बाईचुंग भुटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi

बाईचुंग भुटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi

 

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बाईचुंग भुटिया | Baichung Bhutia

भारतीय भुतपूर्व हॉकी खिलाड़ी


Baichung Bhutia Biography in Hindi : दोस्तों, यदि आप खेल के बारे में थोड़ा भी जानकारी रखते हैं तो क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनेल मेसी, नेमार जैसे कई विश्व प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ियों को आप जरूर जानते होंगे। और अगर आप फुटबॉल प्रेमी है तो भारत के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया को तो जरूर जानते होंगे… है ना। लेकिन यदि आप नहीं जानते हैं तो फिक्र मत किजीये, हम हैं ना आपको बताने के लिए।

दोस्तों, बाईचुंग भुटिया भारत के मशहुर फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम को दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान दिलाई है। आज के आर्टिकल में हम बाइचुंग भूटिया के जीवन परिचय के से लेकर उनके जीवन के महत्वपूर्ण सफर के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इसीलिए बनी रहे हमारे आज के, ” बाइचुंग भूटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi ” के इस आर्टिकल में। आइए जानते हैं, कौन है बाईचुंग भुटिया…

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बाईचुंग भुटिया कौन हैं ? | Who is Baichung Bhutia ?

Baichung Bhutia Biography in Hindi : दोस्तों, बाइचुंग भुटिया एक पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो भारतीय टीम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे। उन्होंने वर्ष 2011 में फुटबॉल से संन्यास ले लिया था। बाईचुंग भुटिया को भारतीय फुटबॉल टीम को विश्व भर में एक अलग पहचान दिलाने के लिए भी जाना जाता है। फुटबॉल में उनकी शूटिंग कौशल को देखते हुए, लोग उन्हें सिक्किमी स्नैपर के नाम से भी बुलाते हैं।

बाईचुंग भुटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi

बाईचुंग भुटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi

बाईचूंग भूटिया कि कप्तानी में, भारत ने वर्ष 2002 में वियतनाम में एलजी (LG) कप, तीन बार दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (SAFF) चैंपियनशिप, दो बार नेहरू कप का खिताब (वर्ष 2007 और 2009 में) और एएफसी 2008 का चैलेंज कप जीता था। जिसमे उन्होनें एक स्थान हासिल किया। सुप्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी आईएम विजयन ने भूटिया को ” भारतीय फुटबॉल के लिए एक भगवान का उपहार “ बताया था। बाईचूंग भूटिया के बारे में ज्यादा जानने के लिए जुड़े रहे हमारे biographybooks.in के आर्टिकल ” बाईचूंग भूटिया का जीवन परिचय | Baichung Bhutia Biography in Hindi ” के इस आर्टिकल में…

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Table of Contents

बाईचुंग भुटिया का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम (Name) : बाईचुंग भुटिया (Baichung Bhutia)

उपनाम (Nick name) : सिक्किमी स्नैपर

जन्म (Birth) : 15 दिसम्बर 1976

उम्र (Age) : 45 वर्ष – (वर्ष 2022 में)

जन्म स्थान (Birth place) : तिंकिताम, सिक्किम, भारत

पिता (Father) : दोरजी दोरमा

माता (Mother) : सोनम टॉपडेन

गृहनगर (Hometown) : तिंकितम, सिक्किम, भारत

स्कूल (School) : सेंट जेवियर्स स्कूल, पाकयोंग, पूर्वी सिक्किम

शिक्षा (Education) : जानकारी नहीं।

राष्ट्रीयता (Nationality) :  भारतीय

राशि (Zodiac) : धनु राशि

धर्म (Religion) : हिन्दू

पेशा (Profession) : फुटबॉल खिलाड़ी

खेल पोजीशन (Position) : फॉरवर्ड

अंतरराष्ट्रीय डेब्यू (International Debut) : 10 मार्च 1995 को थाईलैंड के खिलाफ

कोच/ मेंटोर (Coach) : कर्म भूटिया (उनके चाचा)

