सुधा मूर्ति की बायोग्राफी | Sudha Murthy Biography in Hindi

सुधा मूर्ति की बायोग्राफी | Sudha Murthy Biography in Hindi

 

सुधा नारायण मूर्ति का जीवन परिचय ( आयु, जाति, धर्म, परिवार, पति, बच्चे, व्यवसाय, शादी, विवाद, नेटवर्थ )  |  (Sudha Narayan Murthy Wikipedia, Biography, Age, Cast, Religion, Business, Family, Net worth, Struggle, Husband, Controversies, Childrens, )

 

सुधा मूर्ति 

(Sudha Murthy)

इंफोसिस फॉउंडेशन कि सह-संस्थापक।

 

सुधा मूर्ति एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं इन्फोसिस फाउंडेशन के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति की पत्नी हैं। यदि हम उनके प्रोफेशन की बात करें तो वह एक शिक्षक, लेखक, बिजनेसपर्सन और एक फिलैंथरोपिस्ट है। इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन होने के साथ-साथ सुधा जी ‘गेट्स फाउंडेशन’ की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल विभाग की भी सदस्य हैं। उन्होंने कई अनाथालयों की स्थापना की, ग्रामीण विकास के प्रयासों में भाग लिया, कंप्यूटर और पुस्तकालय सुविधाओं के साथ सभी कर्नाटक के सरकारी स्कूलों को प्रदान करने के आंदोलन का समर्थन किया और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में द मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की। इसके अलावा भी वे अन्य सामाजिक पहलुओं पर कार्य कर रही है।

सुधा मुर्ति एक लेखक होने के नाते तमिल और अंग्रेजी में कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखी है। वह सामाजिक कार्यों में बहुत ही सक्रिय रहती हैं। इसके अलावा वे ‘इन्फोसिस फाउंडेशन

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‘ के माध्यम से परोपकारिता के क्षेत्र में भारत को अपनी सेवाएं दे रही हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में सुधा मूर्ति के द्वारा दिए गए उनके अहम योगदान ओं के लिए उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के द्वारा ‘पद्मश्री’ सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। अपने पढ़ाई के दिनों में सुधा मूर्ति कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी है। 

सुधा मूर्ति की बायोग्राफी | Sudha Murthy Biography in Hindi

सुधा मूर्ति की बायोग्राफी | Sudha Murthy Biography in Hindi

 

सुधा मूर्ति का नाम सुधा कुलकर्णी है। एन.आर. नारायण मूर्ति से शादी करने के बाद वह सुधा मूर्ति (सुधा नारायण मूर्ति) बन गई। तो फिर बिना देरी किए हुए आइए जानते हैं, सुधा मूर्ति के जीवन परिचय, उनकी शिक्षा, उनके वैवाहिक जीवन और उनके एक सफल बिजनेस-विमेन बनने की कहानी के बारे में :

 

सुधा मूर्ति का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम  :    सुधा नारायन मूर्ति (Sudha Narayan Murthy)

उपनाम : सुधा मुर्ति (Sudha Murthy)

जन्म  :   19 अगस्त 1950 (आयु 71 वर्ष)

जन्म स्थान  :  शिगगाँव, हावेरी,कर्नाटक

पिता  :   डॉ. आर. एच. कुलकर्णी

माता  :   विमला कुलकर्णी

आवास  :   बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत) 

शिक्षण संस्थान :  बी.वी.बी.कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस

शैक्षणिक योग्यता  :   इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक, कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री।

राशि :  सिंह राशि (Lio)

धर्म  :   हिन्दु

जाति :  ब्राह्मण

राष्ट्रीयता  :   भारतीय

पेशा (Profession) :  शिक्षिका, बिजनेसपर्सन, लेखक, Philanthropist

वैवाहिक स्थिति  :   विवाहित

पति  :   एन. आर. नारायणमूर्ति

 

