की शिक्षा (Education)

अंजू ने अपनी स्कूली पढ़ाई सीकेएम कोरूथोड स्कूल से पूरी की। पढ़ाई के साथ-साथ वे खेल प्रतिस्पर्धा में भी भाग लेती रही, जहां उनके स्कूल के खेल प्रशिक्षक ने उन्हें प्रशिक्षण दिया और उनकी खेल में रुचि को बनाए रखा। अपनी स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद अंजू ने विमला कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की।

 

अंजू बॉबी जॉर्ज के करियर की शुरुआत (Early Career)

अंजू बॉबी जॉर्ज ने 5 वर्ष की उम्र से ही खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था। वे स्कूल के दिनों में ही खेलों में अच्छा प्रदर्शन भी करने लगी थी। पढ़ाई के साथ-साथ अंजू 100 मीटर बाधा दौड़, हेप्टाथलान, ऊंची कूद, लंबी कूद जैसी चीजों में प्रैक्टिस करने लगी। वर्ष 1991-92  के स्कूल एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धा में अंजू ने 100 मीटर बाधा दौड़ मे पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि ऊंची कूद और लंबी कूद प्रतिस्पर्धा में उन्हें दूसरा स्थान मिला।

इस जीत के साथ और अच्छे प्रदर्शन के साथ अंजू को विश्वास होने लगा कि एक दिन वे भी अपने देश का नाम रोशन कर सकती हैं। इस जीत से उनका हौसला बढ़ गया था।

 

 शारीरिक संरचना (Body Measurement) ।

लंबाई

से० मी०- 185

मी०- 1.85

फीट इंच- 5’8″

वजन

66 Kg

पोंड में- 145 Lbs

आंखों का रंग 

काला
बालों का रंग

काला

 

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अंजू बॉबी जॉर्ज के पेशेवर करियर की शुरुआत (Professional Career) ।

अंजू बॉबी जार्ज ने अपनी शुरूआत हेप्टाथलान के साथ की थी, लेकिन बाद में उन्होंने कूद की प्रतियोगिताओं पर ध्यान देना शुरू किया। वर्ष 1996 दिल्ली मे हुए जूनियर एशियन चैंपियनशिप में अंजू ने लंबी कूद का खिताब जीता। इस जीत के साथ ही अंजू कि पहचान राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी थी।

वर्ष 1996 में में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक प्रशिक्षण शिविर में नेशनल कोच पीटी जोसेफ के सानिध्य में अंजू ने ट्रेनिंग शुरू कर दी। लेकिन वर्ष 1998 में जब अंजू लंबी कूद की ट्रेनिंग ले रही थी, तब उसी वर्ष हुए एशियाई खेलों में उनका चयन नहीं हो पाया था। उसके बाद वर्ष 1999 में अंजू ने बंगलोर फेडरेशन कप में ‘ट्रिपल जंप’ का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और नेपाल में हुए दक्षिण एशियाई फेडरेशन खेलों में रजत पदक प्राप्त किया। 

अंजू के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया, जब एक समय लगा कि उनका करियर बस यही तक का था। हुआ यह कि, ट्रेनिंग के दौरान अंजू के टखने में चोट लग गई थी। यह चोट इतनी गंभीर थी, कि उनका खेल करियर खत्म होने के कगार पर पहुंच गया था। उसी समय सिडनी ओलंपिक होने वाले थे, जिसमें इस चोट के कारण अंजू हिस्सा नहीं ले पाईं थी, और पूरे 2 सालों तक वह किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकी थी। इसी बीच उनकी शादी हो गई। सब को लगा कि अंजू का एथलीट करियर बस यहीं तक का था।

लेकिन वर्ष 2001 में अंजू ने सबको चौक आते हुए तिरुअनंतपुरम में आयोजित नेशनल सर्किट मीट में लंबी कूद के अपने रिकॉर्ड को और बेहतर बनाकर 6.74 मीटर कर दिया। इसी वर्ष उन्होंने लुधियाना में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में ट्रिपल जंप और लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद अंजू ने हैदराबाद राष्ट्रीय खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सर्वोच्च स्थान बनाए रखा। इसके बाद वर्ष 2002 मे उन्होंने बुसान में हुए एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता। 

वर्ष 2003 में पेरिस में ‘वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप’ आयोजित होने वाली थी। लेकिन अंजू के साथ दिक्कत यह थी कि वह 26 सालों से एक ही किडनी के सहारे खेलती आ रही थी, जिसकी वजह से अंजू बॉबी जॉर्ज को अब थकान होने लगी थी। शरीर में काफी सूजन भी थी, और पेरिस वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के करीब 20 दिन पहले ही डॉक्टरों ने अंजू को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से साफ तौर पर मना कर दिया था।