डोमेस्टिक/स्टेट टीम (Team) : ईस्ट बंगाल क्लब, मोहन बागान क्लब

विदेशी क्लब (Foreign club) : इंग्लिश क्लब बरी (1999 में)

जर्सी नं. (Jersey no.) : #15

सन्यास (Retirement) : अगस्त 2011 में

राजनीतिक झुकाव (Political interest) : ” हमारो सिक्किम पार्टी ”  से।

पत्नी (Wife) : माधुरी टिपनिस (2004-2015) – तलाकशुदा

पुरस्कार (Awards) : पदम श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित।

प्रसिद्धी (Famous for) : विश्व प्रसिद्ध भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में।

नेटवर्थ (Net worth) : ₹17 करोड़- ₹ 22 करोड़ के लगभग

 

बाईचुंग भुटिया का जन्म और माता-पिता | Baichung Bhutia Birth & Parents

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Early Life – दोस्तों, बाइचुंग भूटिया का जन्म 15 दिसंबर 1976 को सिक्किम के एक छोटे से गांव तिंकिताम मे एक सिक्किमी-भूटिया वंश में हुआ था। उनके पिता का नाम, दोरजी दोरमा और उनकी माता का नाम, सोनम टॉपडेन है। बाइचुंग भूटिया के माता-पिता पेशे से एक किसान थे।

बाइचुंग भुटिया के दो बड़े भाई और एक बहन भी है। उनके दोनों बड़े भाइयों का नाम, शिवांग और बम बम भूटिया है और उनकी बहन का नाम कैलिस भूटिया है। शुरुआत में बाइचुंग भुटिया के पिता को उनका फुटबॉल खेलना पसंद नहीं था। उनके पिता चाहते थे कि, बाइचुंग अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। लेकिन पिता की मृत्यु के बाद बाइचुंग भूटिया के चाचा कर्म भूटिया ने उन्हें प्रोत्साहित किया और बाद में उन्हें सेंट जेवियर स्कूल पार्क जो इस स्थिति में अपनी शुरुआती शिक्षा शुरू कर दी।

 

बाईचुंग भुटिया कि शिक्षा और ट्रेनिंग | Baichung Bhutia Education & Training

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Education & Training – दोस्तों, ईस्ट सिक्किम के पाकजोंग स्थित सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ाई के दौरान बाइचुंग भूटिया 9 साल की उम्र में गंगटोक में ताशी नामग्याल अकादमी में शामिल हुए। अकादमी में शामिल होने के लिए बायचुंग ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से एक फुटबॉल छात्रवृत्ति भी जीती थी।

इसके बाद, बाइचुंग ने सिक्किम में कई अन्य स्कूलों और स्थानीय क्लबों के लिए खेलना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने 14 वर्ष कि उम्र में गंगटोक स्थित अपने चाचा कर्म भूटिया द्वारा चलाए जाने वाले, ब्वॉयज क्लब के लिए भी खेला था। जहाँ उनके चाचा कर्मा भूटिया मुख्य कोच थे।

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बाईचुंग भुटिया का फुटबॉल करियर | Baichung Bhutia Hockey Career

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Football Career – वर्ष 1992 में अपने 15 वर्ष की उम्र में बाइचुंग ने सुब्रतो कप में हिस्सा लिया। इस टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा और उन्होंने ‘ बेस्ट प्लेयर ‘ का पुरस्कार भी जीता था। इस टूर्नामेंट में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद वह फुटबॉल प्रतिष्ठान के नजर में आए और पूर्व भारतीय गोलकीपर भास्कर गांगुली ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें कलकत्ता फुटबॉल क्लब में शामिल होने में मदद की।

वर्ष 1993 में, मात्र 16 वर्ष की उम्र में पूर्व भारतीय गोलकीपर भास्कर गांगुली की मदद से बाइचुंग पेशेवर ईस्ट बंगाल कि टीम ” F.C Kolkata Club ” मे शामिल हो गए। कोलकाता कि टीम से जुड़ने के बाद बाइचुंग भूटिया ने अपने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी।

