पैगंबर मोहम्मद आखिर कौन थे, और क्या है उनकी असली कहानी |

पैगंबर मोहम्मद आखिर कौन थे, और क्या है उनकी असली कहानी |

Paigambar Muhammad Biography in Hindi | पैगम्बर मोहम्मद का जीवन परिचय

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पैगंबर मोहम्मद | Paigambar Muhammad

इस्लाम के आखिरी नबी ।

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : दोस्तों आजकल पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर पूरे देश भर में एक अलग ही माहौल बना हुआ है। जहां एक तरफ पैगंबर मोहम्मद को लेकर

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नुपुर शर्मा ने टिप्पणी की थी वहीं दूसरी तरफ उनकी टिप्पणी की वजह से पूरे देश के साथ-साथ अरब देशों में भी उनकी आलोचना की जा रही है। हालांकि दूसरी तरफ करोड़ों भारतीय हिंदू नुपुर शर्मा के समर्थन में खड़े हैं, और उनके समर्थन में जगह-जगह रैलियां निकाल रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आज आपको, पैगंबर मोहम्मद की जीवनी को बताने की पूरी कोशिश करेंगे।

यहां हम आपको पहले ही बता दें कि, हमारा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि यह आर्टिकल केवल और केवल हमारे प्रिय पाठकों को इंफॉर्मेशन मुहैया कराने के लिए लिखी गई है, जो अलग-अलग स्रोतों और मीडिया से इकट्ठा की गई जानकारी पर आधारित है। 

तो आइए जानते हैं, कौन थे पैगंबर मोहम्मद ? और उनके जीवन परिचय से लेकर पूरी कहानी के बारे में विस्तार से। तो बनें रहें आज के हमारे ” Paigambar Muhammad biography in Hindi | पैगंबर मोहम्मद का जीवन परिचय ” के इस लेख में।

 

कौन थे पैगंबर मोहम्मद ? | Who was Paigambar Muhammad ?

दोस्तों, पैगंबर मोहम्मद या हजरत मोहम्मद साहब इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर माने जाते हैं। कुरान के मुताबिक, एक रात जब वह पर्वत की एक गुफा में ध्यान कर रहे थे, तो फरिश्ते जिब्राइल उनके पास आए और उन्हें कुरान की शिक्षा दी। पैगंबर का विश्वास था कि अल्लाह ने उन्हें अपना संदेशवाहक चुना है, और वह दूसरों को भी अल्लाह का संदेश देने लगे। जिसके बाद पैगंबर मोहम्मद साहब इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर बन गए।

Paigambar Muhammad Biography in Hindi | पैगम्बर मोहम्मद का जीवन परिचय

Paigambar Muhammad Biography in Hindi | पैगम्बर मोहम्मद का जीवन परिचय

तो पैगंबर मोहम्मद की जीवनी के बारे में जानने के लिए बने रहे हमारे, ‘ Paigambar Muhammad Biography in Hindi | पैगंबर मोहम्मद का जीवन परिचय ‘ के इस पेज पर।

 

इन्हें भी पढ़ें : 

 

पैगंबर मोहम्मद का जीवन परिचय : एक नजर में ।

वास्तविक नाम  :  मुह़म्मद इब्न अ़ब्दुल्लाह अल हाशिम

उपनाम : मुसतफ़ा, अह़मद, ह़ामिद मुहम्मद के नाम

जन्म  :   570 ईसा पुर्व

जन्म स्थान  :  मक्का (शहर), मक्का प्रदेश, अरब (अब सऊदी अरब)

पिता :  अब्दुल्लह इब्न अब्दुल मुत्तलिब

माता :  आमिना बिन्त वहब

धर्म :  इस्लाम

प्रसिद्धि का कारण : इस्लाम के पैगंबर

मृत्यु : 8 जून 632 (उम्र 62)

मृत्यु स्थान : यस्रिब, अरब (अब मदीना, हेजाज़, सऊदी अरब)

मृत्यु का कारण : बुख़ार

स्मारक समाधि : मस्जिद ए नबवी, मदीना, हेजाज़, सऊ़दी अ़रब

 

