धीरूभाई अंबानी की जीवनी | Dhirubhai Ambani Biography in Hindi

धीरूभाई अंबानी की जीवनी | Dhirubhai Ambani Biography in Hindi

(Dhiru Bhai Ambani)

भारतीय बिजनेस टाइकून ।

रिलायंस समूह के संस्थापक

 

धीरजलाल हीरालाल अंबानी भारत के मशहूर व्यवसायी थे। जिन्हें आज पुरी दुनिया धीरुभाई अंबानी के नाम से जानती हैं, उनका पूरा नाम धीरजलाल हीरालाल अंबानी है, उनकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। क्योंकि अपनी मेहनत, लगन और कुछ बड़ा करने कि चाह ने उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचाया।

 

धीरूभाई अंबानी ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर

मुम्बई में रिलायंस उद्योग की स्थापना कि थी। कई लोग धीरुभाई के विकास मे अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं, क्योंकि ये उपलब्धि उनके द्वारा अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव के कारण प्राप्त की गई थी। 

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क्योंकि उस समय में लाइसेंस राज अधिकारीयों ने भारतीयों को दबाने का काम किया और 1990 तक भारतीय व्यवसाय को बहुत क्षति पहुंचाया, और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदान किया जो उनके करिबी माने जाते थे। जिसकी वजह से प्रतियोगिता कि कोई संभावना नही होने के कारण उद्योग लाइसेंस धारियों को इसका फायदा मिला।

 

वर्ष 1977 मे धीरुभाई अंबानी अपनी कंपनी रिलायंस को सार्वजानिक क्षेत्र में शामिल कर लिया, और वर्ष 2007 तक अंबानी परिवार, जिसमें उनके बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की सयुंक्त धनराशी 100 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी। जिसने अंबानी परिवार को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया।

 

एक बड़े अटैक के बाद धीरुभाई अंबानी मृत्यु 6 जुलाई 2002 हो गई। लेकिन दुनिया को छोड़ कर जाने से पहले धीरूभाई अंबानी ने अपने बच्चों के लिए एक बड़ा साम्राज्य स्थापित कर दिया था।

 

धीरुभाई के मृत्यु के समय मे, रिल्यांस समूह की सालाना राशि ₹ 75,000 करोड़ (USD $ 15 बिलियन) थी। जबकि 1976-77 मे रिल्यांस समूह की सालाना राशि 70 करोड़ रूपये थी। 

 

धीरुभाई अंबानी ने ये व्यवसाय केवल ₹15,000 (US$350) से शुरू किया था और आज उनकी यह कंपनी भारत के सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।

 

 

धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय : एक नजर में ।

धीरूभाई अंबानी की बायोग्राफी | Dhirubhai Ambani Biography in Hindi

धीरूभाई अंबानी की बायोग्राफी | Dhirubhai Ambani Biography in Hindi

नाम  :    धीरजलाल हीरालाल अंबानी

उपनाम  :   धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani)

जन्म  :   28 दिसंबर 1932

जन्म स्थान  :  चोरवाड़, जूनागढ़, गुजरात (भारत)

पिता  :   हिराचंद गोर्धनभाई अंबानी

माता  :   जमनाबेन

आवास  :  मुम्बई, महाराष्ट्र (भारत)

शैक्षणिक योग्यता  :   हाईस्‍कूल

धर्म  :   हिन्दू

जाति  :  मोध

पेशा  :   व्यवसायी (Businessman)

व्यवसाय (Business) :  रिलायंस उद्योग के संस्थापक

पत्नी  :  कोकिलाबेन

बच्चे  :    मुकेश अंबानी

             अनिल अंबानी

             नीता कोठारी

             दीप्ति सालोंकर

राष्ट्रीयता  :   भारतीय

मृत्यु  :   6 जुलाई 2002 (उम्र 69) मुंबई, भारत

पुरस्कार  :   पद्म विभूषण(2016)

 

धीरूभाई अंबानी का प्रारंभिक जीवन ।

 

धीरुभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932, को जूनागढ़ के चोरवाड़, जो की अब भारत के गुजरात राज्य में है, में हुआ। उनका परिवार एक बहुत ही सामान्य परिवार था। उनके पिता का नाम हिराचंद गोर्धनभाई अंबानी और माता का नाम जमनाबेन था।  वे गुजरात के एक मोध परिवार से आते हैं। उनके पिता एक शिक्षक थे, और वे उनके दूसरे पुत्र थे।

 