” F.C Kolkata Club ” के लिए दो साल तक खेलने के बाद, बाइचुंग को ” J.C.T MILES ” टीम के साथ  खेलने का मौका मिला। वर्ष 1996 से 1997 के सीजन में इस टीम ने ” इंडियन नेशनल फुटबॉल लीग ” जीता। इस लीग मे बाईचुंग भुटिया का बहुत अहम योगदान रहा था और इस लीग में बाइचुंग भूटिया शीर्ष गोलकीपर भी रहे थे। इस लीग के बाद, बाइचुंग को नेहरू कप में उनके अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के लिए टीम में शामिल किया गया। इससे पहले, वर्ष 1996 में उन्होंने ” भारतीय प्लेयर ऑफ द ईयर ” का खिताब जीता था।

बाईचुंग भुटिया | Baichung Bhutia

बाईचुंग भुटिया | Baichung Bhutia

वर्ष 1997 में वे फिर से ईस्ट बंगाल की F.C CLUB टीम में वापस लौट आए। इस दौरान बाईचुंग भूटिया ने ईस्ट बंगाल और मोहन बगान के बीच खेले गए स्थानीय डर्बी मे पहली हैट्रिक लगाई। इसके साथ ही उनकी टीम ने वर्ष 1997 के फेडरेशन कप के सेमीफाइनल में मोहन बागान पर 4-1 से जीत दर्ज की। वर्ष 1998 से 1999 के दौरान बाइचुंग भुटिया को टीम का कैप्टन चुना गया। इसी साल, वर्ष 1999 में भाईचुंग भुटिया को भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

फुटबॉल के अलावा, बाइचुंग भूटिया को अन्य दूसरे खेलों में भी काफी रूचि थी। स्कूल में पढ़ाई के दौरान वे बैडमिंटन, बास्केटबॉल, एथलीट के रूप में भी अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं ।

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शारीरिक संरचना | Body Measurement

लंबाई (Height) 

से० मी०- 173

मी०- 1.70

फीट – 5’8″ फिट

वजन (Weight)

72 Kg

आंखों का रंग (eye color)

काला
बालों का रंग (Hair color)

काला

 

बाईचुंग भुटिया का अंतरराष्ट्रीय करियर | Baichung Bhutia International Career

Baichung Bhutia Biography in Hindi : International Career – दोस्तों, बाइचुंग भूटिया ने 10 मार्च 1995 को थाईलैंड के खिलाफ खलते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। बाईचुंग भुटिया, के लिए ऐसा कहा जाता है कि उन्हें विदेशों में खेलने के लिए सीमित अवसर दिया गया था।

30 सितंबर 1999 को, बाईचुंग भुटिया इंग्लैंड के ग्रेटर मैनचेस्टर में एक इंग्लिश क्लब भरी के लिए खेलने के लिए विदेशी दौरे पर थे। जिसके बाद, वे मो. सलीम के बाद और यूरोप में पेशेवर रूप से खेलने वाले दूसरे भारतीय फुटबॉलर बने। उन्होंने इंग्लैंड की क्लब के साथ 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इस क्लब के लिए उन्होंने अपना पहला मैच कार्डिफ़ सिटी के खिलाफ 3 अक्टूबर साल 1999 में खेला था। और 15 अप्रैल 2000 को, उन्होंने इंग्लिश लीग में चेस्टरफील्ड के ख़िलाफ़ अपना पहला गोल दागा। इसके बाद उनके घुटने में चोट लगने कि वजह से उन्हे ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

वर्ष 2002 में, भुटिया वापस भारत लौट आए और 1 वर्ष के लिए मोहन बागान टीम के लिए खेला। इसके बाद वह फिर से अपने पुराने, बंगाल क्लब मे लौट आए। उनके इस क्लब में वापसी करने के बाद, ईस्ट बंगाल क्लब को आसियान क्लब चैम्पियनशिप जीतने में मदद मिली।