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सुधा मूर्ति का प्रारंभिक जीवन (Early Life) ।

सुधा कुलकर्णी का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक (भारत) के शिगगाँव में हुआ। उनके पिता का नाम डॉ. आर. एच. कुलकर्णी एवं माता का नाम विमला कुलकर्णी है। उनके पिता डॉ. आर. एच. कुलकर्णी पेशे से एक सर्जन थे, जबकि उनकी माता विमला कुलकर्णी एक ग्रहणी थी। 

सुधा कुलकर्णी के एक भाई और दो बहने भी हैं। उनके भाई का नाम श्रीनिवास कुलकर्णी हैं, और वर्तमान में वे एक एस्ट्रोनामर्स हैं। उनकी एक बहन सुनंदा कुलकर्णी पेशे से एक गायनेकोलॉजिस्ट हैं। जबकि उनकी दुसरी बहन जयश्री देशपांडे एक सोशल एक्टिविस्ट हैं।

सुधा कुलकर्णी और उनके भाई-बहनों का पालन पोषण माता-पिता और नाना-नानी दोनों के घर मे हुआ। सुधा कुलकर्णी बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं।

 

शिक्षा (Education)

सुधा मूर्ति ने बी.वी.बी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (वर्तमान मे KLE टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) से बी.ई. में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कि शिक्षा पूरी की, जिसमें वे अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रही और कर्नाटक के मुख्यमंत्री से स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में एम. ई. की पढ़ाई पूरी की, इसमें भी वे अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रही, जिसके लिए उन्हें एक बार फिर से भारतीय अभियंत्रण संस्थान से स्वर्ण पदक मिला।

शारीरिक संरचना (Body Measurement) ।

लंबाई से० मी०- 158

मी०- 1.58

फीट इंच- 5’2″

आंखों का रंग  काला
बालों का रंग Salt & Pepper

 

 

सुधा मूर्ति के करियर की शुरुआत (Sudha Murhty Career) ।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सुधा मूर्ति ने टाटा कंपनी मे बतौर एक ग्रेजुएट प्रशिक्षु के रूप में अपने करियर कि शुरुआत की। भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को (TELCO) में काम करने वाली वे पहली महिला इंजीनियर थी। सुधा मुर्ति पहले पुणे में विकास अभियंता के रूप में कंपनी में शामिल हुई, इसके बाद उन्होंने मुंबई और जमशेदपुर में भी कार्य किया।

इस कंपनी में चयनित होने से पहले सुधा मूर्ति ने टेल्को (TELCO) को एक पोस्टकार्ड भेजा था। जिसमें उन्होंने कंपनी मे केवल पुरुषो कि भर्ती करने कि शिकायत कि थी। नतीजतन, टाटा मोटर्स ने उन्हें विशेष साक्षात्कार के लिए बुलाया और वह टाटा मोटर्स (तत्कालीन टेल्को) में चयनित होने वाली पहली महिला इंजीनियर बनीं। 

टाटा मोटर्स में अपनी सेवाएं देने के बाद सुधा मूर्ति पुणे में वालचंद ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज में वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में शामिल हो गईं।

फिक्की-लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (FLO) के चेयरपर्सन के एक इंस्टालेशन समारोह में सुधा मूर्ति ने कहा कि “उन्हें जे.आर.डी. टाटा से तब सलाह मिली, जब उन्होंने अपने पति नारायण मूर्ति कि स्टार्टअप कंपनी इन्फोसिस की सहायता के लिए नौकरी छोड़ दी। जिसने उसकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने उनसे कहा कि, कोई भी पैसे का मालिक नहीं था। आप केवल पैसे के भरोसेमंद हैं, और यह हमेशा हाथ बदलता है। जब आप सफल होते हैं, तो इसे समाज को वापस दें, जिसने आपको बहुत सद्भावना दी है।”

 

 

निजी जीवन (Personal Life)