पैगंबर मोहम्मद का प्रारंभिक जीवन | Paigambar Mohammed Early Life & Education

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : पैगंबर मोहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में अरब (वर्तमान में साऊदी अरब) के रेगिस्तान के शहर मक्का में हुआ था। उनके बचपन का नाम मुह़म्मद इब्न अ़ब्दुल्लाह अल हाशिम था। पैगंबर साहब के पिता का नाम, अब्दुल्लह इब्न अब्दुल मुत्तलिब था और पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था। पैगंबर साहब की माता का नाम, बीबी आमिना बिन्त वहब था, और जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई थी। अपनी मां के निधन के बाद पैगंबर साहब कि परवरिश की जिम्मेदारी उनके दादा अबू मुतालिब और चाचा अबू तालिब पर आ गई। और जब पैगंबर साहब 9 वर्ष के थे तब उनके दादा की मृत्यु हो गई। दादा की मृत्यु के बाद वह अपने चाचा के साथ रहने लगे।

पैगंबर मोहम्मद साहब बचपन से ही बहुत मेहनती और होशियार थे। वे बचपन से ही गम्भीर स्वभाव के ईमानदार थे और कम तथा मीठा बोलते थे। जबकि अरब के लोग दगाबाज, फरेबी और झूठ बोलने में ही अपना जीवन बिताते थे। अपने चाचा के साथ रहते हुए वे अपने चाचा के व्यापार में उनका हाथ बटाते थे। उनकी सचाई और ईमानदारी को देखकर लोग उन्हें अल-अमीन, अर्थात् सच्चा ईमानदार अथवा सत्यव्रती कहते थे।

 

पैगंबर मोहम्मद का वैवाहिक जीवन | Paigambar Mohammed married life

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : बड़े होने पर मोहम्मद साहब व्यापार करने लगे। वह बचपन से ही अपने चाचा के व्यापार मे भी उनका हाथ बटाते थे। धन्धे में ईमानदारी पर उन्हें बेहद विश्वास था। जहां उस दौरान अरब में चारों तरफ झूठ, फरेब, मक्कारी, बेईमानी फैली हुई थी, वही इसके उलट पैगंबर मोहम्मद के मेहनत और ईमानदारी की चर्चा भी चारों तरफ फैली हुई थी। 

उनकी मेहनत और ईमानदारी से प्रभावित होकर बीबी खदीजा नाम की एक 40 वर्षीय महिला, जो उनसे उम्र में बहुत बड़ी थीं और एक विधवा थी, उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब को शादी का प्रस्ताव दिया और पैगंबर मोहम्मद ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उस समय पैगंबर मोहम्मद 25 वर्ष के थे। बीबी खदीजा से पैगंबर मोहम्मद को 3 लड़के और 4 लड़कियां हुई। जिनमें से उनके सभी बेटों कि मृत्यु, जन्म के 3 से 4 सालों में ही हो गई थी। जबकि उनकी बेटियां 23 से 30 साल तक जीवित रही थीं।

यहां आपको यह बता दें कि, हदीस के मुताबिक माना जाता रहा है कि खदीजा से पैगंबर मुहम्मद की शादी के फैसले में विधवा विवाह और बड़ी उम्र की महिला से भी शादी की जा सकती है। यह संदेश छिपा हुआ था। जबकि कम लोग जानते हैं कि, पैगंबर मोहम्मद ने पहली शादी प्यार के लिए की थी। उन्होंने ही आगे बढ़कर शादी का प्रस्ताव रखा था। कई विद्वान मानते हैं कि खदीजा एक अमीर विधवा थी, लेकिन शुरुआती साक्ष्य बताते हैं कि आपसी प्रेम और सम्मान के चलते यह शादी की गई थी। 20 वीं शताब्दी के बाद, पैगंबर मुहम्मद ने आइशा नाम कि एक लड़की से भी विवाह किया था। जिसकी उम्र महज 9 वर्ष की थी।