लेकिन अंजू बॉबी जॉर्ज ने ना केवल वर्ष 2003 में पेरिस में हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप मे भाग लिया, बल्कि 6.70 मीटर लंबी कूद लगाते हुए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं। इसके बाद उन्होंने इसी वर्ष हुए एफ्रो एशियाई खेलों में एक स्वर्ण पदक जीता। 

अंजू बॉबी जॉर्ज अपने मेडल के साथ

अंजू बॉबी जॉर्ज अपने मेडल के साथ

वर्ष 2004 में उन्होंने एथेंस में हुए ओलिंपिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6.83 मीटर की छलांग लगाई, और छठवाँ स्थान प्राप्त किया। सितम्बर 2005 में, दक्षिण कोरिया के इनचान शहर में आयोजित 16 वीं एशियन एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने महिलाओं की लंबी कूद में 6.65 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता। इसी वर्ष 2005 में हुए आईएएएफ (IAAF) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में 6.75 मीटर की छलांग लगाकर अंजू ने रजत पदक अपने नाम किया। अपने इस प्रदर्शन को वे अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन बताती हैं। 

इसके बाद वर्ष 2006 में दोहा में हुए 15 वें एशियाई खेलों में महिला वर्ग की लंबी कूद में अंजू ने रजत पदक जीता। वर्ष  2008 में दोहा (कतर) में आयोजित तीसरे एशियाई इंडोर चैंपियनशिप में उन्होंने 6.38 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक प्राप्त किया। उसके बाद इसी वर्ष उन्होंने कोच्चि (केरल, भारत) में आयोजित तीसरे दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 6.50 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता था।

भले ही अंजू भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड नहीं जीत पाई हो, लेकिन उन्होंने रजत पदक और कांस्य पदक जीतकर कई बार भारत को गौरवान्वित किया है। अपने ओलंपिक गोल्ड मेडल ना जीत पाने पर वे कहती हैं-  “ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतना हर एथलीट का सपना होता है। मेरा यह सपना अधूरा रह गया, जिसका मुझे मलाल है। कोशिश रहेगी कि मेरे बच्चे वहां तक पहुंचे, इसलिए बच्चों को एथलेटिक्स में डाल दिया है।”

वर्तमान में अंजू ‘अंजू बॉबी जॉर्ज स्पोर्ट्स फाउंडेशन’  नाम की एक फाउंडेशन चलाती है। जिसमें 14 से 16 वर्ष और 17 से 19 वर्ष के बच्चों को एथलीट की ट्रेनिंग दी जाती है।

वे कहती हैं कि,  “मैं भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की में वाइस प्रेसिडेंट हूं। मुझे जो सम्मान मिला वह तब और ज्यादा सार्थक होगा, जब मेरे द्वारा तैयार खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल जीतेंगे। पहले की तुलना में देश के खेल में काफी बदलाव आए हैं, खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन मिल रहे हैं। यही वजह है कि नीरज चोपड़ा जैसे प्रतिभा निकल कर सामने आ रहे हैं।”

 

अंजू बॉबी जॉर्ज का घर, संपत्ति, शौक, कार कलेक्शन- वर्ष 2021 मे (Networth, House, Hobbies, Car Collection in 2021) |

आवास

बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत)
नेटवर्थ

(Networth)

$ 1.5 मिलियन डॉलर 

(₹11 करोड़ INR) लगभग

पसंदीदा  एथलीट 

Marion Jones
शौक (Hobbies)

ट्रैवल करना

 

निजी जीवन (Personal Life)

अंजू की मुलाकात रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज से अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक प्रशिक्षण शिविर में हुई थी, जहां वे दोनों नेशनल कोच पीटी जोसेफ से ट्रेनिंग ले रहे थे। ट्रेनिंग के दौरान वे दोनों अच्छे दोस्त बन गए। लेकिन वर्ष 1998 में जब अंजू का एशियाई खेलों में चयन नहीं हुआ तो वह काफी निराश थी। जिसके बाद रॉबर्ट बॉबी ने उनका ध्यान रखा और अंजू की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए अपना पूरा ध्यान लगा दिया। इस दौरान उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।  उन दोनों ने एक साथ जीवन बिताने का फैसला किया और दोनों ने शादी कर ली। अंजू और रोबोट के दो बच्चे भी हैं, जिनका नाम- आरोन जॉर्ज (बेटा) और एंड्रिया जॉर्ज (बेटी) है।