उनका जन्म जहां हुआ था, पहले वह जगह उत्तर पश्चिमी भारत का हिस्सा था। लेकिन विभाजन के बाद अब भारत के अधिकार में है। ऐसा कहा जाता है, कि धीरुभाई अंबानी ने अपना उद्योग व्यवसाय, गिरनार कि पहाड़ियों पर तीर्थयात्रियों को पकौड़े बेच कर किया था। 

 

शिक्षा ।

 

धीरूभाई अंबानी ने हाई स्कूल तक ही पढ़ाई की है। क्योंकि उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, इसलिए धीरूभाई अंबानी केवल हाईस्‍कूल तक की पढ़ाई पूरी कर पाए और इसके बाद उन्होंने छोटे मोटे काम करना शुरू कर दिया था।

 

 निजी जीवन ।

 

धीरूभाई अंबानी का विवाह की कोकिलाबेन से हुआ था और इस दंपति के चार बच्चे हैं, जिनमें मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी (बेटा), नीता कोठारी और दीप्ति सालोंकर (बेटी) हैं।

 

उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में प्रथम स्थान पर हैं और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं अध्यक्ष हैं।

 

 पारिवारिक जानकारियां ।

 

माता/ पिता हिराचंद गोर्धनभाई अंबानी (पिता) 

जमनाबेन (माता)

पत्नी कोकिलाबेन
बेटा/बेटी मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी (बेटा)

                

 नीता कोठारी और दीप्ति सालोंकर (बेटी)

भाई       रमणिकलाल अंबानी (बड़े भाई)   

 

 धीरूभाई अंबानी के करियर की शुरुआत ।

जब धीरूभाई अंबानी सोलह वर्ष के थे तो वे एडन, यमन चले गए। यमन में उन्होंने अ. बेस्सी एंड कं. (A. Besse & Co.) के साथ काम किया। वहां वे 300 रूपये के वेतन पर काम किया करते थे। दो साल बाद, अ.बेस्सी और कं. शेल (Shell) उत्पादन के वितरक बन गए और एडन (Aden) के बंदरगाह पर कम्पनी के एक फिल्लिंग स्टेशन के प्रबंधन के लिए धीरुभाई को पदोन्नति दी गई। वहां कुछ सालों तक काम करने के बाद धीरूभाई अंबानी भारत वापस आ गए।

 

इन्हें भी देखें 

मुकेश अंबानी की जीवनी ।

शिव नाडर की जीवनी ।

एलन मस्क की जीवनी ।

रतन-टाटा की जीवनी ।

रिलायंस की शुरुआत ।

 

वर्ष 1958 में, धीरुभाई अंबानी एडन (यमन) से भारत वापस आ गए और ₹ 15000 की पूंजी के साथ रिलायंस वाणिज्यिक निगम (Reliance Commercial Corporation) की नींव रखी। रिलायंस वाणिज्यिक निगम का प्राथमिक व्यवसाय पोलियस्टर के सूत का आयात और मसालों का निर्यात करना था।

 

धीरूभाई अंबानी अपने दुसरे चचेरे भाई चंपकलाल दिमानी (Champaklal Damani), जो कि उनके साथ ही एडन में रहते थे, उनके साथ पार्टनरशिप करके यह व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद उन्होंने रिलायंस वाणिज्यिक निगम का पहला कार्यालय मस्जिद बन्दर (Masjid Bunder) के नर्सिनाथ सड़क पर स्थापित किया। यह 350 वर्ग फुट का एक कमरा था, जिसमें, एक मेज़ और तीन कुर्सियों और एक टेलीफोन था। 

 

शुरुआत में, उनके व्यवसाय में मदद के लिए दो सहायक थे। इसके बाद वर्ष 1965 में, चंपकलाल दिमानी और धीरुभाई अंबानी की साझेदारी खत्म हो गयी और धीरुभाई ने स्वयं शुरुआत की। 

 

उनकी साझेदारी खत्म होने का एक बड़ा कारण यह भी था कि उनके विचार (temperaments) अलग थे, और व्यवसाय कैसे किया जाए इस पर उन दोनों की अपनी-अपनी एक अलग राय थी। जहां पर श्री दमानी एक सतर्क व्यापारी थे और धागे के फैक्ट्रियों के निर्माण में विश्वास नहीं रखे थे, वहीं धीरुभाई जोखिम लेनेवाले के रूप में जाने जाते थे। 

 

धीरूभाई अंबानी यह मानते थे कि मूल्य वृद्धि कि आशा रखते हुए भंडारों का निर्माण भुलेश्वर, मुंबई के इस्टेट में किया जाना चाहिए, ताकि ज्यादा मुनाफा बनाया जा सके। 