इसके बाद उन्होंने वर्ष 2003 में मलेशिया फुटबॉल क्लब “पैराक एफए” के लिए भी खेला। हालांकि, पैराक एफए में उनके कार्यकाल का अंत मलेशिया कप के सेमीफाइनल में सबा एफए से 3-1 से हार के साथ हुआ था। इस टूर्नामेंट के बाद वे वापस भारत आ गए।

भारत लौटने के बाद, वर्ष 2004-05 के सीज़न के दौरान, भूटिया ने ईस्ट बंगाल के लिए 9 गोल किए, जो एससी गोवा और चैंपियन डेम्पो के पीछे तीसरे स्थान पर रहे। 2005-06 के सीजन के अंत तक उन्होंने पूर्वी बंगाल के लिए खेलना जारी रखा। अपने अंतिम सत्र में उन्हें अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने एक सत्र में “नेशनल फुटबॉल लीग का प्लेयर” से सम्मानित किया, जिसमें उन्होंने 12 गोल किए थे। 

वर्ष 2005 में, भूटिया ने एक और मलेशियाई क्लब, “सेलेगर एमके लैंड” के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। लेकिन इस क्लब की तंगहाली की वजह उन्होंने केवल पांच बार मैच खेले और इसमे एक गोल भी किए। इससे पहले, उन्हें होम यूनाइटेड के मैंनेजर स्टीव डार्बी से एक ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। बाद में डार्बी ने यह खुलासा किया कि, ” वे भूटिया को साथ लाने में इसलिए असफल रहे, क्योंकि उन्होंने जो पेशकश की थी वो उस समय भारत में जो उन्हें मिल रहा था उससे कम था।”

एक मैच के दौरान बाइचुंग भूटिया।

एक मैच के दौरान बाइचुंग भूटिया।

15 जून 2006 को, वह मोहन बागान से जुड़ गए और उन्होंने जोस रैमिरेज़ बैरेटो के साथ एक आक्रमक साझेदारी की शुरूआत की। 2007-08 सीज़न (i- league) के दौरान, भूटिया ने 18 मैचों में 10 गोल किये थे। वर्ष 2008 में भूटिया ने दूसरी बार भारतीय खिलाड़ी का खिताब जीता था। इसके बाद वे एक बार से ज्यादा बार यह खिताब जीतने वाले दूसरे फुटबॉल खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले केवल आई. एम. विजयन ने ही कारनामा किया था। 

वर्ष 2008-09 के सीजन में लगातार 10 मैच जीतने के बावजूद, मोहन बागान ने चर्चिल ब्रदर्स के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। क्योंकि यह क्लब महिन्द्रा यूनाइटेड के साथ आख़री मैच में हार गई थी। इस सीजन में भूटिया ने छह गोल किए थे।

वर्ष 2009 में उन्होंने भारत के एक डांस रियलिटी शो “झलक दिखला जा” में परफॉर्म किया था। जिसके बाद 18 मई 2009 को उनकी क्लब के अधिकारियों द्वारा फुटबॉल की प्रतिबद्धता की पूछताछ के कारण बाईचुंग भुटिया ने मोहन बागान क्लब को छोड़ने का फैसला किया। इसके पहले ” झलक दिखला जा ” की घटना के बाद उन्हें मोहन बागान द्वारा क्लब से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने मोहन बागान क्लब को छोड़ने का फैसला किया। इस मामले में बाईचूगं भूटिया ने कहा कि, ” मोहन बागान में मुझे एक और सीज़न में रखने के लिए सिर्फ एक साल है, लेकिन मैं उनके लिए अब और नहीं खेलूंगा”।

अक्टूबर 2010 में, बाईचुंग भुटिया ने कार्लोस क्वियरोज और नाईकी द्वारा फुटबॉल के साथ साझेदारी में दिल्ली में “बाइचुंग भुटिया फुटबॉल स्कूल” की स्थापना की। इसके 1 साल बाद ही, वर्ष 2011 में बाईचूगं भूटिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल करियर से अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी और 10 जनवरी 2012 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ब्रायन म्यूनिख के खिलाफ भारत के राष्ट्रीय टीम के साथ  उन्होंने अपने करियर का विदाई मैच खेला। 

