भारत की सबसे बड़ी बैंक SBI कि पूर्व चेयरपर्सन है, अरुंधति भट्टाचार्य। बैंकिंग में सबसे सफल भारतीय महिला के रूप में जानी जाती हैं। वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्रीज में निदेशक मंडल में हैं शामिल।
SBI की 24 वीं चेयरपर्सन अरुन्धति भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Arundhati Bhattacharya Biography in hindi
भारत की सबसे बड़ी बैंक SBI कि पूर्व चेयरपर्सन है, अरुंधति भट्टाचार्य। बैंकिंग में सबसे सफल भारतीय महिला के रूप में जानी जाती हैं। वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्रीज में निदेशक मंडल में है शामिल।
अरुन्धति भट्टाचार्य का जीवन परिचय ( अरुन्धति भट्टाचार्य, विकी, जन्म, शिक्षा, करियर, परिवार, बैंकिंग, एसबीआई अध्यक्ष, रिलायंस इंडस्ट्रीज, शादी बच्चे, संपत्ति ) | Arundhati Bhattacharya Biography in hindi [ Arundhati Bhattacharya, Wikipedia, Birth, Age, Education, Career, Family, Banking, SBI Chairperson, Reliance Industries, Marriage, Children, Net worth ]
अरुन्धति भट्टाचार्य | Arundhati Bhattacharya
SBI की 24 वीं चेयरपर्सन।
Arundhati Bhattacharya Biography in Hindi : दोस्तों, अरुन्धति भट्टाचार्य भारत की सबसे सफल महिला बैंकर हैं। वे भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की #24वीं तथा प्रथम महिला चेयरपर्सन हैं। इससे पहले, अरुंधति भट्टाचार्य बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर को-चीफ फाईनैंशियल ऑफिसर थीं। भारतीय रिज़र्व बैंक के पुर्व गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने ही अरुंधति भट्टाचार्य का चयन किया था। लगभग 4 सालों तक एसबीआई के अध्यक्ष के पद पर अपनी सेवाएं देने के बाद, वर्ष 2017 में अरुंधति भट्टाचार्य एसबीआई के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुई। वर्तमान में वे भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री के निदेशक मंडल कि मेंबर हैं।

बैंकिंग में सबसे सफल भारतीय महिला अरुन्धति भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Arundhati Bhattacharya Biography in Hindi
वर्ष 2020 से अरुंधति भट्टाचार्य, सेल्सफोर्स इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले, दिसंबर 2018 से वे स्विफ्ट इंडिया कि अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। दिसंबर 2018 से अप्रैल 2020 तक अरुंधति भट्टाचार्य ने विप्रो लिमिटेड की निर्देशिका का कार्यभार भी संभाल चुकी हैं। आज के इस आर्टिकल में हम, “अरुन्धति भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Arundhati Bhattacharya Biography in Hindi ” के बारे में जानेंगे। इसमें हम उनके जन्म से लेकर उनके सफल करियर के बारे में जानकारी देने की पूरी कोशिश करेंगे। इसलिए अरुन्धति भट्टाचार्य के बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें…
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Table of Contents
अरुन्धति भट्टाचार्य का जीवन परिचय : एक नजर में
नाम (Name) | अरुंधती भट्टाचार्य (Arundhati Bhattacharya) |
जन्म (Birth) | 18 मार्च 1956 |
उम्र (Age) | 66 वर्ष (2022 में) |
जन्म स्थान (Birth Place) | कोलकाता, पश्चिम बंगाल,(भारत) |
पिता (Father) | प्रद्युम्न कुमार (इलेक्ट्रिकल इंजीनियर) |
माता (Mother) | कल्याणी मुखर्जी (होम्योपैथी कंसल्टेंट) |
स्कुलिंग (Schooling) | सेंट जेवियर स्कूल, बोकारो, झारखंड |
विश्वविद्यालय (University) | |
शिक्षा (Education) | लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक
जादवपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी के मास्टर कि डिग्री |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Cast) | बंगाली |
राशि (Zodiac) | मीन राशि |
पेशा (Profession) | बैंकर, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की 24वीं चेयरपर्सन (प्रथम महिला चेयरपर्सन) |
सक्रिय वर्ष (Active Year) | वर्ष 2002 से वर्तमान |
जीवनसाथी (Spouse) | प्रीतिमॉय भट्टाचार्य (टेक्नो इंडिया ग्रुप के प्रमुख और पूर्व आईआईटी-खड़गपुर प्रोफेसर) – (वि. 1983 में) |
प्रसिद्धि (Famous for) | भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में |
शौक (Hobbies) | किताबें पढ़ना और योगा करना |
अरुन्धति भट्टाचार्य का प्रारंभिक जीवन और परिवार | Arundhati Bhattacharya Early Life & Family
Arundhati Bhattacharya : दोस्तों, अरुन्धति भट्टाचार्य का जन्म 18 मार्च 1956 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिता, प्रोद्युत कुमार मुखर्जी और माँ, कल्याणी मुखर्जी के घर में हुआ था। अरुंधति भट्टाचार्य एक बंगाली परिवार से आती हैं और उनके पिता, प्रोद्युत कुमार मुखर्जी ‘बोकारो स्टील प्लांट’ में एक इंजीनियर थे। जबकी उनकी माँ, कल्याणी मुखर्जी बोकारो में एक होम्योपैथी सलाहकार थीं और 90 वर्ष की उम्र में कल्याणी मुखर्जी का निधन हो गया।
अरुंधति भट्टाचार्य की एक बड़ी बहन भी है जिनका नाम, अदिति बसु है।
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परिवारिक जानकारियां | Family details
माता- पिता (Parents) | पिता – प्रोद्युत कुमार मुखर्जी
माता – कल्याणी मुखर्जी |
भाई-बहन (Siblings) | एक बड़ी बहन – अदिति बसु
भाई – जानकारी नही |
अरुन्धति भट्टाचार्य कि शिक्षा | Arundhati Bhattacharya Life & Education
Arundhati Bhattacharya Education : अरुंधति भट्टाचार्य कि शुरुआती पढ़ाई सेंट जेवियर्स स्कूल, बोकारो, से पूरी हुई। कक्षा 5 तक अरुंधति एक औसत छात्रा थीं। अरुंधति ने अपना बचपन बोकारो स्टील सिटी में बिताया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, अरुंधति भट्टाचार्य ने कलकत्ता के लेडी ब्रेबॉर्न कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य मे स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में ही मास्टर्स की उपाधि हासिल की।
जादवपुर विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही, अरुंधति को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) पद कि प्रवेश परीक्षा के बारे में मालूम हुआ। अरुंधती भट्टाचार्य ने यह कभी नही सोचा था कि, वे बैंकिंग या फाइनेंस के क्षेत्र में करियर बनाएंगी। क्योंकि, उन्होंने बैंकिंग से संबंधित न तो इकोनॉमिक्स कि पढ़ाई की थी और न ही अकाउंटेंसी का कोई कोर्स किया था। जबकी कॉलेज के दिनों में भी वे अंग्रेजी साहित्य की स्टूडेंट थीं। लेकिन उनके जीवन में अचानक ही एक बड़ा बदलाव आया। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनके कुछ दोस्तों ने जोर जबरदस्ती करके अरुन्धति भट्टाचार्य को बैंक PO कि परीक्षा देने के लिए राजी कर लिया।
किसे पता था की, इसका नतीजा 37 साल बाद सामने आएगा और वे भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पहली महिला चेयरपर्सन बनेंगी। उन दिनों को याद करते हुए, अरुंधति भट्टाचार्य ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, ” मैंने प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) की परीक्षा को उतनी गंभीरता से नहीं लिया था, जितना मेरे दोस्तों ने। “
लेकिन आप लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि, उनके साथ पीओ (PO) की परीक्षा देने वाले बाकी किसी दोस्त ने बैंक जॉइन नहीं किया। जबकी, अरुंधती एसबीआई में बतौर एक बैंक पीओ के पद पर कार्यरत हुई और इसके 37 साल बाद SBI की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। इतना ही नहीं लगभग 216 साल पुराने SBI के जीवन काल में अरूंधती भट्टाचार्य SBI की पहली और सबसे कम उम्र की महिला चेयरपर्सन हैं।