 

वर्ष 1960 तक धीरुभाई अंबानी की कुल धनराशि 10 लाख रूपये आंकी गयी थी, और पार्टनरशिप टूटने के बाद वे 1968 में दक्षिण मुंबई (South Mumbai) के अल्टमाउंट सड़क पर स्थान्तरित हो गए।

 

रिलायंस टेक्सटाइल की शुरुआत ।

 

धीरूभाई अंबानी को वस्त्र व्यवसाय के बारे में अच्छी जानकारी होने के कारण उन्होंने 1966 में अहमदाबाद के नैरोड़ा (Naroda) में कपड़ा मिल की शुरुआत की। उनकी यह मील पोलियस्टर के सुतों का इस्तेमाल कर के वस्त्र का निर्माण करने का काम करती थी। धीरुभाई ने इसके द्वारा ‘विमल ब्रांड’ की शुरुआत की। 

 

इसके बाद जब मताधिकार खुदरा विक्रेता केन्द्र की शुरुआत हुई तो वे “केवल विमल” छाप के कपड़े बेचने लगे। 1975 में विश्व बैंक के एक तकनिकी समुह ने ‘रिलायंस टेक्सटाइल्स’ निर्माण इकाई का दौरा किया। इकाई की दुर्लभ खासियत यह थी की इसे उस समय में “विकसित देशों के मानकों से भी उत्कृष्ट” माना गया था।

 

विमल नाम का यह ब्रांड उनके बड़े भाई रमणिकलाल अंबानी के बेटे, विमल अंबानी के नाम पर रखा गया था। “विमल” के व्यापक विपणन ने इसे भारत के अंदरूनी इलाकों में एक जाना पहचाना नाम बना दिया था।

 

शेयर मार्केट में कदम रखने पर । 

 

धीरुभाई अंबानी को इक्विटी कल्ट/सामान्य शेयर (equity cult) को भारत में प्रारम्भ करने का श्रेय भी दिया जाता है। धीरुभाई अंबानी गुजरात के ग्रामीण लोगों को आश्वस्त कर सके कि उनके कंपनी के शेयरधारक होने से उन्हें अपने निवेश पर केवल लाभ ही मिलेगा। जिसके बाद 1977 में भारत के विभिन्न भागों से 58,000 से ज्यादा निवेशकों ने रिलायंस के आईपीओ (IPO) की सदस्यता ग्रहण कर ली।

 

उस समय मे रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) हीं एक ऐसी निजी क्षेत्र की कम्पनी (Private Sector Company) थी, जिसके कई वार्षिक आम बैठकें (Annual General Meetings) मैदानों (stadium) में हुई है। 

 

1986 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक क्रॉस मैदान (Cross Maidan) मुंबई में की गई थी, जिसमे 35,000 शेयरधारकों और रिलायंस के परिवार ने भाग लिया था।

 

धीरुभाई अंबानी ने बड़ी संख्या में प्रथम खुदरा निवेशकों को संतुष्ट कर सके की, वे मेहनत से कमाए गए अपने पैसे को रिलायंस टेक्सटाइल के आईपीओ में लगायें। यह वादा करते हुए कि उनके विश्वास के बदले उनके निवेश पर उन्हें पुख्ता मुनाफा मिलेगा।

 

वर्ष 1980 मे धीरुभाई अंबानी की कुल राशि 1बिलियन रुपयों तक पहुंच गया था ।

 

व्यवसाय का विस्तार ।

 

अपने कार्यकाल में, धीरुभाई ने व्यवसाय को प्रमुख विशेषज्ञता के रूप में पेट्रोरसायन (petrochemicals) और अतिरिक्त रुचियों में दूरसंचार, सुचना प्रोद्योगिकी, उर्जा, बिजली (power), फुटकर (retail), टेक्सटाइल (textile), मूलभूत सुविधाओं की सेवा (infrastructure), पूंजी बाज़ार (capital market) और प्रचालन-तंत्र (logistics) को विविधता प्रदान की। 

 

इन्हें भी देखें 

मुकेश अंबानी की जीवनी ।

शिव नाडर की जीवनी ।

एलन मस्क की जीवनी ।

रतन-टाटा की जीवनी ।

 

धीरूभाई अंबानी पर बनी फिल्म के बारे में ।

 