बाईईचुंग भुटिया ने अपने करियर में कई अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल ट्राफी जैसे, नेहरू कप, एलजी कप, एएफसी टूर्नामेंट चैलेंज जैसे टूर्नामेंट भी जीते हैं। वह भारत के सबसे ज्यादा कैप पाने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके नाम पर 104 अंतरराष्ट्रीय कैप है और वर्ष 2009 के नेहरू कप में उन्होंने अपना 100 वां अंतरराष्ट्रीय केप प्राप्त किया था।

 

फुटबॉल करियर से संन्यास के बाद बाइचुंग भुटिया | Baichung Bhutia Retairement

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Retairement – अपने फुटबॉल करियर से संन्यास लेने के बाद बाइचुंग भुटिया वर्ष 2011 में यूनाइटेड सिक्किम में कोच और मैनेजर के पद पर नियुक्त हुए। वर्तमान में बाइचुंग भुटिया अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए अपनी चुनौती पेश की है। इस पद के लिए भूटिया और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे, अध्यक्ष पद की दौड़ में आमने-सामने हैं।

अपने राजनीतिक झुकावों के चलते, हाल ही में बाइचुंग भूटिया ने “हमारो सिक्किम पार्टी” की स्थापना भी की है।

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टेलीविजन पर बाइचुंग भूटिया का जलवा |

मैदान के अंदर फुटबॉल ग्राउंड में उन्होंने अपना जलवा तो दिखाया ही था। लेकिन मैदान के बाहर और कैमरे के सामने भी वे अपने जलवे दिखाते हुए नजर आए। जब उन्होंने वर्ष 2009 में एक डांस रियलिटी शो ” झलक दिखला जा ” में पार्टिसिपेट किया। वे झलक दिखला जा सीजन- 2009 के विजेता भी रहे हैं।

 

बाईचुंग भुटिया का निजी जीवन | Personal Life

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Personal life – दोस्तों, बाईचुंग भुटिया ने 30 दिसंबर 2004 को अपने लंबे समय से प्रेमिका रही, माधुरी टिपनिस से शादी कर ली। शादी के बाद, बाइचुंग अपनी पत्नी के साथ अपने गृह नगर तिंकिताम में बस गए।

अपनी पत्नी माधुरी टिपनिस के साथ बाईचूंग भुटिया।

अपनी पत्नी माधुरी टिपनिस के साथ बाईचूंग भुटिया।

भुटिया और माधुरी के एक बेटा, उगेन कलजांग भूटिया और दो बेटियां, समारा देचेन भूटिया और कीशा डोलकर भूटिया हैं। बाइचुंग भुटिया चाहते हैं कि उनका बेटा एक टेनिस खिलाड़ी बने।

अपने बच्चों के साथ मस्ती करते हुए बाइचुंग भुटिया।

अपने बच्चों के साथ मस्ती करते हुए बाइचुंग भुटिया।

बाइचुंग भूटिया की पत्नी माधुरी पेशे से एक होटल पेशेवर हैं। वर्ष 2015 में, किन्हीं कारणों से बाईचुंग और माधुरी का तलाक हो गया था। 

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पारिवारिक जानकारीयाँ |

माता पिता (Parents)

पिता – दोरजी दोरमा

माता – सोनम टॉपडेन

भाई बहन (Siblings)

बड़े भाई – बम बम भूटिया, चेवांग भूटिया 

बहन – कैलिस भूटिया

पत्नी (Wife)

माधुरी टिपनिस (2004-2015) -तलाक

बच्चे (Childrens)

बेटा – उगेन कलजांग भूटिया

बेटियाँ – समारा देचेन भूटिया, कीशा डोलकर भूटिया

 

बाईचुंग भुटिया कि पसंदीदा चीजें | Baichung Bhutia

पसंदीदा फुटबॉल क्लब (favorite football club)