वर्तमान में नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर इसी विवाह को लेकर की गई टिप्पणी के बाद से पूरे देश में उनकी आलोचना की जा रही है। और पूरा अरब देश नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। जबकि एक 9 वर्ष की लड़की से विवाह करने पर उस समय भी पैगंबर मोहम्मद कि कड़ी आलोचना की गई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पैगंबर मोहम्मद ने 13 से भी ज्यादा शादियां की थी। लेकिन उन्हें संतान की प्राप्ति केवल अपनी दो पत्नियों से ही हुई थी। हालांकि, उनके द्वारा की गई शादियों में से ज्यादातर शादियाँ उन्होंने सामाजिक संदेश देने के लिए की थीं।

सादा भोजन, सादे कपड़े और अपना काम खुद करना तथा साफ-सफाई रखना उनके स्वभाव में शामिल था। हजरत मोहम्मद अपने घर-परिवार के लोगों तथा नौकरों के साथ भी बहुत नरमी रखते थे। सांसारिक जीवन जीते हुए भी वे यह सोचा करते थे कि लोगों को बुराई के रास्ते से कैसे हटाया जाये। कभी-कभी वे रेगिस्तान के एकान्त में घण्टों बैठे रहते थे और इस विषय पर गहन चिन्तन किया करते थे और अक्सर गुफा में बैठकर ध्यान लगाया करते थे। उस दौरान उन्हें खाने-पीने तक की सुध भी नही रहती थी।

 

पारिवारिक जानकारियां ।

माता-पिता

(Parents)

पिता – अब्दुल्लह इब्न अब्दुल मुत्तलिब

माता – आमिना बिन्त वहब

जीवनसाथी (Wife) 

खदीजा बिन्त खुवायलद (595-619)

सोदा बिन्त ज़मआ (619-632)

आयशा बिन्त अबी बक्र (619-632)

हफ्सा बिन्त उमर (624-632)

ज़ैनब बिन्त खुज़ैमा (625-627)

ज़ैनब बिन्त जहाश (627-632)

जुवैरीया बिन्त अल-हरिथ (628-632)

राम्लाह बिन्त अवि सुफ्याँ (628-632)

हिन्द बिन्त अवि उमय्या (629-632)

रय्हना बिन्त ज़यड (629-632)

सफिय्या बिन्त हुयाय्य (629-632)

मयमूना बिन्त अल-हरिथ (630-632)

मरिया अल-क़ीब्टिय्या (630-632)

बच्चे (Childrens)

बेटे- अलक़ासिम, अब्दुल्लाह, इब्राहिम

बेटियाँ – जैनाब, रुक़य्याह, उम्कु ल्थूम, फ़ातिमा ज़हरा

 

बने इस्लाम के आखिरी नबी | Paigambar Mohammed as last messenger of Islam

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : कुरान के मुताबिक, एक रात जब वह पर्वत की गाहे-हरा नाम के एक गुफा में ध्यान कर रहे थे तो फरिश्ते जिब्राइल उनके पास आए और उन्हें कुरान की शिक्षा दी। इसमें जिब्राइल ने अल्लाह के नाम का जिक्र करते हुए कुरान की कुछ आयतें पढ़कर सुनाई और पैगंबर मोहम्मद को इसे अपने पीछे-पीछे दोहराने को कहा। जिब्राइल के अल्लाह का नाम का जिक्र करते ही मोहम्मद ने संदेश पढ़ना शुरू कर दिया। अल्लाह का संदेश मानकर पैगंबर मोहम्मद जिंदगी भर इसे दोहराते रहे। उनके शब्दों को याद कर लिया गया और संग्रहित कर लिया गया।

पैगंबर मोहम्मद को इस का विश्वास था कि, अल्लाह ने उन्हें अपना संदेशवाहक चुना है। इसलिए वह दूसरों को भी अल्लाह का संदेश देने लगे। मोहम्मद साहब ने लोगों को जब यह संदेश सुनाया, तो उन्हें इसका काफी विरोध सहना पड़ा। लेकिन मक्का में जब उन्होंने यह सन्देश लोगों तक पहुंचाया तो इस सन्देश को सुनकर लोगों ने उन्हें अपना पैगम्बर मान लिया। किन्तु कुरैशी के लोग उनसे ईर्ष्या करने लगे और उनका विरोध करने लगे।