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शारिरिक संरचना | Physical Appearance
ऊंचाई (Height) | सेंटीमीटर में – 161 सेंटीमीटर (लगभग)
मीटर में – 1.61 मीटर फीट इंच – 5′ 3″ |
वजन (weight) | किलोग्राम में – 66 किलो |
आंख का रंग (eye color) | काला |
बालों का रंग (hair color) | काला |
अरुन्धति भट्टाचार्य का करियर | Arundhati Bhattacharya Career
Arundhati Bhattacharya Banking Career : अपनी कॉलेज कि पढ़ाई पूरी करने के बाद, अरुंधति भट्टाचार्य ने भारतीय स्टेट बैंक की पीओ कि प्रवेश परीक्षा दी और उत्तीर्ण हुईं। इसके बाद, उन्होंने बाद कि प्रक्रिया को भी क्लियर कर लिया और वर्ष 1977 में 22 वर्ष कि उम्र में अरुन्धति एक प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में शामिल हुई। उनकी नियुक्त पश्चिम बंगाल मे कोलकाता की मुख्य शाखा में ग्रेड-1 स्तर के जूनियर प्रबंधन कार्यकारी के रूप में कि गई थी और शुरुआती समय में अरुंधति मुख्य रूप से बैंक गारंटी विभाग का कम संभालती थीं।
बाद में, वर्ष 1983 में, अरुंधती को एक योजनाकार के रूप में स्थानीय प्रधान कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद, वे खड़गपुर शाखा और बाद में निमपुरा शाखा में स्थानांतरित हो गई, जो खड़गपुर से 14 किमी दूर है। कुछ समय बाद, अरुंधति फिर से एक शाखा प्रबंधक के रूप में खड़गपुर लौट आई।
खड़गपुर में अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने तीन पदोन्नति हासिल की। जिसके बाद वे, प्रोबेशनरी ऑफीसर से सहायक महाप्रबंधक बनीं। इसके बाद, वर्ष 1993 में अरुंधति की नियुक्ति कोलकाता की वाणिज्यिक शाखा में हुई। वर्ष 1996 में, उन्होंने अमेरिका में उपाध्यक्ष शाखा समन्वय के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने वर्ष 1996 से 2000 तक, न्यूयॉर्क, अमेरिका में ऑडिट विभाग में भी काम किया। भारत वापस आने के बाद अरुंधति भट्टाचार्य एक विदेशी विभाग में कोलकाता शाखा में कार्यरत हुई। इसके बाद, वे भारतीय स्टेट बैंक में लखनऊ शाखा, उत्तर प्रदेश में खुदरा संचालन प्रभारी के रूप में शामिल हुईं।
इस दौरान उन्होंने अपने काम और पर्सनल लाइफ को मैनेज करने के चलते जॉब छोड़ने का निर्णय किया। परंतु बाद मे उन्होंने नौकरी छोड़ने का यह विचार ही छोड़ दिया। कुछ समय बाद अरुंधति भट्टाचार्य एक महाप्रबंधक के रूप में मुंबई स्थानांतरित हुई। और वर्ष 2009 में, उन्हें ‘एसबीआई न्यू बिजनेस’ के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नति मिली। इस पद पर कार्य करते हुए अरुंधति भट्टाचार्य को मोबाइल बैंकिंग और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में भी काम करने का मौका मिला। उन्होंने कॉर्पोरेट विकास अधिकारी और उप प्रबंध निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं और बैंगलोर में दो साल तक कार्यरत रहीं।
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अरुंधति भट्टाचार्य बनीं एसबीआई कि सीईओ | Arundhati Bhattacharya became the CEO of SBI
वर्ष 2011 में, अरुंधति को मुंबई शाखा में मानव संसाधन के डिप्टी एमडी के रूप में पदोन्नति मिली। लगभग 2 सालों तक इस पद पर काम करने के बाद वर्ष 2013 में, अरुंधति भट्टाचार्य एसबीआई कैपिटल की सीईओ बनीं और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