शस्त्रागार और बार्सिलोना
पसंदीदा खिलाड़ी (favorite player ) थियरी हेनरी, लियोनेल मेस्सी, रोनाल्डिन्हो
खाद्य आदत (Eating Habit)

मांसाहारी

पसंदीदा भोजन (favorite food)

मटन और मछली
शौक/अभिरुचि (Hobbies)

बास्केटबॉल, और बैडमिंटन खेलने का

 

बाईचुंग भुटिया से जुड़े विवाद | Baichung Bhutia controversies

Baichung Bhutia Biography in Hindi : Controversies – वर्ष 2008 में, बाईचूंग भूटिया को भारत में ओलंपिक मशाल के साथ चलने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने “तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन” के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए मशाल ले जाने से मना कर दिया। इस बारे में उन्होंने कहा कि, ” मुझे तिब्बती कारण से सहानुभूति है। मैं हिंसा के खिलाफ हूं, लेकिन मैंने सोचा कि मुझे तिब्बती लोगों के संघर्ष में उनका समर्थन करना चाहिए। “ आपको बता दें कि, बाइचुंग भुटिया पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने ओलंपिक मशाल ले जाने से मना कर दिया था।

 

बाईचुंग भुटिया की उपलब्धियां | Baichung Bhutia Achievements

  • बाईचुंग ने 2003-04 में नेशनल फुटबॉल लीग (NFL) खिताब सहित पूर्वी बंगाल के साथ लगभग सभी राष्ट्रीय ट्राफियां जीती हैं।
  • वर्ष 1999 में, वह मो. सलीम के बाद यूरोपीय क्लब के लिए खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए थे। क्योंकि वे इंग्लिश थर्ड-टियर साइड बरी एफसी के द्वारा साइन किए गए थे।
  • 15 अप्रैल 2000 को, वह एक अंग्रेजी पेशेवर खेल में गोल करने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने।
  • भूटिया सर्वाधिक कैप्ड भारतीय खिलाड़ी हैं।
  • बाईचूंग भूटिया कि कप्तानी में, भारत ने वर्ष 2002 में वियतनाम में एलजी (LG) कप, तीन बार दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (SAFF) चैंपियनशिप, दो बार नेहरू कप का खिताब (वर्ष 2007 और 2009 में) और एएफसी 2008 का चैलेंज कप जीता था। जिसमे उन्होनें एक स्थान हासिल किया। 
  • तीन बार के इंडियन प्लेयर ऑफ द ईयर रहे आईएम विजयन ने भूटिया को ” भारतीय फुटबॉल के लिए भगवान का उपहार “ बताया था।
  • वर्ष 1996-97 के सीज़न में, जेसीटी एफसी के लिए खेलते हुए, भूटिया शीर्ष स्कोरर थे।
  • वर्ष 1996 में, उन्हें इंडियन प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया।
  • वर्ष 1997 में, ईस्ट बंगाल एफसी के लिए खेलते हुए, भूटिया ने मोहन बागान के खिलाफ अपनी पहली हैट्रिक बनाई।
  • वर्ष 2005-06 सीज़न में ईस्ट बंगाल के लिए खेलते हुए, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने उन्हें “नेशनल फुटबॉल लीग प्लेयर” पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

बाईचुंग भुटिया को मिले पुरस्कार एवं सम्मान | Baichung Bhutia Awards & Rewards

  1. 2014 : बंगाल द्वारा दिया जाने वाला सम्मान ‘ बंगा भूषण’ से सम्मानित।
  2. 2008 : भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। बाईचूंग भूटिया प्रतिष्ठित यह प्राप्त करने वाले केवल पांच फुटबॉलरों में से एक हैं और अपने खेल करियर के दौरान इसे जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
  3. 1999 : भारत सरकार द्वारा ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
  4. 1992 : सुब्रतो कप में उन्हें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया था।

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बाईचुंग भुटिया से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Some Interesting Facts About Baichung Bhutia