सुधा मूर्ति का विवाह एन.आर. नारायण मूर्ति के साथ 10 फरवरी 1978 को हुआ। जो उस समय पुणे स्थित TELCO में एक इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। शादी से पहले सुधा मूर्ति का नाम सुधा कुलकर्णी था। इस दंपति के दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है। उनके बेटे का नाम रोहन मूर्ति और बेटी का नाम अक्षता मूर्ति है। 

उनका बेटा रोहण मूर्ति ‘मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया‘ के संस्थापक हैं। जबकि उनकी बेटी अक्षता ने ब्रिटिश भारतीय स्टैनफोर्ड के अपने एक मित्र ऋषि सनक से शादी कर ली है और वह ब्रिटेन में चैरिटी में शामिल हेज-फंड में एक भागीदार है।

पारिवारिक जानकारियां |

माता-पिता माता- विमला कुलकर्णी

पिता- डॉ. आर. एच. कुलकर्णी

भाई/ बहन

श्रीनिवास कुलकर्णी (भाई),

सुनंदा कुलकर्णी और जयश्री देशपांडे (बहनें)

पति एन.आर. नारायण मूर्ति (वि. 10 फरवरी 1978)
बच्चे

रोहन मूर्ति (बेटा) –  संस्थापक मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया।

अक्षता मूर्ति (बेटी) – वेंचर कैपिटलिस्ट।

 

 

इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना ।

इंफोसिस फाउंडेशन की शुरुआत सुधा मूर्ति ने वर्ष 1996 में, समाज के वंचित वर्गों के समर्थन के लिए किया था। वर्तमान मे वे Infosys Foundation की प्रमुख और बैंगलोर यूनिवर्सिटी के PG सेंटर में विजिटिंग प्रोफेसर हैं।

हाल ही में आए कोरोनावायरस की महामारी में भारत में कोविड-19 से लड़ने के प्रयासों में समर्थन के लिए ‘इंफोसिस फाउंडेशन’ ने ₹100 करोड़ का अतिरिक्त अनुदान किया दिया था। इसके साथ ही इस संस्था ने कोविड-19 से लड़ने के लिए कुल 200 करोड़ रुपए का दान दिया। इस संपूर्ण प्रतिबद्धता का उपयोग फाउंडेशन द्वारा जमीनी स्तर पर विभिन्न पहलुओं के लिए किया जाएगा।

मूर्ति दंपति का सामाजिक कार्य- स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं के सशक्तीकरण, सार्वजनिक स्वच्छता, कला और संस्कृति और जमीनी स्तर पर गरीबी उन्मूलन को शामिल करता है। प्रत्येक स्कूल के लिए एक पुस्तकालय की उनकी दृष्टि के परिणामस्वरूप अब तक 50,000 पुस्तकालय स्थापित हो चुके हैं। वह बेंगलुरु शहर में 10,000 सार्वजनिक शौचालय और कई सौ शौचालयों का निर्माण करके ग्रामीण क्षेत्रों में मदद कर रही है। अपने फाउंडेशन के माध्यम से इस दंपत्ति ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 2,300 घरों का निर्माण कराया हैं। उन्होने तमिलनाडु और अंडमान में सुनामी, कच्छ में भूकंप, गुजरात मे तूफान और उड़ीसा, आंध्र प्रदेश में बाढ़ और कर्नाटक और महाराष्ट्र में सूखे जैसी राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदाओं मे भी लोगो कि मदद कि है। 

आपको बता दें कि, इंफोसिस फाउंडेशन भारत में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है। यह फाउंडेशन समाज के वंचित वर्गों के लिए शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति, आदि क्षेत्रों के लिए काम करती है।

 

 

सुधा मूर्ति की पसंदीदा चीजें (Favorite Things ।

पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार, शम्मी कपूर, राजेश खन्ना, देवानंद, शाहरुख खान
पसंदीदा अभिनेत्री वहीदा रहमान और सायरा बानो
पसंदीदा फिल्म