अरुंधति भट्टाचार्य फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं। एसबीआई के निदेशक के रूप में अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान, अरूंधती भट्टाचार्य ने महिला बैंक कर्मचारियों के लिए मातृत्व या बुजुर्गों की देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी, सर्वाइकल कैंसर का मुफ्त टीकाकरण, महिलाओं के लिए “वर्क फ्रॉम होम”,अस्थायी प्रतिनियुक्ति और लचीले समय सहित कई महिला-समर्थक जैसी नीतियों को लागू किया, जो महिला कर्मचारियों को दफ्तर में काम और घर का एक साथ प्रबंधन करने की अनुमति देती हैं।

Arundhati Bhattacharya
अरुंधति भट्टाचार्य की सेवानिवृत्ति | Retirement of Arundhati Bhattacharya
वर्ष 2016 में, अरुंधति भट्टाचार्य को फोर्ब्स इंडिया द्वारा दुनिया की #25 वीं सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। इस प्रकार उन्होंने पहली बार फोर्ब्स की सूची में स्थान प्राप्त किया था। 6 अक्टूबर, 2017 को, अरुंधति एसबीआई अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुईं। वह फॉर्च्यून की दुनिया की सबसे बड़ी लीडर्स की सूची में शामिल हैं।
आपको बताते चलें कि, अरुंधति भट्टाचार्य ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, एसबीआई फाउंडेशन, एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एसबीआई ग्लोबल फैक्टर्स लिमिटेड, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इतना ही नहीं अपने लगभग 40 साल के बैंकिंग करियर के दौरान अरुंधति भट्टाचार्य ने ट्रेजरी, विदेशी मुद्रा, मानव संसाधन, खुदरा परिचालन और निवेश बैंकिंग जैसे कई विभागों में काम किया है और बैंक में शीर्ष पदों रही हैं।
बैंकिंग के क्षेत्र में उनके सराहनीय काम के लिए वर्ष 2018 में अरुंधति भट्टाचार्य को ‘द एशियन अवार्ड्स’ द्वारा ‘बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर’ के खिताब से सम्मानित किया गया था। उसी वर्ष 2018 में उनके द्वारा दिए गए इंटरव्यू को ‘हावर्ड बिजनेस रिव्यू एसेंड’ पर “अरुंधति भट्टाचार्य : द मेकिंग ऑफ एसबीआई” की पहली अध्यक्ष 2018 शीर्षक से प्रकाशित किया गया था।
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मिला 3 साल का अतिरिक्त कार्यकाल | Got additional tenure of 3 years
अरुंधति भट्टाचार्य 60 वर्ष कि उम्र में सेवानिवृत होने के बाद, तीन साल का एक निश्चित कार्यकाल पाने वाली पहली एसबीआई प्रमुख बनीं। उन्होंने लगभग चार दशकों तक बैंकिंग के क्षेत्र में काम किया है। अरुंधति भट्टाचार्य, फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनी चलाने वाली पहली महिला और ऐसा करने वाली दुनिया की एकमात्र महिला बैंकर भी हैं।
अरुंधति को सेवानिवृत्त होने के एक साल बाद, अक्टूबर 2017 में एसबीआई से अध्यक्ष पद से हटाया गया था। भारत सरकार ने उन्हें बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) के साथ परामर्श करने के बाद एक साल का विस्तार दिया था। एसबीआई और भारतीय महिला बैंक के पांच संबद्ध बैंकों के सुचारू विलय को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया था।
एसबीआई से सेवानिवृत्त होने के बाद अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि, ” मुझे नहीं लगता कि मैं अब बेंच में रहने वाली हूँ।लेकिन जाहिर है कि, मैं अपने जूते नहीं लटकाऊंगी। आज के समय में 60 की उम्र मतलब बहुत जल्दी है। बेशक, मेरी उम्र 60 साल से अधिक है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि अभी करने के लिए बहुत कुछ है और अगर आपके पास इसे करने की ऊर्जा और इच्छाशक्ति है तो, मुझे लगता है कि आप कर सकते हैं। इसलिए मैं निश्चित रूप से आसपास और सक्रिय रहूंगी, लेकिन मैं सीधे बेंच पर नहीं हो सकती। “
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल से जुड़ी | Joined the board of directors of Reliance Industries
