पुलेला गोपीचंद की बायोग्राफी | Pullela Gopichand Biography in Hindi

पुलेला गोपीचंद की बायोग्राफी | Pullela Gopichand Biography in Hindi

 

पुलेला गोपीचंद का जीवन परिचय (पुलेला गोपीचंद, विकी, जन्म, शिक्षा, परिवार, करियर, बैडमिंटन, विवाह, पत्नी, बच्चे, एकेडमी, नेटवर्थ) | Pullela Gopichand Biography in Hindi [Pullela Gopichand, Wiki, Birth, Education, Family, Career, Badminton, Wife, Children, Academy, Net worth]

 

पुलेला गोपीचंद 

Pullela Gopichand

भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच।

पुलेला गोपीचंद भारत के राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच और पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वे हैदराबाद मे ‘पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ के नाम से अपनी एकेडमी चलाते हैं, और खिलाड़ीयों को बैडमिंटन की ट्रेनिंग देते हैं। वर्तमान में पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, गायत्री पुलेलाचंद और कादंबी श्रीकांत जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन प्लेयर उनसे ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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वैसे तो पुलेला गोपीचंद अपने खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चर्चा में बने रहते हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बेटी गायत्री गोपीचंद की वजह से सुर्खियों में हैं। क्योंकि, ‘ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप’ का जो खिताब पुलेला गोपीचंद ने आज से 21 साल पहले जीता था, उनकी बेटी गायत्री पुलेला गोपीचंद, उस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली युगल खिलाड़ी बन गई है।

आपको बता दें कि ,उनकी बेटी गायत्री गोपीचंद भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, और वे लगभग 19 वर्ष की है। पुलेला गोपीचंद की पत्नी पीवीवी लक्ष्मी भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर कि बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं। इसके अलावा पुलेला गोपीचंद का बेटा भी बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेकर बैडमिंटन में अपना करियर बना रहा है।

पुलेला गोपीचंद की बायोग्राफी | Pullela Gopichand Biography in Hindi

पुलेला गोपीचंद की बायोग्राफी | Pullela Gopichand Biography in Hindi

पुलेला गोपीचंद को खेल में उनके बेहतरीन योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा – पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, पद्म भूषण और बैडमिंटन के लिए अर्जुन पुरस्कार एवं कोचिंग में योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अपने खेल उपलब्धियों के लिए पुलेला गोपीचंद कई अन्य पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।

तो आइए जानते हैं, पुलेला गोपीचंद के जीवन परिचय, उनके सफल करियर और ‘पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ की स्थापना से लेकर भारत को कई बेहतरीन बैडमिंटन प्लेयर देने तक के पूरे सफर के बारे में : 

 

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पुलेला गोपीचंद का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम  :  पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand)

उपनाम  :   गोप्स और गोपी

जन्म  :   16 नवम्बर 1973 (आयु 59 वर्ष)

जन्म स्थान  :  नागंड्ला प्रकाशम, आन्ध्र प्रदेश, (भारत)

पिता :  पुलेला सुभाष चंद्र

माता : सुब्बरावामा गोपीचंद

गृहनगर :  हैदराबाद, (भारत)

आवास :  मुंबई, महाराष्ट्र (भारत)

स्कूल :  सेंट पॉल हाई स्कूल, हैदराबाद

विश्वविद्यालय :  ए वी कॉलेज, हैदराबाद

शैक्षणिक योग्यता :  पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट

राशि :  वृश्चिक राशि

राष्ट्रीयता  :  भारतीय

धर्म :  हिन्दू

पेशा (Profession) :  वर्तमान में बैडमिंटन कोच और पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी।

सर्वोच्च रैंकिंग :  #5 (15 मार्च 2001)

व्यवसाय (Business) : राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच

एकेडमी (Academy) :  गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’

वैवाहिक स्थिति  :   विवाहित

पत्नी :   पीवी लक्ष्मी (विवाह वर्ष- मई 1987 में)

