सचिन तेंदुलकर की जीवनी | Sachin Tendulkar Ki Biography in Hindi

सचिन तेंदुलकर की जीवनी | Sachin Tendulkar Ki Biography in Hindi

सचिन तेंदुलकर को आज पूरी दुनिया जानती है। वह क्रिकेट की दुनिया के भगवान माने जाते हैं। इतना ही नहीं क्रिकेट के इतिहास में वे विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी माने जाते हैं। वे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने वाले सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी है।

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वे ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित होने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वर्ष 2008 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत करने के बाद सचिन तेंदुलकर ने अपनी बल्लेबाजी में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सचिन ने टेस्ट एवं एक दिवसीय, दोनो फॉर्मेट में सर्वाधिक शतक बनाए हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं, और टेस्ट क्रिकेट में 14 हजार से अधिक रन बनाने वाले विश्व के एकमात्र बल्लेबाज हैं। इतना ही नहीं एकदिवसीय मैचों में भी उन्होंने सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया है।

उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिए 14 वर्ष की उम्र में खेला था।

सचिन तेंदुलकर की जीवनी | Sachin Tendulkar Ki Biography in Hindi

               सचिन तेंदुलकर की जीवनी | Sachin Tendulkar Ki Biography in Hindi

उनके अंतरराष्ट्रीय खेल करियर की शुरुआत 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में हुए एक मैच से हुई।
2001 में, सचिन तेंदुलकर अपनी कुल 259 पारियों में 10 हजार एकदिवसीय रन पूरा करने वाले पहले बल्लेबाज बने।
2011 में भारतीय टीम ने विश्व कप-2011 जीता। जिसमें तेंदुलकर भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे। इसके पहले सचिन ने 5 बार भारत के लिए विश्वकप टूर्नामेंट खेला, लेकिन सफलता नहीं मिली। परंतु 2011 में भारतीय टीम ने 2011 का विश्व कप जीता।


2003 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित विश्व कप में उन्हे पहले ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ नाम दिया गया था। वर्ष 2013 में ‘विजडन क्रिकेटर्स के अल्मनैकन की 150वीं वर्षगाठ को चिन्हित करने के लिए नामित एक अखिल भारतीय टेस्ट वर्ल्ड इलेवन में शामिल एकमात्र भारतीय क्रिकेटर थे।


सचिन के पूरे विश्व भर में अनेकों प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से अलग-अलग नामों से, जैसे- ‘लिटिल मास्टर’ एवं ‘मास्टर ब्लास्टर’ आदि जैसे नामों से बुलाते हैं। क्रिकेट के अलावा वे अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं।
वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य भी हैं। सन् 2012 में उन्होंने राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर एक बायोपिक फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ भी बनाई जा चुकी है, जिसमें सचिन खुद एक हीरो की भूमिका में हैं। सचिन भी यही मानते हैं कि खेलने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है। इस फिल्म का निर्माण श्रीकांत भासी एवं रवि भगचंदका ने मिलकर किया है, और इसके निर्देशक हैं – जेम्स आर्स्किन।

जीवन परिचय : एक नजर में।

नाम : सचिन रमेश तेंदुलकर
जन्म : 24 अप्रैल 1973
जन्म स्थान : दादर के निर्मल नर्सिंग होम में, मुंबई (महाराष्ट्र)
उपनाम : लिटिल मास्टर, गॉड ऑफ क्रिकेट, मास्टर ब्लास्टर, द मास्टर, द लिटिल चैंपियन।
पिता : रमेश तेंदुलकर
माता : रजनी तेंदुकर
भाई – बहन : अजीत तेंदुलकर एवं नितिन तेंदुलकर (भाई), सविताई तेंदुलकर (बहन)
लम्बाई : 5 फिट 5 इंच (1.65 मीटर)
शिक्षा : 12वीं कक्षा तक (शारदाश्रम विद्यामंदिर, मुम्बई)।
शैली : दांए हाथ के बल्लेबाज
टीम में भूमिका : ओपनर, बल्लेबाज
लंबाई : 5 फीट 8 इंच (1.3 मीटर)
राष्ट्रीयता : भारतीय
पत्नी : अंजली मेहता
संतान : बेटी सारा तेंदुलकर, बेटा अर्जुन तेंदुलकर

प्रारंभिक जीवन।

सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 में दादर के निर्मल नर्सिंग होम, मुंबई में राजापुर के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता ने अपने एक चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर इनका नाम सचिन रखा। इनके पिता रमेश तेंदुलकर मराठी स्कूल में एक शिक्षक थे। सचिन के दो भाई अजीत तेंदुलकर एवं नितिन तेंदुलकर है, और एक बहन भी है, जिसका नाम सविताई तेंदुलकर है। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया।