एक फ़िल्म जिस पर यह आरोप लगाया गया था की यह धीरुभाई अंबानी के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का विमोचन 12 जनवरी 2007 को किया गया था। मणि रत्नम द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म मे एक आदमी के भारतीय व्यापार जगत में पहचान बनाने के संघर्ष को एक काल्पनिक शक्ति ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज के रुप में दिखाया गया था। 

 

इस फिल्म मे अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty), ऐश्वर्या राय, माधवन (Madhavan) और विद्या बालन जैसे कलाकारों ने काम किया था। फिल्म में अभिषेक बच्चन ने गुरू कान्त देसी का रोल अदा किया था, जो की धीरुभाई अम्बानी के चरित्र से मेल खाता था। यह फिल्म गुरू कान्त देसाई के चरित्र के द्वारा धीरुभाई अंबानी के आत्मबल के बारे में भी बताती है। 

 

 धीरूभाई अंबानी से जुड़े विवाद ।

 

एक समय में रामनाथ गोएंका (Ramnath Goenka) धीरुभाई अम्बानी के दोस्त थे और ऐसा माना जाता हैं कि रामनाथ गोयन का नसली वाडिया के भी करीब थे। गोएंका और अंबानी, अंबानी के भ्रष्ट व्यावसायिक आदतों से परिचित थे और उनके अवैध कार्यों के कारण गोयंका को उचित हिस्सा नहीं मिल पा रहा था। जिसके बाद से उन दोनों के बीच मतभेद बढ़ते चले गए जिसे कई मौकों पर, रामनाथ गोएंका दोनों लड़ने वाले गुटों के बीच हस्तक्षेप करने की कोशिश करते थे ताकि दुश्मनी का अंत किया जाए। 

 

लेकिन बाद में, रामनाथ गोयंका ने नसली वाडिया को समर्थन के लिए चुना। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस, एक बड़ा चिटठा (broadsheet), जिसका दैनिक प्रकाशन रामनाथ गोयंका के द्वारा किया जाता था। इसमें रिलायंस उद्योग (Reliance Industries) और धीरुभाई के ख़िलाफ़ लेखों की श्रृंखला हुआ करती थी जो ये दावा करती थीं कि धीरुभाई अनैतिक व्यवसायिक पद्धतियों का प्रयोग अधिकाधिक मुनाफे को बढ़ने के लिए कर रहे हैं। 

 

इस मतभेद का हल तब निकला जब धीरूभाई अंबानी को पहला अटैक आया और उनका कारोबार उनके दोनों बेटों ने संभाल लिया।

 

धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बारे में ।

 

एक बड़े अटैक के बाद धीरुभाई अंबानी को मुंबई के ब्रेच कैंडी अस्पताल में 24 जून, 2002 को भर्ती किया गया। यह दूसरा अटैक था, पहला अटैक उन्हें फरवरी 1986 मे आया था जिसके बाद वे एक हफ्ते तक कोमा की स्थिति में थे। 

 

लेकिन 24 जून 2002 को आए दूसरे बड़े अटैक के बाद उन्होंने 6 जुलाई 2002, रात के भारतीय समयानुसार लगभग 11:50 को अपनी अन्तिम सांसें लीं।

 

धीरूभाई अंबानी की अंतिम शोभायात्रा ।

धीरुभाई अंबानी के अन्तिम संस्कार पर बड़े-बड़े उद्योगपतियों, राजनीतिज्ञो और मशहूर हस्तियों के साथ साथ हजारों लोगो ने भाग लिया । मुकेश अम्बानी (Mukesh Ambani) और अनिल अम्बानी (Anil Ambani) ने हिंदू रीति-रिवाजों से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।

 

उनका अन्तिम संस्कार, 7 जुलाई 2002 को मुंबई के चंदनवाड़ी शवदाहगृह में भारतीय समयानुसार करीब शाम के 4:30 बजे किया गया।

 

धीरूभाई अंबानी को मिले पुरस्कार और सम्मान

 

1996/ 1998/ 2002 :   एशियावीक (Asiaweek) पत्रिका द्वारा एशिया के शक्तिशाली 50 – सबसे शक्तिशाली लोग के रूप में प्रस्तुत किया गया।

 

1998 :  व्हार्टन स्कूल, पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय (The Wharton School, University of Pennsylvania) द्वारा उल्लेखनीय नेतृत्व क्षमता के उदाहरण के रूप में डीन पदक दिया गया। धीरुभाई अम्बानी व्हार्टन स्कूल से डीन पदक पाने वाले पहले भारतीय बने। 

 

2000 :  केमटेक संस्था और विश्व रसायन अभियांत्रिकी द्वारा ‘सदी के मानव’ के पुरस्कार से सम्मनित।