पुरस्कार : पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, पद्म भूषण, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार।

 

पुलेला गोपीचंद का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा  | Pullela Gopichand Early Life & Education

पुल्लेला गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पुलेला सुभाष चंद और माता का नाम सुब्बारावामा चंद है। उनके पिता पुलेला सुभाष चंद एक बैंकर थे।

पुलेला गोपीचंद को बचपन में खेल में बहुत रुचि थी और उन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था। लेकिन बाद में उनके बड़े भाई राजशेखर ने उन्हें बैडमिंटन खेलने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। पुलेला गोपीचंद की एक बहन भी है, जिनका नाम – हिमा बिंदु है।

गोपीचंद की स्कूली पढ़ाई सेंट पॉल स्कूल से हुई, और जब वह 10 वर्ष के हुए, तब तक उनके खेल में सुधार बहुत सुधार आ चुका था, और बैडमिंटन के खेल में उनकी कुशलता के चर्चे पुरे स्कूल में थी। वर्ष 1986 में गोपीचंद जब 13 वर्ष के हुए, तभी उन्हें स्नायु (Muscle) संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने उसी वर्ष ‘इंटर स्कूल प्रतियोगिता’ के सिंगल्स और डबल्स दोनों प्रारूपों में खिताब पर कब्जा किया।

वर्ष 1988 में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने ए.वी. कॉलेज, हैदराबाद में दाखिला लिया और वहां से लोक प्रशासन में स्नातक की डिग्री हासिल की। गोपीचंद, वर्ष 1990 और 1991 में भारत संयुक्त विश्वविद्यालयों की बैडमिंटन टीम के कप्तान भी थे। इस दौरान वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ-साथ बैडमिंटन भी खेला करते थे। जिसके कारण वे इंजीनियरिंग में फेल हो गए और उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। इसके बाद पुलेला गोपीचंद ने बैडमिंटन मे ही अपना ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।

आपको बता दें कि, पुलेला गोपीचंद के सफल करियर में उनकी मां और उनकी पत्नी का बहुत बड़ा हाथ रहा है। जबकि गोपीचंद के करियर की शुरुआत में गोपीचंद को सबसे अच्छा रैकेट दिलाने के लिए, उनकी माँ ने अपने गहने तक बेच दिए थे।

 

पुलेला गोपीचंद की ट्रेनिंग | Pullela Gopichand’s Training

पुलेला गोपीचंद ने बैडमिंटन में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण एम. आर. आरिफ से हासिल किया। इसके बाद वे ‘प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी’ मे शामिल हुए और प्रकाश पादुकोण के संरक्षण मे प्रशिक्षण लिया। गोपीचंद ने बेंगलुरु में बैडमिंटन कोच गांगुली प्रसाद से भी प्रशिक्षण लिया है।

 

शारीरिक संरचना (Body Measurement) ।

लंबाई

से० मी०- 188

मी०- 1.88

फीट – 6′ 2″

वजन

66 Kg

शारीरिक माप

छाती : 40 इंच

कमर : 32 इंच बाइसेप्स : 12 इंच

आंखों का रंग 

काला

बालों का रंग

काला

 

पुलेला गोपीचंद के करियर की शुरुआत | Pullela Gopichand Career

पुलेला गोपीचंद ने अपने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन करियर की शुरुआत वर्ष 1991 में मलेशिया के खिलाफ खेलते हुए किया। अपने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन करियर में उन्होंने तीन थॉमस कप टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है। 

वर्ष 1996 में गोपीचंद में विजयवाड़ा में आयोजित ‘सार्क बैडमिंटन टूर्नामेंट’ (SAARC Badminton Tournament) में स्वर्ण पदक हासिल किया। वर्ष 1996 में ही उन्होंने अपना पहला राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया, और इसके अगले साल 1997 में एक बार फिर से ‘सार्क बैडमिंटन टूर्नामेंट’ में जीत हासिल करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। राष्ट्रमंडल खेलों में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और भारतीय टीम को डबल्स मे रजत पदक और सिंगल्स में एक कांस्य पदक दिलाया।