वैवाहिक जीवन।

24 मई 1995 में सचिन ने डॉक्टर अंजली मेहता से प्रेम विवाह किया है। सचिन और अंजलि पहली बार एयरपोर्ट पर मिले थे। उस वक्त अंजलि को सचिन और क्रिकेट के बारे में कुछ ज्यादा मालूम नहीं था। अंजली मेहता गुजरात से हैं, और एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं। सचिन और अंजलि के दो बच्चे भी हैं बड़ी बेटी का नाम सारा तेंदुलकर और एक बेटा अर्जुन तेंदुलकर है।

शिक्षा।

सचिन ने शारदाश्रम विद्या मंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की और उसके बाद अपना सारा समय क्रिकेट में लगा दिया। वहीं पर उन्होंने कोच रमाकांत आचरेकर के सानिध्य में क्रिकेट का प्रशिक्षण लिया। तेज गेंदबाज बनने के लिए उन्होंने ‘एम.आर.एफ पेस फाउंडेशन’ के अभ्यास कार्यक्रम में भाग लिया, लेकिन वहां तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने की बात कही। उसके बाद सफर शुरू हुआ ‘क्रिकेट के भगवान’ बनने की।

खेल की शैली।

सचिन क्रिकेट में दाएं हाथ के बल्लेबाज है, लेकिन वह लिखते बाएं हाथ से हैं, और वे नियमित बाएं हाथ से गेंद फेंकने का भी अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाजी उनके बेहतरीन संतुलन और नियंत्रण पर आधारित है।
वह भारत की धीमी पिचों पर खेलने के बजाय वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया की सबसे तेज पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। उनका मानना है कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सचिन तेंदुलकर की कमजोरी है।

करियर।

स्कूल अपने कैरियर की शुरुआत में सचिन आक्रामक शैली में के बल्लेबाज हुआ करते थे।
वर्ष 2004 से कई बार चोटिल होने की वजह से उनके बल्लेबाजी की आक्रामकता में थोड़ी सी कमी आई है।


पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इयान चैपल की माने तो ‘सचिन तेंदुलकर अब पहले जैसे बल्लेबाज नहीं रहे।’परंतु 2008 के भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सचिन ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाजी दिखाई है।
तेंदुलकर नियमित गेंदबाज नहीं है, लेकिन वे मध्यम तेज लेग स्पिन गेंदबाजी करने में माहिर है। वे कई बार लंबी साझेदारी करने वाली जोड़ी को आउट कर पवेलियन भेज चुके है और भारत की जीत पक्की कराने में अनेको बार गेंदबाजी से हैरान भी किया है।

आईपीएल (इंडियन प्रीमीयर लीग) और चैंपियंस लीग।

2008 से आयोजित होने वाले आईपीएल लीग के T-20 प्रतियोगिता में सचिन को अपने घरेलू मैदान में ‘मुंबई इंडियंस’ के लिए आइकॉन खिलाड़ी बनाया गया था। एक आइकॉन खिलाड़ी के रूप मे $1,121,250 (डॉलर) की राशि देकर टीम में शामिल किया गया था।

आईपीएल के 2010 के संस्करण में मुंबई इंडियंस के फाइनल में पहुंच गया। टूर्नामेंट के दौरान तेंदुलकर ने 14 पारियों में 618 रन बनाए। सचिन ने कप्तान के रूप में दो अलग-अलग सत्रों में आईपीएल में 500 से ज्यादा रन बनाएं।
2011 में आयोजित आईपीएल में कोच्चि टस्कर्स, केरल के खिलाफ तेंदुलकर ने अपना पहला t-20 शतक लगाया। इस मैच में उन्होंने 66 गेंदों पर नाबाद 100 रन बनाए। आईपीएल के 51 मैचों में उन्होंने 1,723 रन बनाए, जिसमें वे प्रतिस्पर्धा के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा रन स्कोरर बने।
2013 में सचिन ने आईपीएल से संन्यास ले लिया और 2014 में उन्हे मुंबई इंडियंस टीम के ‘आइकॉन’ के रूप में नियुक्त किया गया।

क्रिकेट से सन्यास ।

अपने क्रिकेट करियर में सचिन 2011 में हुए वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे।
2011 में भारत के विश्वकप जीतने के बाद सचिन ने 23 दिसंबर 2012 को एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दिया।

विश्वकप जीतने के बाद सचिन

विश्वकप जीतने के बाद सचिन


इसके अगले ही साल 10 अक्टूबर 2013 को टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया।
उसके बाद सन् 2013 में मुंबई इंडियंस के द्वारा आईपीएल का खिताब जीतने के बाद सचिन ने आईपीएल से भी सन्यास की घोषणा कर दी।

क्रिकेट में रिकॉर्ड।

सचिन रमेश तेंदुलकर के नाम कई रिकॉर्डस् भी हैं।
सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 50 से ज्यादा शतक लगाए हैं।