एसबीआई कि प्रथम महिला अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त होने के लगभग एक साल बाद, 17 अक्टूबर 2018 को अरुंधति भट्टाचार्य पांच साल के लिए एक अतिरिक्त निदेशक, स्वतंत्र निदेशक के रूप में भारत कि बहुराष्ट्रीय समूह कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज में शामिल हो गई। इस पद पर उनका कार्यकाल वर्ष 2023 तक का है।
क्रिसिल लिमिटेड के निदेशक मंडल ने अरुंधति भट्टाचार्य को अक्टूबर 2018 में कंपनी के अतिरिक्त (स्वतंत्र) निदेशक के रूप में मंजूरी दी थी। लेकिन उन्होंने 16 अप्रैल, 2020 को बोर्ड से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि, ” उन्हें किसी अन्य कंपनी में अध्यक्ष और सीईओ के रूप में पूर्णकालिक पद स्वीकार करना था। “

अरुन्धति भट्टाचार्य | Arundhati Bhattacharya
वर्तमान में अरुंधति भट्टाचार्य एक शक्तिशाली महिला होने के साथ-साथ भारतीय युवाओं के लिए एक रोल मॉडल भी हैं। इंडिया टुडे के एक इंटरव्यू में अरुंधती भट्टाचार्य ने कॉर्पोरेट जगत में करियर बनाने की कोशिश कर रही महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि, ” अधिक जोखिम लें, अपने आप को बहुत गंभीरता से न लें, और मित्रों और परिवार को समर्थन के लिए रखें। “
सफलता का सूत्र बताते हुए, अरुंधति भट्टाचार्य कहती है कि, ” हर अच्छे काम में जरूरी वक्त लगता है, शॉर्टकट किसी समस्या का समाधान नहीं। “
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अरुन्धति भट्टाचार्य का पद और कार्यकाल उपलब्धियाँ | Arundhati Bhattacharya Achievements
- वर्ष 2020 से सेल्सफोर्स इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर कार्यरत।
- दिसंबर 2018 से स्विफ्ट इंडिया कि अध्यक्ष पद पर कार्यरत।
- दिसंबर 2018 से ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ के निदेशक मंडल में शामिल।
- दिसंबर 2018 से अप्रैल 2020 तक विप्रो लिमिटेड की निर्देशिका रहीं।
- दिसंबर 2018 से अप्रैल 2020 तक ग्रुप ऑफ पिरामल की निर्देशिका रहीं।
- अक्टूबर 2018 से अप्रैल 2020 तक क्रिसिल लिमिटेड के अतिरिक्त निदेशक (स्वतंत्र) रहीं।
- वर्ष 2013 से 2017 तक एसबीआई के अध्यक्ष और सीईओ के पद पर कार्यरत।
- वर्ष 2011 में एसबीआई के डिप्टी सीईओ बनीं।
- वर्ष 2009 में कर्नाटक में एसबीआई के प्रभारी नियुक्त हुई।
- वर्ष 2007 में SBI की मुंबई शाखा में महाप्रबंधक, और मुख्य महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नति मिली।
- वर्ष 2000 में SBI की कोलकाता शाखा के विदेश संबंध विभाग में डीजीएम के पद पर।
- वर्ष 1996 से 2000 तक SBI के न्यूयॉर्क कार्यालय में उपाध्यक्ष, शाखा समन्वयक के रुप में कार्यरत।
- वर्ष 1983 से 1992 तक SBI की खड़गपुर शाखा में काम किया और सहायक महाप्रबंधक के रूप में काम छोड़ दिया।
- वर्ष 1977 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में SBI में शामिल हुई थी।
अरुन्धति भट्टाचार्य का निजी जीवन | Arundhati Bhattacharya Personal life
Arundhati Bhattacharya Marriage & family : वर्ष 1983 में, अरुंधति ने प्रीतिमॉय भट्टाचार्य से शादी की, जो उस समय IIT खड़गपुर में एक प्रोफेसर थे। लेकिन नौकरी के चलते दोनों के बीच दोनों के बीच काफी हद तक दुरी रही। क्योंकि, नौकरी के कारण अरुंधति कोलकाता और मुंबई में रहती थी। जबकि, उनके पति खड़गपुर में रहते थे।
इस बारे में अरुंधती भट्टाचार्य ने फोर्ब्स के एक इंटरव्यू में कहा कि, ” वर्ष 1993 में मैं कोलकाता में व्यापार शाखा में आई, जबकि मेरे पति अभी भी आईआईटी खड़गपुर में थे। मेरी बेटी सुकृति के होने से पहले अप्रैल 1995 में, मैं सप्ताह में उनसे मिलने के लिए जाती थी। फिर अगले सप्ताह वह आते थे। वर्ष 2008 में जब मुझे मुंबई भेजा गया था, तो यहां मेरा पहला चरण था और मेरे पति दो सप्ताह तक हमारे साथ रहने के लिए आए थे। “