पुलेला गोपीचंद | Pullela Gopichand

पुलेला गोपीचंद | Pullela Gopichand

वर्ष 1999 में, पुलेला गोपीचंद ने फ़्रांस में टोऊलोज़ु ओपन चैंपियनशिप जीता और स्कॉटलैंड में स्कॉटिश ओपन चैंपियनशिप पर भी कब्जा जमाया। उसी वर्ष हैदराबाद में आयोजित ‘एशियन सेटेलाइट टूर्नामेंट’ मे भाग लेते हुए गोपीचंद ने फिर से जीत हासिल की। लेकिन ‘जर्मन ग्रैंड प्रिक्स चैंपियनशिप’ के फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2000 तक गोपीचंद एक श्रृंखला में पांच बार खिताब जीत चुके थे। इसके साथ ही उन्होंने इम्फाल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक भी अपने नाम किया था। वर्ष 2000 मे ही, गोपीचंद ने आंध्र प्रदेश राज्य की बैडमिंटन टीम का नेतृत्व करते हुए ‘रहमतुल्ला कप’ पर कब्जा किया।

 

‘ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप’ का खिताब जीता | ‘All England Badminton championship’ Won by Pullela Gopichand

वर्ष 2001 में पुलेला गोपीचंद के लिए बहुत ही अच्छा साबित हुआ। वर्ष 2001 में लंदन में आयोजित ‘ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप’ में हिस्सा लेते हुए गोपीचंद ने यह चैंपियनशिप जीत लिया। यह उनके लिए सबसे गौरवशाली क्षण था जब उन्होंने यह टूर्नामेंट जीता था। प्रकाश पादुकोण के बाद पुलेला गोपीचंद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण ने वर्ष 1980 में यह खिताब अपने नाम किया था।

इस चैंपियनशिप के फाइनल में उन्होंने चीन के चेन होंग को 15-12,15-6 से हराया और ‘ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप’ का खिताब जीता। उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2001 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था।

इसके बाद वे कई बार चोट का शिकार हुए। जिसके कारण उनकी रैंकिंग पर भी काफी प्रभाव पड़ा और

वर्ष 2003 में उनकी रैंकिंग गिर कर 126 पर पहुंच गई थी। वर्ष 2005 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वे भारत के एक शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी व कोच हैं। वर्ष 2014 में उन्हें ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।

 

पुलेला गोपीचंद एकेडमी की शुरुआत | Foundation of Pullela Gopichand Badminton Academy

खेल करियर से सन्यास लेने के बाद, पुलेला गोपीचंद ने वर्ष 2008 में ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ की स्थापना की। उन्होंने अपनी यह एकेडमी वर्ष 2001 में, पुरस्कार में मिले जमीन पर शुरू किया था। दरअसल, वर्ष 2001 में ‘ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप’ का खिताब जीतने के बाद पुलेला गोपीचंद को आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा एक विशाल भूमि पुरस्कार सहित भेंट की गई थी। जिसका उपयोग उन्होंने वर्ष 2008 मे अपनी एकेडमी ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ कि स्थापना करते हुए किया।

उनके द्वारा शुरू की गई इस परियोजना में देरी होने के कारण, गोपीचंद को निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा था। जिसके बाद, वहाँ के एक प्रसिद्ध उद्योगपति निम्मगड्डा प्रसाद ने बैडमिंटन के क्षेत्र में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने की शर्त पर ‘गोपीचंद अकादमी’ को लगभग 5 करोड़ का डोनेशन दिया था। वर्ष 2008 में स्थापित उनकी इस अकादमी को ‘बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन’ द्वारा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है।

आज पुलेला गोपीचंद के द्वारा स्थापित एकेडमी मे, साइना नेहवाल, कादंबी श्रीकांत, पीवी सिंधु, पारुपल्ली कश्यप और गुरु सैदत्त जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। 