  • क्या बाईचुंग भूटिया धूम्रपान करते हैं ? – नहीं
  • क्या बाईचुंग भूटिया शराब पीते हैं ? – ज्ञात नहीं।
  • बाईचुंग 14 वर्ष की उम्र में गंगटोक में ब्वॉयज क्लब में शामिल हो गए थे, जहाँ उनके चाचा कर्मा भूटिया मुख्य कोच थे।
  • भूटिया ने SAI गंगटोक में एक कार्यकाल से पहले सिक्किम की ताशी नामग्याल अकादमी में फुटबॉल प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
  • 16 साल की उम्र में, उन्होंने अपने पहले पेशेवर क्लब ईस्ट बंगाल एफसी के लिए साइन किया।
  • 30 दिसंबर 2004 को, बाईचूंग ने अपनी लंबे समय से प्रेमिका माधुरी टिपनिस से शादी की।
  • बाईचूंग और माधुरी का एक बेटा और दो बेटियां हैं।
  • बाईचूंग बहुमुखी व्यक्तित्व के इंसान हैं, और उन्होंने वर्ष 2009 में डांस रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा’ में भाग लिया और जीत हासिल की।
  • बाइचुंग भूटिया को लोग ‘सिक्किम स्नैप्पर’ के नाम से भी जानते हैं।
  • वर्ष 2008 में, भूटिया को भारत में ओलंपिक मशाल के साथ चलने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए मशाल ले जाने से इनकार कर दिया था। भूटिया ने कहा, “मुझे तिब्बती कारण से सहानुभूति है। मैं हिंसा के खिलाफ हूं, लेकिन मैंने सोचा कि मुझे तिब्बती लोगों के संघर्ष में उनका समर्थन करना चाहिए,” । वह पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने ओलंपिक मशाल ले जाने से मना कर दिया था।
  • वर्ष 2011 में, बाइचुंग भुटिया यूनाइटेड सिक्किम में कोच व मेनेजर बने।
  • वर्ष 2011 में फुटबॉल से संन्यास ले लिया था।
  • राजनीतिक कि तरफ अपने रूझानों के चलते उन्होंने “हमरो सिक्किम पार्टी” की स्थापना की है।

 

बाईचुंग भुटिया के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया कौन है ?

उत्तर : बाइचुंग भुटिया एक पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो भारतीय टीम में स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे। वर्ष 2011 में उन्होंने फुटबॉल से संन्यास ले लिया था।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया का जन्म कब हुआ था ?

उत्तर : बाईचुंग भुटिया का जन्म 15 दिसम्बर 1976 को सिक्किम के तिंकिताम में हुआ था।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया की उम्र कितनी है ?

उत्तर : 45 वर्ष – (वर्ष 2022 में)

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया किस राज्य से हैं ?

उत्तर : सिक्किम राज्य से।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया कि जाति क्या है ?

उत्तर : सिक्किमी, हिंदू

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया किस खेल से संबंधित हैं ?

उत्तर : फुटबॉल से

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया की पत्नी कौन थी ?

उत्तर : बाईचुंग भुटिया की पत्नी का नाम माधुरी टिपनिस है ओर एक होटल पेशेवर हैं। वर्ष 2015 में दोनों का तलाक हो गया था।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया कितने बच्चे थे ?

उत्तर : एक बेटा, उगेन कलजांग भूटिया और दो बेटियां, समारा देचेन भूटिया और कीशा डोलकर भूटिया

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया के कोच कौन थे?

उत्तर : कर्म भूटिया – (बाइचुंग भुटिया के चाचा)

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया और माधुरी टिपनिस का तलाक कब हुआ था ?

उत्तर : बाईचुंग भुटिया और माधुरी टिपनिस का तलाक वर्ष 2015 में हुआ था।

प्रश्न : बाईचुंग भुटिया को किस नाम से जाना जाता है ?

उत्तर : बाईचुंग भूटिया को, सिक्किमी स्नैपर के नाम से भी जाना जाता है।

 

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आभार ।

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