विरोध इतना बढ़ गया कि, मोहम्मद साहब को मक्का से मदीने की ओर प्रस्थान करना पड़ा। इस्लाम धर्म में इस घटना को हिजरा कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर इसी हिजरा शब्द से बना है जिसे, हिजरी कैलेंडर कहा जाता है। पैगंबर मुहम्मद के द्वारा दिए गए उपदेशों के कारण उनके अनुयायियों की संख्या में वृद्धि होना शुरू हो गया। सन् 630 ईस्वी में मुहम्मद साहब ने अपने अनुयायियों के साथ मक्का पर चढ़ाई कर दी। इस युद्ध में उन्हें जीत हासिल हुई और इसके बाद मक्कावासियों ने इस्लाम कबूल कर लिया। मक्का में स्थित काबा को इस्लाम का पवित्र स्थल घोषित कर दिया गया।

पैगंबर मोहम्मद मूर्ति पूजा या किसी भी चित्र की पूजा के खिलाफ थे। यही वजह है कि उनकी तस्वीर या मूर्ति कहीं भी नहीं मिलती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस्लाम में मूर्ति पूजन की सख्त मनाही है। और यह भी बताया जाता है कि, पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि जो भी उनकी तस्वीर बनाएगा, उसे अल्लाह सजा देगा।

सन् 632 में हजरत मुहम्मद साहब 63 वर्ष की उम्र में मक्के का आखिरी हज करते हुए बहुत बीमार हो गये थे और 63 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु तक लगभग पूरा अरब देश इस्लाम कबूल कर चुका था। पैगंबर मुहम्मद कि मृत्यु के बाद, मुहम्म्द साहब के दोस्त अबू बकर को मुहम्मद साहेब का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। 

 

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इस्लाम के ग्रंथ कुरान के धार्मिक सिद्धान्त |

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : इस्लाम धर्म की मुख्य किताब “कुरान- ए-पाक” है । यह किताब, आज से 1400 वर्ष पहले लिखी गयी थी। इस किताब के द्वारा, इस्लाम धर्म के सिद्धान्तों का व्यावहारिक रूप पता चलता है। इस किताब का अनुवाद हिन्दी, अरबी, फारसी, उर्दू, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच आदि भाषाओं में किया गया है।  जबकि, कुरान में हजरत मोहम्मद साहब की आयतें लिखी गयी हैं।

बताया जाता है कि, यह किताब पैगम्बर साहब और उनके उनके अनुयायियों द्वारा 23 वर्षों में खुदा की सुनी हुई आकाशवाणी के आधार पर लिखी गई थी। इस्लाम धर्म के मुख्य सिद्धान्तों में ईश्वर की एकता, भाईचारा रखना, स्त्रियों और गुलामों की मदद करना, दिन में पांच बार मक्के की ओर मुंह करके नमाज पढ़ना, शुक्रवार के दिन सामूहिक रूप से नमाज में भाग लेना, अपनी आमदनी का ढाई प्रतिशत हिस्सा दान देना, जीवन में एक बार हज जाना प्रमुख सिद्धांतों मे से एक है।

मुस्लिम धर्म के सिद्धान्तों में खुदा को एक मानते हुए, हजरत मोहम्मद को आखिरी पैगम्बर मानना प्रमुख है। इस्लाम धर्म का सार है- “खुदा या ईश्वर की मर्जी पर अपने आपको समर्पित कर देना।”

 

पैगंबर मोहम्मद से जुड़े विवाद | Paigambar Muhammad Controversies

Paigambar Muhammad Biography In Hindi : 20 वीं शताब्दी के बाद, मुहम्मद का आइशा के साथ विवाह को लेकर विवाद उठाया गया था। जिसे पारंपरिक इस्लामिक स्रोतों में हज़रात आइशा की उम्र नौ वर्ष की बताई जाती है। जबकि पैगंबर मोहम्मद की उम्र लगभग 50 साल की रही थी।

वर्तमान में नूपुर शर्मा ने एक डिबेट शो में, पैगंबर मोहम्मद के एक 9 वर्ष की लड़की के साथ शादी को लेकर एक टिप्पणी की थी। जिसके बाद से नूपुर शर्मा को भारत के मुस्लिम समुदाय के लोगों और पूरे अरब देश के लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा।