अपने बैडमिंटन खिलाड़ीयों के साथ पुलेला गोपीचंद।

अपने बैडमिंटन खिलाड़ीयों के साथ पुलेला गोपीचंद।

वर्ष 2012 में साइना नेहवाल ने 2012 के ओलंपिक गेम्स में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद पीवी सिंधु ने भी रियो ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम किया था। पीवी सिंधु ने अपनी सफलता का श्रेय पुलेला गोपीचंद को ही दिया था। पुलेला गोपीचंद ‘रियो ओलंपिक’ में प्रदर्शन करने वाली भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच थे। उनकी अकादमी में शीर्ष खिलाड़ियों के साथ-साथ कई युवा खिलाड़ी भी प्रशिक्षण लेते हैं। पुलेला गोपीचंद की बेटी कि गायत्री पुलेला गोपीचंद भी अन्य खिलाड़ियों के साथ अपने पिता की एकेडमी में अपने पिता से ही ट्रेनिंग लेती हैं।

 

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पुलेला गोपीचंद की नेटवर्थ | Pullela Gopichand’s Net Worth

यदि पुलेला गोपीचंद के नेटवर्थ की बात की जाए तो, पुलेला गोपीचंद की नेटवर्थ लगभग ₹20 करोड़ के आसपास बताई जा रही है। इसके अलावा पुलेला गोपीचंद हैदराबाद मे अपना एक निजी एकेडमी ‘पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ चलाते हैं।

 

पुलेला गोपीचंद की पसंदीदा चीजें | Favorite Things

पसंदीदा फिल्म

तेलुगु फिल्म- किक
पसंदीदा पुस्तक

द मॉन्क हू सोल्ड हिज फेरारी इन : रॉबिन शर्मा

मेंटोर / कोच

एस.एम. आरिफ और गांगुली प्रसाद
पसंदीदा खेल

क्रिकेट और बैडमिंटन

पसंदीदा शॉट

जंप स्मैश
पसंदीदा भोजन

बिरयानी

शौक (Hobbies)

योगा करना और किताबें पढ़ना

 

निजी जीवन (Personal Life)

गोपीचंद ने 5 जून 2002 को अपनी दोस्त और साथी ओलंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी लक्ष्मी से विवाह कर लिया। पीवी लक्ष्मी भी आंध्र प्रदेश राज्य से हैं, जिस राज्य से पुलेला गोपीचंद है और वे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अनुयायी हैं।

अपनी पत्नी के साथ पुलेला गोपीचंद।

अपनी पत्नी के साथ पुलेला गोपीचंद।

आपको बता दें कि, पीवी लक्ष्मी भी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी है, और उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में अंडर-19 का राष्ट्रीय खिताब जीता था। उनकी पत्नी पीवी लक्ष्मी ने वर्ष 1996 में अटलांटा में आयोजित ‘अटलांटा ओलंपिक’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

इस दंपत्ति के दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है। बेटी का नाम – गायत्री पुलेला गोपीचंद और बेटे का नाम – विष्णु पुलेला गोपीचंद है। गायत्री ने 14 वर्ष की उम्र में वर्ष 2017 में अंडर-19 राष्ट्रीय खिताब जीत जीतकर अपनी ही माँ पीवी लक्ष्मी का रिकॉर्ड तोड़ा था। पीवी लक्ष्मी ने जो अंडर-19 का राष्ट्रीय खिताब 16 वर्ष की उम्र में जीता था, वह उनकी बेटी गायत्री ने 14 वर्ष की उम्र में जीत लिया था। आपको बता दें कि, उनका बेटा – विष्णु पुलेला गोपीचंद की एक शटलर हैं।

पुलेला गोपीचंद अपने बच्चों के साथ।

पुलेला गोपीचंद अपने बच्चों के साथ।

 

पारिवारिक जानकारियां ।

माता-पिता

(Parents)