एक अन्य साक्षात्कार में अरूंधती भट्टाचार्य बताया कि, ” उन्होंने एसबीआई में अपनी नौकरी लगभग छोड़ दी थी। जब मैं 2006 में लखनऊ में स्थानांतरित हुई थी तब, मैंने गंभीरता से इसके बारे में सोचा। मुझे इस बात की चिंता थी कि मेरी बेटी को जिस तरह के एकीकृत स्कूल की जरूरत है, वह शहर में उपलब्ध नहीं है। मेरे पति अमेरिका से लौटे थे और कोलकाता में सलाहकार के तौर पर काम करने लगे थे। “
अभिनति भट्टाचार्य के पति, प्रीतिमॉय भट्टाचार्य पेशे से ‘टेक्नो इंडिया ग्रुप’ के प्रमुख और IIT खड़गपुर के पूर्व प्रोफेसर हैं। इस दंपति की एक बेटी, सुकृता भट्टाचार्य है, जो मानव संसाधन के क्षेत्र में काम करती है।
अरुंधति भट्टाचार्य अपनी शादी के समय खाना बनाना नहीं जानती थी। इसके बाद उन्होंने अपनी माँ की मदद से खाना बनाना सीखा था। अरुंधति भट्टाचार्य को योगा करना और किताबें पढ़ना बहुत पसंद है।
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परिवारिक जानकारियां | Family details
पति (Husband) | प्रीतिमॉय भट्टाचार्य (वि.- 1983) |
बच्चे (Children) | एक बेटी- सुकृति भट्टाचार्य
बेटा– कोई भी नहीं |
अरुंधति भट्टाचार्य द्वारा लिखी गई पुस्तक | Book written by Arundhati Bhattacharya
दोस्तों ! अरुंधति भट्टाचार्य ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम है ” INDOMITABLE : A Working Women’s Notes on Life, Work and Leadership “। उनके द्वारा लिखी गई इस किताब में उन्होंने यह दर्शाया है कि, कैसे एक महिला सफल हो सकती हैं।

Book written by Arundhati Bhattacharya
अरुन्धति भट्टाचार्य कि उपल्ब्धियाँ | Arundhati Bhattacharya Achievements
2018 – द एशियन अवार्ड्स में “बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2018 – बैंकिंग में उत्कृष्टता के लिए 9वें वीसी ‘पद्मनाभन मेमोरियल अवार्ड्स’ से सम्मानित।
2018 – “अरुंधति भट्टाचार्य: द मेकिंग ऑफ एसबीआई की पहली महिला अध्यक्ष” शीर्षक से उनका साक्षात्कार हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू एसेंड में प्रकाशित किया गया था।
2018 – वह विश्व बैंक के सीईओ और सीओओ पद के लिए भारत की ओर से नामित थीं।
2017 – इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में 19वें स्थान पर
2016 – फोर्ब्स द्वारा दुनिया की 25 वीं सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में सूचीबद्ध।
2016 – विदेश नीति पत्रिका द्वारा “एफपी शीर्ष 100 वैश्विक विचारकों” में स्थान दिया गया।
2016 – महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के लिए “वूमन ऑफ द ईयर अवार्ड” से सम्मानित।
2014-2017 – फॉर्च्यून इंडिया की सबसे शक्तिशाली महिला उद्यमियों की सूची में लगातार #1 स्थान पर रही।
2015 – फोर्ब्स द्वारा दुनिया की #30 वीं सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में सूचीबद्ध।
2015 – 10वें इंडिया बिजनेस लीडर्स अवार्ड्स में वर्ष की उत्कृष्ट महिला बिजनेस लीडर के रूप में मान्यता प्राप्त।
2014 – फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा एशिया-प्रशांत में #24वीं सबसे शक्तिशाली महिला का नाम दिया गया।
अरुन्धति भट्टाचार्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Some interesting facts about Arundhati Bhattacharya
- क्या अरुंधति भट्टाचार्य शराब पीती है ? – नहीं।
- क्या अरुंधति भट्टाचार्य सिगरेट पीती हैं ? – नहीं।
- अरुंधति भट्टाचार्य का जन्म कोलकाता में हुआ था और वे एक बंगाली परिवार से आती है।