देवदास (1955), नया दौर (1957), Mughal-e-azam (1960), कोहिनूर (1960)

जंगली (1961), गंगा जमुना (1961), आनंद (1971), कटी पतंग (1971), अमर प्रेम (1972), अभिमान (1973)

पसंदीदा गीत ‘सुहाना सफर और यह मौसम हंसी’ (फिल्म- मधुमति)

‘मेरे महबूब तुझे’ (फिल्म- मेरे मेहबूब)

पसंदीदा बिजनेसपर्सन जे.आर.डी. टाटा और रतन टाटा
शौक (Hobbies) सामाजिक कार्य करना, किताबें पढ़ना, फिल्में देखना

 

 

सुधा मूर्ति के शौक (Hobbies) के बारे में :

फिल्मफेयर पत्रिका को दिये एक साक्षात्कार में श्रीमती मूर्ति ने अपने शौक के बारे में कहा कि,-  “मेरे पास 500 डीवीडी हैं, जो मैं अपने होम थिएटर में देखती हूं। मैं एक फिल्म को समग्रता में देखती हूं। इसकी दिशा, संपादन और सभी पहलू। लोग मुझे एक सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक के रूप में जानते हैं। लेकिन कोई भी मुझे फिल्म शौकीन के रूप में नहीं जानता। यही कारण है, कि मुझे फिल्मफेयर के साथ यह साक्षात्कार करने में खुशी हो रही है। वह सिनेप्रेमी, जो 365 दिनों में 365 फिल्में देखने की सीमा तक जाता है, का कहना है, मैं वास्तव में एक फिल्म पत्रकार बन सकती थी। मैं कभी फिल्मों से ऊबती नहीं।”

उन्हें पढ़ने का भी बहुत शौक है और वे लोगों को भी अलग-अलग प्रकार की किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित (इंस्पायर) करती हैं। उनका मानना है कि अलग-अलग प्रकार की किताबें पुस्तकें पढ़ने से, उन्हें अलग-अलग प्रकार के अनुभवों के बारे में पता चलता है।

 

इन्हें भी पढ़ें :

किरण मजूमदार शॉ की जीवनी ।

ओपरा विनफ्रे की जीवनी ।

लीना तिवारी की जीवनी ।

 

सुधा मूर्ति की पुस्तकें (Sudha Murthy Book)

सुधा मूर्ति कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा कि एक प्रसिद्ध कथा लेखक हैं। उन्होने पेंगुइन के माध्यम से कई किताबें प्रकाशित की हैं, जिनमें से दो यात्रा-वृत्तांत, दो तकनीकी पुस्तकें, छह उपन्यास और तीन शिक्षाप्रद पुस्तकें हैं। इसके अलावा अन्य पुस्तकों मे उन्होंने काल्पनिक कथाओं के माध्यम से दान, आतिथ्य और आत्म-साक्षात्कार पर अपने दार्शनिक विचारों को व्यक्त किया है। 

कन्नड़ में उनकी कुछ उल्लेखनीय पुस्तकें Dollar Bahu, Runa, Gently Falls the Bakula हैं। उनकी किताब ‘How I Taught My Grandmother to Read and Other Stories’ का हिंदी, मराठी और असमिया सहित 15 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। 

 

सुधा मूर्ती की पुस्तके कन्नड़ भाषा में कुछ उल्लेखनीय पुस्तकें :

  1. Samanyaralli Asamanyaru
  2. Mahashweta
  3. Yashashvi
  4. Tumula
  5. Kaveri Inda Mekaangige
  6. Guttondu Heluve
  7. Manada Matu
  8. Dollar Bahu 
  9. Runa
  10. Gently Falls the Bakula
  11. Paridhi
  12. Makkaligagi – Nanna Mechina 
  13. Kathegalu (Children’s Stories)
  14. Hakkiya Theeradalli (Travelog)
  15. Shalamakkaligagi Computer
  16. Athirikthe
  17. Sukeshini Mattu Itara Makkala Kathegalu
  18. Computer Lokadalli

