अमिताभ बच्चन की जीवनी । Amitabh Bachchan Ki Biography in Hindi

अमिताभ बच्चन की जीवनी । Amitabh Bachchan Ki Biography in Hindi

जो बीत गया, मैं उस पर ज्यादा समय व्यतीत नहीं करता कि क्या हुआ था। मुझे यह याद है, लेकिन मुझे पीछे मुड़ कर देखने का कोई उद्देश्य नजर नहीं आता।”

                                           – अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन भारतीय फिल्म जगत के एक बहुत ही प्रसिद्ध अभिनेता हैं। उन्होंने अपने अभिनय से बॉलीवुड कि फिल्म दुनिया में एक शानदार मुकाम हासिल किया है। बॉलीवुड में लोग इनको ‘King of Bollywood’, ‘Big B’, ‘महानायक’

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जैसे नामो से जाना जाता है। 1970 के दशक में इन्होंने बॉलीवुड मे बड़ी लोकप्रियता हासिल की है और तब से लेकर अब तक भारतीय फिल्म जगत के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्व बने हुए हैं। 

अमिताभ बच्चन को उनके फिल्म जगत में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अनेकों पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिसमें बॉलीवुड जगत का सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार‘ और 12 फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल है। इसके अलावा उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, जिसमें ‘पद्मश्री’ (1984), ‘पद्मभूषण’ (2001) और ‘पद्म विभूषण’ (2015) है, से सम्मानित किया जा चुका है।

अमिताभ बच्चन ने सार्वधिक ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड’ भी जीता है, जो अपने-आप मे एक रिकॉर्ड है। फिल्म जगत में अभिनय के अलावा अमिताभ भारत के लोकप्रिय टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में कई वर्षों से मेजबानी कर रहे हैं। 

फिल्मी जगत में नाम कमाने के बाद अमिताभ बच्चन ने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा और भारतीय संसद के निर्वाचित सदस्य के रूप में 1984 से 1987 तक कार्य किया। लेकिन यहां उन्हें सफलता नहीं मिली और उन्होंने वापस बॉलीवुड में ही बने रहने का निर्णय लिया। उनकी पत्नी जया बच्चन भी भारतीय संसद की सदस्य है।

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“मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं, 

शीशे से कब तक तोड़ोगे।

मिटने वाला मैं नाम नहीं, 

तुम मुझको कब तक रोकोगे,

तुम मुझको कब तक रोकोगे।।”

                                       -अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन की जीवनी । Amitabh Bachchan Ki Biography in Hindi

अमिताभ अमिताभ बच्चन की जीवनी । Amitabh Bachchan Ki Biography in Hindi

 

Table of Contents

अमिताभ बच्चन का जीवन परिचय : एक नजर में ।

नाम  :   अमिताभ हरिवंश राय बच्चन 

उपनाम  :   बिग बी, एंग्री यंग मैन, बॉलीवुड के शहंशाह, अमित जी।

जन्म  :   11 अक्टूबर 1942 

जन्म स्थान  :   इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश (भारत)

पिता  :   हरिवंश राय बच्चन 

माता  :   तेजी बच्चन 

पत्नी  :   जया भादुड़ी बच्चन 

राष्ट्रीयता  :   भारतीय

राशि  :   तुला 

उम्र  :   78 वर्ष 

जाति  :   कायस्थ 

स्कूलिंग  :   ज्ञान प्रबोधिनी बॉयज हाई स्कूल, इलाहाबाद

कॉलेज  :    करोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली (भारत)

शिक्षा  :   बैचलर ऑफ साइंस एंड आर्ट की डिग्री

पेशा  :   एक्टर, प्रोड्यूसर, लेखक, गायक

 

अमिताभ बच्चन का प्रारंभिक जीवन ।

अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे कायस्थ परिवार में डॉ हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर में हुआ। इनके पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन एक बहुत बड़े और प्रसिद्ध कवि थे, जबकि इनकी माता एक ग्रहणी थी। 

उनके पिता ने दो शादियां की थी और उनकी पहली पत्नी श्यामा बच्चन की मृत्यु टीवी नामक गंभीर बीमारी के कारण हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने दूसरी शादी तेजी सूरी से की जो कि एक पंजाबी महिला थी। अमिताभ बच्चन के एक भाई भी हैं, जिनका नाम अजिताभ बच्चन है। 

 

“तू ना झुकेगा कभी, 

तू ना थकेगा कभी।

कर शपथ,

कर शपथ

कर शपथ।।”

                                      -अमिताभ बच्चन

 

अमिताभ बच्चन को इनके दादा जी प्रताप नारायण श्रीवास्तव का अवतार माना जाता है।

जब अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ तो इनके चेहरे के तेज और हाव-भाव को देखकर इनके पिता हरिवंश राय बच्चन ने इनका नाम इंकलाब रखा था। लेकिन बाद मे हरिवंश राय बच्चन के साथी कवियित्री सुमित्रानंदन पंत ने उन्हें इंकलाब का नाम बदलकर अमिताभ रखने की सलाह दी।  इसके बाद उनके पिता ने उनका नाम अमिताभ बच्चन रख दिया। अमिताभ का अर्थ होता है “शाश्वत प्रकाश”। मतलब “वह प्रकाश जो कभी ढले ना।”

इसके पहले भी हरिवंश राय बच्चन ने अपना सरनेम श्रीवास्तव से बदलकर ‘बच्चन’ रख लिया था, और तब से उन्होंने हरिवंश राय बच्चन के नाम से जाना जाने लगा। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन का निधन 2003 में हुआ, जबकि उनकी माता की मृत्यु 21 दिसंबर 2007 को हुई थी।