अंजू बॉबी जॉर्ज अपनी बेटी के साथ

अंजू बॉबी जॉर्ज अपनी बेटी के साथ

अंजू के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ‘ट्रिपल जंप’ में पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन और उनके कोच भी रहे हैं। रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज एक एथलीट होने के साथ-साथ एक मॉडल भी थे, और मिस्टर इंडिया प्रतियोगिता में अंतिम तक बने हुए थे। 

अंजू वर्तमान मे कस्टम विभाग में कार्यरत है, और वे बेंगलौर में रहती हैं। उनकी खेल उपलब्धियों को देखते हुए चेन्नई कस्टम्स हाउस ने बिना बारी के उनको पदोन्नति दी है।

अंजू आज जो भी है अपने पति के वजह से हैं। उनके पति बॉबी जॉर्ज ने अंजू के लिए अपना ट्रिपल जंप का करियर छोड़ दिया, ताकि वह पूरा समय अंजू की कोचिंग में लगा सके। अंजू कहती है, कि वह आज जो भी हैं, अपने पति की वजह से हैं।

अंजू बॉबी जॉर्ज अपने परिवार के साथ

अंजू बॉबी जॉर्ज अपने परिवार के साथ

 

पारिवारिक जानकारियां |

माता-पिता

के.टी. मार्कोस (पिता) 

ग्रेसी मार्कोस (माता)

भाई/ बहन

एक छोटा भाई- अजीत (Ajith) मार्कोस 

पति

रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज

बच्चे

आरोन जॉर्ज (बेटा) 

एंड्रिया जॉर्ज (बेटी)

बॉयफ्रेंड/ अफेयर

रोबोट बॉबी जॉर्ज (पति)

 

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अंजू को मिला था अपने पति का साथ ।

जब अंजू कि शादी हुई, तब सब को लगने लगा कि उनका करियर में बस इतना तक ही था। लेकिन उनके पति रॉबर्ट को अंजू की क्षमता का अंदाजा था। इसके बाद रॉबर्ट ने बायोमैकेनिक्स के बारे में पढ़ा, लंबी कूद पर गहन रिसर्च किया और अंजू ने उनका अनुसरण करते हुए सप्ताह में 35 घंटे तक अभ्यास करके अपने पति के मेहनत को सफल बना दिया। जिसके बाद वर्ष 2001 में नेशनल सर्किट मीट में उन्होंने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड कायम किया था।

इसके बाद वर्ष 2003 में एक किडनी के सहारे 26 वर्षों तक खेलते हुए अंजू को थकान होने लगी थी। शरीर में भी काफी सूजन रहने लगी थी, लेकिन सामने पेरिस में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप था, जिसमें डॉक्टरो ने उन्हें भाग लेने से मना कर दिया था। उसके बाद उनके पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने एक बार फिर से कमान संभाला और अंजू ने पेरिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेते हुए कांस्य पदक जीता।

वर्ष 1998 की बात है, रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज एक हादसे में घायल हो गए थे। जिसके कारण उनके घुटनों में गंभीर चोटें आईं थी। इसके बाद उन्होंने अपने करियर को विराम देने का फैसला किया, और अपने करियर को छोड़ते हुए अंजू के करियर को कामयाबी के शिखर तक पहुंचाने पर ध्यान दिया।

इसके पहले वर्ष 1998 में ही जब अंजू का चयन एशियाई खेलों में नहीं हुआ था, और वह पूरी तरह से हताश हो गई थी। तब उनके साथी रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने हीं उनका ध्यान रखा था, और उनकी खेल प्रतिभा को निखारने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया था। जिसके बाद उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई थी।

अंजू कहती है कि,  “बॉबी ने मुझे गाइड करने के लिए अपना करियर त्याग दिया। आज मैं जो भी हूं उनके उसी त्याग की बदौलत हूं।”

वर्ष 2016 में अंजू ने ‘अंजू बॉबी जॉर्ज फाउंडेशन’ शुरू की है। जिसमें 14 से 16 वर्ष और 17 से 19 वर्ष के बच्चों को एथलीट की ट्रेनिंग दी जाती है।

 

 

अंजू बॉबी जॉर्ज की उपलब्धियां (Achievements)