 

सुधा मूर्ती की पुस्तके अंग्रेजी भाषा में :

  1. The Serpent’s Revenge
  2. How I Taught My Grandmother To Read
  3. Something Happened On The Way To Heaven
  4. The Old Man And His God: Discovering The Spirit Of India
  5. The Accolades Galore
  6. The Bird With Golden Wings: Stories Of Wit And Magic
  7. Dollar Bahu
  8. Grandma’s Bag Of Stories (Children’s Fiction)
  9. Three Thousand Stitches
  10. The Day I Stopped Drinking Milk
  11. Wise And Otherwise
  12. Gently Falls The Bakula
  13. The Man From The Egg
  14. The Magic Drum And Other Favorite Stories (Children’s Stories)
  15. House Of Cards
  16. The Mother I Never Knew (Two Novellas)
  17. Here, There, Everywhere
  18. Magic Of The Lost Temple

 

सुधा मुर्ति को कर्नाटक सरकार द्वारा वर्ष 2011-12 के लिए उनके साहित्यिक कार्यो के लिए साहित्यिक का  प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार ‘अत्तिम्बे अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।

सुधा मूर्ति की उपलब्धियां (Achievements)

  • राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा सुधा मूर्ती को ‘पद्म श्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • एम.टेक में पहली रैंक हासिल करने के लिए भारतीय इंजीनियर्स संस्थान से स्वर्ण पदक।
  • इंजीनियरिंग की सभी शाखाओं के B.E में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री देवराज उर्स से स्वर्ण पदक।
  • कर्नाटक में इंजीनियरिंग के सभी विश्वविद्यालय SSLC में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए नकद पुरस्कार।
  • कर्नाटक के विश्वविद्यालय परीक्षा में प्रथम स्थान पर रहने के लिए सी एस देसाई पुरस्कार।
  • कर्नाटक के उत्कृष्ट इंजीनियरिंग छात्र होने के लिए,कर्नाटक सरकार का युवा सेवा विभाग पुरस्कार।
  • समाज को उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए भारत के सार्वजनिक संबंध सोसायटी से राष्ट्रीय पुरस्कार।
  • कन्नड़ में उनकी तकनीकी पुस्तक के लिए ‘अत्तिमाबे’ पुरस्कार (शाले मक्कलगी कंप्यूटर – स्कूली बच्चों के लिए कंप्यूटर)।
  • रोटरी साउथ द्वारा उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए पुरस्कार – हुबली।
  • मिलेनियम महिला शिरोमणि पुरस्कार से सम्मानित।

 

सुधा मूर्ति को मिले पुरस्कार और सम्मान (Awards and Rewards) |

1995 :  रोटरी क्लब ऑफ़ बैंगलोर से 1995 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार।

2000 :  साहित्य और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उपलब्धि के लिए ‘कर्नाटक राज्योत्सव’ का राज्य पुरस्कार।

2001 :  वर्ष 2000 में किये गए उत्कृष्ट सामाजिक कार्य के लिए ‘ओजस्विनी’ पुरस्कार।

2006 आर.के. साहित्य के लिए नारायण पुरस्कार मिला।

2011 :  भारत में औपचारिक कानूनी शिक्षा और छात्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान के लिए मानद एलएलडी (डॉक्टर ऑफ लॉ) की उपाधि से सम्मानित किया गया।

2013 :  बसवेश्वरा मेडिकल कॉलेज के सभागार में समाज में उनके योगदान के लिए नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति को “बसवाश्री- 2016” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘बसवाश्री’ पुरस्कार में एक पट्टिका और 5 लाख का चेक शामिल है। सुधा मूर्ति ने यह पुरस्कार राशि ‘म्यूट’ द्वारा संचालित अनाथालय को सौंप दी।