पिता – सुभाष चन्द्र गोपीचंद

माता – सुब्बरावामा गोपीचंद

भाई-बहन

(Siblings)

बड़ा भाई – राजशेखर गोपीचंद

बहन – हिमा बिंदू

पत्नी (Wife)

पीवी लक्ष्मी
बच्चे (Childrens)

बेटी- गायत्री

बेटा- विष्णु 

गर्लफ्रेंड (Girlfriend)

पीवीवी लक्ष्मी (पत्नी)

 

पुलेला गोपीचंद की बायोपिक | Pullela Gopichand’s Biopic

पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और ‘पद्मश्री’ सम्मान से सम्मानित भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के जीवन से प्रेरित होकर फिल्म निर्माता निर्देशक विक्रम मल्होत्रा ने उन पर एक बायोपिक बनाने का फैसला किया है।

आपको बता दें कि, फिल्म निर्माता विक्रम मल्होत्रा ने ‘एअरलिफ्ट’ और ‘बेबी’ जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई है। पुलेला गोपीचंद की बायोपिक पर बनी यह फिल्म द्विभाषी (हिंदी और तेलुगु) में रिलीज कि जाएगी, और वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर टीम का काम जारी है।

  • पुलेला गोपीचंद के जीवन पर आधारित एक पुस्तक ‘द वर्ल्ड बिनेथ हिज फीट’ वर्ष 2011 में लॉन्च हुई। इस पुस्तक को पूर्व चैंपियन संजय शर्मा और उनकी बेटी रूची ने मिलकर लिखा है। संजय शर्मा द्वारा लिखी गई पुस्तक पुलेला गोपीचंद के जीवन से प्रेरित है।

 

पुलेला गोपीचंद से जुड़े विवाद | Pullela Gopichand’s Controversies

वर्ष 2014 मे, डेनमार्क में हुए ‘विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप’ के क्वार्टरफाइनल में हारने के बाद साइना नेहवाल राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद से अलग हो गई थीं। उस दौरान, यह खबर काफी सुर्खियों में रही थी। ‘पुलेला गोपीचंद एकेडमी’ से अलग होने के बाद साइना ने बेंगलुरु में पूर्व राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच विमल कुमार से कोचिंग लिया। विमल कुमार कि कोचिंग में साइना नेहवाल ने विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीतने मे सफल रही और अप्रैल 2015 में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर – 1 रैंकिंग हासिल कि थी। 

हालांकि इन विवादों के बाद, साइना नेहवाल एक बार फिर से गोपीचंद एकेडमी में वापस लौट आई। इस बारे में साइना ने बताया कि – ‘वह अपने मुकाम को वापस पाने के लिए दोबारा इस एकेडमी मे शामिल हुई हैं।’ ऐसा पहली बार नहीं था, जब इन दोनों के बीच विवाद हुआ था। इससे पहले भी वर्ष 2011 में साइना नेहवाल और गोपीचंद के बीच विवाद हुआ था, और यह विवाद इतना बढ़ गया था कि गोपीचंद ने सायना नेहवाल के बारे में सार्वजनिक तौर पर यह कह दिया था कि – साइना का ध्यान खेल से हटकर ग्लैमरस की तरफ चला गया है।’ उन दोनों के इस विवाद ने भी काफी तूल पकड़ा था।

 

पुलेला गोपीचंद कि उपलब्धियाँ | Pullela Gopichand’s Achievements

  1. वर्ष 1996 में पुलेला गोपीचंद ने अपना पहला राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप खिताब जीता था।
  2. पुलेला गोपीचंद ने वर्ष 2001 में आयोजित ‘ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप’ में जीत हासिल की और यह खिताब अपने नाम किया था। वे यह खिताब जीतने वाले पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण के बाद पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
  3. ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने ने एक टोकन के रूप में नगद इनाम और जुबली हिल्स हैदराबाद में एक प्लॉट पुरस्कार के रूप में प्रदान किया था।
  4. इम्फाल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता।
  5. वर्ष 2000 मे गोपीचंद ने आंध्र प्रदेश राज्य की बैडमिंटन टीम का नेतृत्व करते हुए ‘रहमतुल्ला कप’ पर कब्जा किया था।