- उनके पिता एक भिलाई स्टील प्लांट में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और उनकी माँ एक होम्योपैथिक सलाहकार थी।
- उन्नति भट्टाचार्य की शादी प्रीतिमॉय भट्टाचार्य से हुई है। और इस दंपत्ति की एक बेटी है जिनका नाम सुकृता भट्टाचार्य है।
- अरुंधति भट्टाचार्य कम उम्र में ही पीएचडी प्राप्त करना चाहती थीं, और संस्कृत भी सीखना चाहती थी।
- पहले अरुंधति अंग्रेजी साहित्य में पीजी करने के बाद एक पत्रकार बनना चाहती थी। हालांकि, बाद में उन्होंने SBI के PO की परीक्षा पास करने के बाद बैंक में नौकरी प्राप्त की।
- वर्ष 1983 में, अरुंधति ने प्रीतिमॉय भट्टाचार्य से शादी की। जो उस समय IIT खड़गपुर में प्रोफेसर थे।
- अरुंधति भट्टाचार्य की एक बेटी है, जिनका नाम सुकृति भट्टाचार्य है।
- अरुंधति भट्टाचार्य जब SBI के एक प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत थीं, तब उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया था। ताकि वह अपने परिवार को समय दे सके।
- एसबीआई से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, अरुंधति भट्टाचार्य, अक्टूबर 2018 से पांच साल के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हो गई।
- अरुंधति भट्टाचार्य, फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनी चलाने वाली पहली महिला और ऐसा करने वाली दुनिया की एकमात्र महिला बैंकर भी हैं।
- अरुंधति को योगा करने का बहुत शौक है और वह एक निजी योग शिक्षक के साथ प्रशिक्षण लेती हैं।
अरुन्धति भट्टाचार्य के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQ)।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य कौन है ?
उत्तर : अरुंधती भट्टाचार्य भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई – भारतीय स्टेट बैंक, में पहली महिला अध्यक्ष है। वर्ष 2013 में वह एसबीआय की 24वीं अध्यक्ष के रूप में चुनी गई थी। वर्तमान में वे रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड मेंबर्स में शामिल है।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य का जन्म कब हुआ था ?
उत्तर : अरुंधति भट्टाचार्य का जन्म 18 मार्च 1956 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य की उम्र कितनी है ?
उत्तर : 66 वर्ष (2022 मे)
प्रश्न : अरुंधति भट्टाचार्य किस देश से हैं ?
उत्तर : भारतीय।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य किस राज्य से हैं ?
उत्तर : पश्चिम बंगाल
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य की शादी किससे हुई हैं ?
उत्तर : अरुंधति ने प्रीतिमॉय भट्टाचार्य से शादी की है, जो IIT खड़गपुर में प्रोफेसर थे।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य के कितने बच्चे हैं ?
उत्तर : एक बेटी – सुकृति भट्टाचार्य
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य SBI मे कब शामिल हुई थी ?
उत्तर : वर्ष 1977 में, 22 वर्ष कि उम्र में।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य SBI में किस पद पर शामिल हुई थीं ?
उत्तर : प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) के पद पर, वर्ष 1977 में।
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य SBI की अध्यक्ष कब बनी थीं ?
उत्तर : 7 अक्टूबर 2013 को
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य SBI के अध्यक्ष पद से कब रिटायर हुई थीं ?
उत्तर : 30 सितंबर 2017 को
प्रश्न : अरुन्धति भट्टाचार्य SBI कि कौन सी अध्यक्ष रही थीं ?
उत्तर : SBI की #24वीं और पहली महिला चेयरपर्सन बनी।
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आभार ।
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