2018 सुधा मूर्ति को क्रॉसवर्ड-रेमंड बुक अवार्ड्स में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।

सुधा मूर्ति से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Some Interesting Facts) ।

  1. सुधा मूर्ति का और उनके भाई बहनों का पालन पोषण उनके माता-पिता और उनके नाना नानी के घर में हुआ।
  2. सुधा मूर्ति बचपन से ही पढ़ने में बहुत ही मेधावी थी, और अपनी बी.ई. और मास्टर्स की डिग्री के दौरान वे अपनी कक्षा में अव्वल रहते हुए गोल्ड मेडलिस्ट भी रही हैं।
  3. सुधा मूर्ति ने कर्नाटक के सभी स्कूलों में कंप्यूटर और पुस्तकालय की सुविधा शुरू करने के लिए एक साहसिक कदम उठाया और कंप्यूटर विज्ञान भी पढ़ाया है।
  4. वर्ष 1995 में उन्हें रोटरी क्लब बैंगलोर में ‘बेस्ट टीचर अवार्ड’ मिला। 
  5. सुधा मूर्ति को उनके सामाजिक कार्यों और कन्नड़ और अंग्रेजी में साहित्य में उनके योगदान के लिए भी जाना जाता है।
  6. डॉलर बहू (अंग्रेज़ी: डॉलर डॉटर-इन-लॉ), मूल रूप से कन्नड़ में उनके द्वारा लिखित एक उपन्यास और बाद में डॉलर बहू के रूप में अंग्रेजी में अनुवादित इस उपन्यास को वर्ष 2001 में ज़ी टीवी द्वारा एक टेलीविजन नाटक श्रृंखला के रूप में रूपांतरित किया गया था।
  7. सुधा मूर्ति ने मराठी फिल्म पितृरूप और कन्नड़ फिल्म प्रेरणा में भी काम किया है।
  8. उन्होंने कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा में कई पुस्तकें लिखी हैं। इन पुस्तकों में कई पुस्तकों को अलग-अलग 15 भाषाओं में प्रकाशित किया गया है।
  9. अपने पति एन.आर. नारायण मूर्ति को इंफोसिस की स्थापना करने में उनकी सहायता के लिए सुधा मूर्ति ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
  10. सुधा मूर्ति ने टाटा समूह को एक पोस्टकार्ड भेजा था, जिसमें उन्होंने कंपनी में केवल पुरुष कर्मचारियों को ही नौकरी पर रखने की शिकायत की थी। जिसके बाद सुधा मूर्ति को एक स्पेशल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और उन्हें टाटा समूह में शामिल कर लिया गया था।

 

 

सुधा मूर्ति के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।

प्रश्न : सुधा मूर्ति कौन है ?

उत्तर : सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की सह-संस्थापक होने के साथ-साथ वह एक शिक्षिका, लेखिका और एक फिलैंथरोपिस्ट भी हैं।

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : 19 अगस्त 1950 को।

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति की उम्र कितनी है ?

उत्तर : 71 वर्ष (2021 मे) ।

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति वर्तमान में कहां रहते हैं ?

उत्तर :  बेंगलुरु, कर्नाटक (भारत)

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति की शादी किससे हुई है ?

उत्तर : इन्फोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति से।

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर : दो बच्चे हैं- एक बेटा और एक बेटी।

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति किस राज्य की है ?

उत्तर : कर्नाटक, भारत 

 

प्रश्न : सुधा मूर्ति किससे संबंधित है ?

उत्तर : बिजनेसपर्सन और एक सोशलवर्कर।

 

इन्हें भी पढ़ें :

किरण मजूमदार शॉ की जीवनी ।

ओपरा विनफ्रे की जीवनी ।

लीना तिवारी की जीवनी ।

 

 आभार ।

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