सचिन ने 200 टेस्ट मैचों की 329 पारियों में 51 शतक और 68 अर्धशतक लगाए हैं।
जबकि सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत मात्र 16 वर्ष की उम्र में, सन् 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले जाने वाले मैच से किया था।


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ने 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।
सचिन 200 टेस्ट मैच और 463 एकदिवसीय मैच खेल चुके हैं।

सचिन के प्रिय प्रशंसक।

सचिन के प्रशंसक सुधीर कुमार चौधरी ने, भारत द्वारा खेले गए सभी घरेलू मैचों के लिए टिकट का विशेष अधिकार प्राप्त किया। सचिन के लगातार प्रदर्शन ने उन्हें भारत ही नहीं दुनिया भर में एक प्रशंसक बनाया, जिसमें आस्ट्रेलिया भीड़ भी शामिल रहे, जहां सचिन तेंदुलकर ने लगातार शतक बनाए। उनके प्रशंसकों द्वारा सबसे लोकप्रिय कथन है ‘क्रिकेट मेरा धर्म है, और सचिन मेरा भगवान है।’

1998 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मैथ्यू हेडन ने कहा था- ‘मैंने भगवान को देखा है चार टेस्ट मैचों में, भारत में।’
हालांकि भगवान वाले कथन पर तेंदुलकर ने खुद कहा था कि ‘मैं क्रिकेट का कोई भगवान नहीं हूं। मैं भी गलतियां करता हूं, जबकि भगवान नहीं करते।’

क्रिकेट में स्थापित किए गए कई कीर्तिमान।

  • मीरपुर मे 16 फरवरी 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ 100वां शतक जमाया।
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने।
  • अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबले में 18 हजार से भी ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
  • अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबले में सबसे ज्यादा 49 शतक बनाने का रिकॉर्ड।
  • एकदिवसीय विश्वकप मुकाबले में सबसे ज्यादा रन।
  • टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 51 शतक बनाए।
  • टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड।
  • टेस्ट क्रिकेट में 13000 रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज।
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में सबसे ज्यादा बार ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे।
  • अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में सबसे ज्यादा 30000 रन बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया।
  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द सीरीज रहे।

रोचक तथ्य।

युवा काल से ही सचिन अपने कोच के सानिध्य में अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टंप पर ₹1 का सिक्का रख दिया करते थे, और जो भी गेंदबाज सचिन को आउट करता वह सिक्का उसे मिल जाता था, और यदि सचिन बिना आउट हुए पूरे समय बल्लेबाजी करने में सफल हो जाते तो यह सिक्का उनका हो जाता था। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गए 13 सिक्के आज भी उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय हैं।


1988 में स्कूल के हरिस शिल्ड मैच में खेलते हुए सचिन ने अपने साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रनों की ऐतिहासिक एवं अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रोने लगा और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इनकार कर दिया था। सचिन ने अकेले ही इस मैच में 320 रन और प्रतियोगिता में 1000 से ज्यादा से भी ज्यादा रन बनाए थे।


सचिन ने प्रतिवर्ष 200 बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी लेते हुए ‘अपनालय’ नाम की एक गैर सरकारी संगठन की शुरुआत की है।
सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 31 मार्च 2001 को इंदौर में हुए मैच में 10,000 रनों का आंकड़ा पार किया था।

राष्ट्रीय सम्मान।

1994 – अर्जुन पुरस्कार (भारत सरकार द्वारा)।
1997-98 – राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (खेल के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान)।
1999 – ‘पद्मा श्री’ से सम्मानित (भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार)।
2001 – महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार (महाराष्ट्र राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार)।
2008 – ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 2014 भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार)

अन्य सम्मान।

  • 1997 – साल के विज्डन क्रिकेटर।
  • 2003 – क्रिकेट विश्व कप- 2003 के ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट।’
  • 2004,07,10 – आईसीसी विश्व एकदिवसीय एकादश।
  • 2009,10,11 – आईसीसी विश्व टेस्ट एकादश।
  • 2010 – विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर।
  • 2010 – एलजी पीपुल्स च्वाइस अवार्ड। 2010 – भारतीय वायु सेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि।
  • 2011 – बीसीसीआई द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटर
  • 2011 – कैस्ट्रॉल वर्ष के इंडियन क्रिकेटर
  • 2012 – विजडन इंडिया आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट पुरस्कार।
  • 2012 – सिडनी क्रिकेट ग्राउंड एससीजी की मानद आजीवन सदस्यता।
  • 2012 – ऑस्ट्रेलिया के आदेश के मानद सदस्य,( ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा दिया गया सम्मान)।
  • 2013 – भारतीय पोस्टल सर्विस ने तेंदुलकर का एक डाक टिकट जारी किया था। वह मदर टेरेसा के बाद दूसरे भारतीय बने जिनके लिए ऐसा डाक टिकट उनके अपने जीवन काल में जारी किया गया था।

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