 

पुलेला गोपीचंद को मिले पुरस्कार और सम्मान | Awards and Rewards

1999 :  भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित।

2001 :  भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित।

2005 :  भारत सरकार द्वारा ‘पद्म श्री’ सम्मान से सम्मानित।

2009 :  ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ भी मिल चुका है।

2013 :  ‘राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार- 2013’ से भी सम्मानित किया गया है।

2014 :  भारत सरकार द्वारा भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित।

2016 :  रियो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रजत पदक विजेता पीवी सिंधु को कोचिंग देने के लिए भी पुरस्कृत किया गया है।

 

पुलेला गोपीचंद से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Some Interesting Facts About Pullela Gopichand

  • पुलेला गोपीचंद को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था, लेकिन अपने बड़े भाई के कहने पर उन्होंने बैडमिंटन मे अपना ध्यान केंद्रित किया।
  • शुरुआत में उनकी मां ने, गोपीचंद को सबसे अच्छा रैकेट दिलाने के लिए, अपने गहने तक बेच दिए थे।
  • पुलेला गोपीचंद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अनुयायी हैं।
  • पुलेला गोपीचंद के जीवन पर आधारित उनकी जीवनी ‘द वर्ल्ड बिनेथ हिज फीट’ 2011 में लॉन्च की गई थी। जिसे पूर्व चैंपियन संजय शर्मा और उनकी बेटी रुची ने मिलकर लिखा था।
  • पुलेला गोपीचंद की पत्नी पीवी लक्ष्मी है, और वे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं।
  • पुलेला गोपीचंद के दो बच्चे, एक बेटा और बेटी है। उनके दोनों बच्चे भी बैडमिंटन खिलाड़ी है।
  • पुलेला गोपीचंद, आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में ‘गोपीचंद बैडमिंटन एकेडेमी’ चलाते हैं।
  • उनकी बेटी गायत्री गोपीचंद भी अन्य खिलाड़ियों के साथ अपने पिता से ही ट्रेनिंग लेती हैं।
  • पुलेला गोपीचंद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और श्रीकांत किदांबी जैसे खिलाड़ियों के राष्ट्रीय कोच भी हैं।

 

पुलेला गोपीचंद के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद कौन है ?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद एक भारतीय बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच एवं पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वे हैदराबाद में ‘पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ चलाते हैं, और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और श्रीकांत किदांबी जैसे खिलाड़ियों के राष्ट्रीय कोच हैं।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के नागंड्ला प्रकाशम में हुआ था।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद की उम्र कितनी है ?

उत्तर : वर्तमान में पुलेला गोपीचंद 48 वर्ष (2022 मे) के हैं।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद के पति कौन हैं ?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद कि पत्नी पीवीवी लक्ष्मी है, जो महिला बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुकी हैं।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद के दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद किस राज्य से हैं ?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद, आंध्र प्रदेश राज्य से हैं, और वर्तमान में वे हैदराबाद में रहते हैं।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद के एकेडमी का नाम क्या है?

उत्तर : पुलेला गोपीचंद के एकेडमी का नाम ‘पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी’ (Pullela Gopichand Badminton Academy) है।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी के संस्थापक कौन हैं?

उत्तर : ‘पुलेला गोपीचंद एकेडमी’ (Pullela Gopichand Badminton Academy) के संस्थापक पुलेला गोपीचंद है।

 

प्रश्न : पुलेला गोपीचंद की नेट वर्थ कितनी है?

उत्तर :  पुलेला गोपीचंद की नेटवर्थ ₹20 करोड़ के आसपास बताई जा रही है।

 

 

इन्हें भी पढ़ें :

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भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की बायोग्राफी।

विश्व नंबर वन टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी की बायोग्राफी।

 

आभार ।

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