  • 1999 में अजूं ने दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता |
  • 2001 में अजूं ने लम्बी कूद का रिकार्ड कायम किया, उन्होंने 6.74 मीटर लम्बी छलांग लगाई।
  • अंजू दुनियां में 13वीं रैंकिंग रही है | चैम्पियनशिप के लिए सातवीं रैंकिंग भी मिल चुकी है।
  • अंजू विश्व एथलेटिक्स में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय एथलेटिक्स हैं ।
  • अंजू ने मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता।
  • उन्होंने 2002 में बुसान एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
  • उन्होंने ने वर्ष 2003 में पेरिस में ‘विश्व एथलेटिक्स’ चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
  • 2004 में हुए एथेंस ओलंपिक में अंजू को ध्वजवाहक का सम्मान प्राप्त हुआ।
  • 2005 में हीरो होंडा अकादमी ने एथलेटिक्स में अजूं को श्रेष्ठतम खिलाड़ी नामांकित किया।
  • अभी हाल ही में 3 दिसंबर 2021 को अंजू बॉबी जॉर्ज को ‘वर्ल्ड एथलेटिक्स’ द्वारा ‘वूमेन ऑफ द ईयर’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
अंजू बॉबी जॉर्ज डॉक्टरेट का सम्मान प्राप्त करते हुए

अंजू बॉबी जॉर्ज डॉक्टरेट का सम्मान प्राप्त करते हुए

अंजू बॉबी जॉर्ज को मिले पुरस्कार और सम्मान (Awards and Rewards) |

2003 :  अर्जुन अवॉर्ड अवार्ड से सम्मानित।

2004 :  राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अवार्ड से सम्मानित।

2004 :  पद्मश्री सम्मान से सम्मानित।

अंजू बॉबी जॉर्ज राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करते हुए

अंजू बॉबी जॉर्ज राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करते हुए

अंजू बॉबी जॉर्ज से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Some Interesting Facts) ।

  • अंजू ने 5 वर्ष की उम्र से ही खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेना शुरू कर दिया था।
  • उन्होंने 2016 में ‘अंजू बॉबी जॉर्ज स्पोर्ट्स फाउंडेशन’ नाम से फाउंडेशन शुरू की है, जिसमें वे बच्चों को एथलीट की ट्रेनिंग देती है।
  • वर्ष 2003 में उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का पहला मेडल मिला।
  • अंजू पढ़ाई में भी बहुत तेज थी, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वह खेल प्रतियोगिताओं में भी भाग ले और इसी में अपना करियर बनाए।
  • अंजू बॉबी जॉर्ज ‘पीटी उषा’ को अपना आदर्श मानती हैं।
  • अंजू के भाई अजीत मार्कोस भी एक राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं। 
  • हाल ही में दिसंबर 2021 को अंजू बॉबी जॉर्ज को वर्ल्ड एथलेटिक्स ने ‘वूमेन ऑफ द ईयर’ चुना है।
  • अंजू ने अपने बच्चों को भी एथलीट में डाल दिया है, ताकि वे भी ओलंपिक खेल का भारत के लिए गोल्ड जीत सके।

 

अंजू बॉबी जॉर्ज के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज कौन है ?

उत्तर : भारतीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर कि महिला एथलीट।

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : 19 अप्रैल 1977 

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज की उम्र कितनी है ?

उत्तर : 44 वर्ष (2021 मे) ।

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज वर्तमान में कहां रहते हैं ?

उत्तर : बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत)

 

प्रश्न : क्या अंजू बॉबी जॉर्ज शराब (अल्कोहल) का सेवन करती हैं ?

उत्तर : नहीं।

 

प्रश्न : क्या अंजू बॉबी जॉर्ज धूम्रपान करती  हैं ?

उत्तर  : नहीं।

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज की शादी किससे हुई है ?

उत्तर : रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज से, जो ‘ट्रिपल जंप’ में पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन और उनके कोच भी रहे हैं।

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर : दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी।

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज किस राज्य की है ?

उत्तर : कर्नाटक, भारत 

 

प्रश्न : अंजू बॉबी जॉर्ज किससे संबंधित है ?

उत्तर : भारतीय एथलीट, लम्बी कूद (Long Jump)।

 

प्रश्न : वर्ष 2021 में अंजू बॉबी जॉर्ज कि नेटवर्थ कितनी है ?

उत्तर : $1.5 मिलियन डॉलर ( ₹11 करोड़)

 

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सायना नेहवाल कि बायोग्राफी ।

रवि कुमार दहिया की बायोग्राफी |

 

आभार ।

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