 

2000 :  टाईम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित एक जनमत सर्वेक्षण में उन्हें शताब्दियों में संपत्ति के महान निर्माता के पक्ष में मत दिया गया कि ‘वह भारत का सच्चा पुत्र है।’

 

2001 :  दि इकॉनॉमिक टाइम्स (The Economic Times) द्वारा सामूहिक उत्कृष्ठता के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट से नवाज़ा गया।

 

2001 :  धीरुभाई अंबानी को बीसवीं सदी के मानव

के नाम से भारतीय वाणिज्य और उद्योग सदन महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry- FICCI) से नवाजा गया।

 

इन्हें भी देखें 

मुकेश अंबानी की जीवनी ।

शिव नाडर की जीवनी ।

एलन मस्क की जीवनी ।

रतन-टाटा की जीवनी ।

 

 

धीरूभाई अंबानी के विचार (Ideology) ।

 

“मैं न सुनने का आदि नही, मैं ना शब्द के लिए बहरा हूँ!!”

 

“रिलायंस के विकास की कोई सीमा नही है !!”

 

“बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, आगे की सोचो. विचार किसी की बपौती नहीं। विचार पर किसी का एकाधिकार नहीं!!”

 

“हमारे सपने हमेशा विशाल होने चाहिए। हमारी ख्वाहिशें हमेशा ऊंची, हमारी आकांक्षाएं हमेशा ऊंची, हमारी प्रतिबद्धता हमेशा गहरी

और हमारे प्रयास महान होने चाहिए !!”

 

“मैं अपना दृष्टिकोण बदलता रहता हूँ। ये आप तभी कर सकते हैं जब आप सपना देखेंगे !!”

 

”मुनाफा,लाभ बनाने के लिए आपको आमंत्रण की आवश्यकता नहीं।”

 

“अगर आप दृढ़ता और पूर्णता के साथ काम करें, तो कामयाबी ख़ुद आपके कदम चूमेगी, सफलता आपका अनुसरण करेगी !!”

 

“‘मुश्किलों में भी अपने लक्ष्यों को ढूँढिये और आपदाओं को अवसरों में तब्दील कीजिये !!”

 

“युवाओं को उचित माहौल दीजिये, उन्हें प्रेरित कीजिये। उन्हें जो जरुरत हैं उसकी मदद कीजिये। प्रत्येक में अनंत उर्जा का स्रोत है। वे फल देंगे !!”

 

”मेरे भूत, वर्तमान और भविष्य में एक समान पहलू है; समबन्ध और आस्था। ये हमारे विकास की नींव है !!”

 

‘हम लोगों पर दांव लगते हैं !!’

 

”समय सीमा को छू लेना ही ठीक नहीं है, समय सीमा को हरा देना मेरी आशा है, चाह है।

‘हारें ना, हिम्मत ही मेरा विश्वास है!!”

 

“हम अपने शाशकों को नहीं बदल सकते, पर हम उनके शाशन के नियम को बदल सकते हैं !!”

 

“धीरुभाई एक दिन चला जाएगा। पर रिलायंस के कर्मचारी और शेयरधारक इसे चलाते रहेंगे और बचाए रखेंगे !!”

 

“रिलायंस अब एक ऐसी अवधारण है जहाँ पर अब अंबानी अप्रासंगिक हो गए हैं !!”

 

 धीरूभाई अंबानी के बारे में पूछे गए प्रश्न ।

 

प्रश्न :  धीरूभाई अंबानी कौन थे ? 

उत्तर :  रिलायंस उद्योग के संस्थापक ।

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी का जन्म कब हुआ था ?

उत्तर : 28 दिसंबर 1932

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी की मृत्यु कब हुई थी ?

उत्तर : 6 जुलाई 2002

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी की मृत्यु किस कारण हुई थी ?

उत्तर : हार्ट अटैक के कारण

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी की पत्नी का नाम क्या है ?

उत्तर :  कोकिलाबेन

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर : चार बच्चे-  मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी(बेटा); नीता कोठारी और दीप्ति सालोंकर (बेटी)

 

प्रश्न : धीरूभाई अंबानी किस जाति के हैं ?

उत्तर : हिन्दु, गुजराती मोध।

 

इन्हें भी देखें 

मुकेश अंबानी की जीवनी ।

शिव नाडर की जीवनी ।

एलन मस्क की जीवनी ।

रतन-टाटा की जीवनी ।

 

 आभार ।

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