 

पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Some Interesting Facts About Paigambar Muhammad

  • पैगंबर मोहम्मद 6 साल की उम्र में ही अनाथ हो गए थे।
  • उनके जन्म के पहले ही उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी। जबकि 6 वर्ष की उम्र में उनकी मां का देहांत हो गया था।
  • उनकी मां के देहांत के बाद उनके दादा और चाचा ने उनका पालन पोषण किया था।
  • पैगंबर मोहम्मद बचपन से ही बहुत मेहनती और ईमानदार थे।
  • हदीस के मुताबिक माना जाता रहा है कि खदीजा से पैगंबर मुहम्मद की शादी के फैसले में विधवा विवाह और बड़ी उम्र की महिला से भी शादी की जा सकती है, यह संदेश छिपा हुआ था। 
  • पैगंबर मुहम्मद ने अपनी पहली शादी एक 40 साल की विधवा औरत से कि थी। जबकि उस समय पैगंबर मोहम्मद 25 साल के थे। जबकि कम लोग जानते हैं, कि पहली शादी उन्होंने प्यार के लिए की थी।
  • पैगंबर मोहम्मद ने एक 9 वर्ष की लड़की आयशा से विवाह किया था। जिसके बाद से वे उस समय आलोचना के शिकार हुए थे। और वर्तमान में पैगंबर मोहम्मद के 9 वर्ष की लड़की से विवाह को लेकर टिप्पणी करने पर नूपुर शर्मा की भी आलोचना की जा रही है। 
  • पैगंबर मोहम्मद ने अपने जीवन में 13 शादियाँ कि थी। इनममें से ज्यादातर शादियां उन्होंने सामाजिक संदेश देने के लिए की थीं।
  • लेस्ली हेजलटन नाम की लेखिका ने पैगंबर मुहम्मद के जीवन पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम ‘द फर्स्ट मुस्लिम’ है।
  • एक रात जब वह पर्वत की एक गुफा में ध्यान कर रहे थे, तो फरिश्ते जिब्राइल आए और उन्हें कुरान की शिक्षा दी।
  • पैगंबर मोहम्मद मूर्ति पूजा या किसी भी चित्र की पूजा के खिलाफ थे। इसलिए उनकी तस्वीर या मूर्ति कहीं नहीं मिलती है। बता दें कि इस्लाम में मूर्ति पूजन की मनाही है
  • पैगंबर मोहम्मद इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर हैं।
  • पैगंबर मुहम्मद का निधन 632 ईसवी में हुआ था। उनकी मृत्यु के पश्चात् मुहम्म्द साहब के दोस्त अबू बकर को मुहम्मद साहेब का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

 

पैगंबर मोहम्मद के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद कौन थे ?

उत्तर : पैगंबर मोहम्मद इस्लाम धर्म के आखिरी नबी थे। जिब्राइल ने उन्हें एक गुफा में कुरान की शिक्षा दी थी। जिसके बाद उन्होंने इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार किया था। उनकी मृत्यु 632 ईसवी में बीमारी के कारण हुई थी।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : पैगंबर मोहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में अरब (वर्तमान में साऊदी अरब) के रेगिस्तान के शहर मक्का में हुआ था।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद किस देश के थे ?

उत्तर : अरब देश (वर्तमान में साउदी अरब) से।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद की जाति क्या है ?

उत्तर : इस्लाम।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद के कितने बच्चे थे ?

उत्तर : नौ बच्चे।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद ने कितनी शादियां की थी ?

उत्तर : 13 शादियां । 

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद को इस्लाम की शिक्षा किसने दी थी ?

उत्तर : जिब्राइल ने।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु कब हुई थी ?

उत्तर : 632 ईस्वी में 63 वर्ष की उम्र में।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु का क्या कारण था?

उत्तर : बुखार।

प्रश्न : पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु कहाँ हुई थी ?

उत्तर : यस्रिब, अरब (अब मदीना, हेजाज़, सऊदी अरब)

 

इन्हें भी पढ़ें : 

 

आभार ।

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