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शिक्षा ।

अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन एक प्रसिद्ध कवि थे जिस वजह से इनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। अमिताभ बच्चन की भी पढ़ाई मे बहुत रूचि थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान प्रबोधिनी बॉयज हाई स्कूल, इलाहाबाद से प्राप्त की। उसके बाद शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से हाईस्कूल तक की शिक्षा प्राप्त किया। 

उसके बाद उन्होंने करोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली से बैचलर ऑफ साइंस एंड आर्ट्स कि डिग्री हासिल की।

 

अमिताभ बच्चन का लुक ।

रंग गोरा
लंबाई 6 फीट 1 इंच
वजन 80 किलो
शारीरिक संरचना छाती- 40 इंच 

कमर- 32 इंच 

बायसेप- 15 इंच

आंखों का रंग काला
बालों का रंग सफेद

 

अमिताभ बच्चन का करियर ।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अमिताभ बच्चन कोलकाता चले आए। वहां उन्होंने कोलकाता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में ब्रोकर की नौकरी की। 7 साल तक वहां काम करने के बाद वे मुंबई आ गए। 

फिल्म में आने से पहले अमिताभ बच्चन काम की तलाश में एआईआर एफएम (AIR- All India Radio FM) में इंटरव्यू के लिए गए थे। लेकिन उनकी भारी आवाज के कारण उन्हें नौकरी पर रखने से मना कर दिया गया था। जिस भारी आवाज के कारण उन्हें नौकरी पर रखने से मना कर दिया गया था आज उन्हीं आवाज को आवाज की बदौलत उन्होंने बॉलीवुड में इतना नाम कमाया है, और आज उनकी आवाज ही उनकी पहचान बन गई है।

 

फिल्मी करियर की शुरुआत ।

अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1969 मे किया। उन्होंने 1969 में आई फिल्म ‘भुवन शोम’ में अपनी आवाज दी थी। इस फिल्म को कई अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ में काम करके मुख्य रूप से अपने करियर की शुरुआत की। 1969 से 1972 तक आई उनकी सभी फिल्में असफल रही और एक-एक करके फ्लॉप होती चली गई। 

उसके बाद सन् 1973 में आई फिल्म जंजीर में उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी दिखाते हुए इस फिल्म में उन्होंने एक इमानदार पुलिस इंस्पेक्टर विजय खन्ना का रोल निभाया। यह फिल्म हिट रही और उनके जीवन की पहली सफल फिल्म रही। यहां से अमिताभ बच्चन के करियर को एक नई दिशा मिली।

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1974 से 1983 तक का दौर ।

1974 मे आई फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में अमिताभ बच्चन सहायक कलाकार की भूमिका मे नजर आए और इसके बाद वे कई फिल्मों में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई है।  जिसमें ‘कुंवारा बाप’ और ‘दोस्त’ जैसी फ़िल्में हैं। इसके बाद 1974 में उन्होंने ‘मजबूर’ मुख्य भूमिका अदा की। यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म ‘जिगजैग’ की नकल कर बनाई गई थी, जिसमें जॉर्ज कैनेडी अभिनेता थे। लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाई। 

वर्ष 1975 में उनकी दो फिल्में ‘दीवार’ और ‘शोले’ रिलीज हुई और यह दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुत बड़ी हिट साबित हुई।

वर्ष 1976 में उनकी फिल्म ‘कभी कभी’ रिलीज हुई, और फिल्म भी सफल साबित हुई। इस फिल्म में अभिनय के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नामित किया गया था।

वर्ष 1977 में वे फिल्म ‘अमर अकबर एंथनी’ में नजर आए और इस फिल्म मे अपने प्रदर्शन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

वर्ष 1978 अमिताभ बच्चन के लिए सफल साल साबित हुआ। क्योंकि इस वर्ष उनकी चार फिल्में ‘कसमे वादे’, ‘डॉन’, ‘त्रिशूल’ और ‘मुकद्दर का सिकंदर’ रिलीज हुई, जिसमें मुख्य भूमिका में थे; और यह चारों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। फिल्म ‘त्रिशूल’ और ‘मुकद्दर का सिकंदर’ फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया।

वर्ष 1979 में अमिताभ बच्चन फिल्म ‘मिस्टर नटवरलाल’ और ‘काला पत्थर’ में नजर आए। यह दोनों ही फिल्में सफल रही और इन दोनो फिल्मो के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया जबकि फिल्म ‘मिस्टर नटवरलाल’ में एक गाने के लिए उन्होंने पहली बार अपनी आवाज दी थी, जिसके लिए उन्हें पार्श्वगायक का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार दिया गया।

इसके बाद वर्ष 1980 में फिल्म ‘दोस्ताना’ और ‘सिलसिला’, वर्ष 1981 में ‘राम बलराम’ और ‘लावारिस’ और 1982 में ‘शक्ति’ जैसी फिल्में रिलीज हुई। जिसमें उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों का दिल जीत लिया।

 

फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान हो गए थे घायल ।

वर्ष 1982 में फिल्म ‘कुली’ में की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन बहुत ही बुरी तरह से घायल हो गए थे। दरअसलइस इस फिल्म के लिए उन्हें एक फाइट सीन शुट करना था। इस फाइट सीन में उन्हें एक मेज पर गिरने के बाद जमीन पर गिरना था। अब जैसे ही वे मेज की और कुदे तो मेज का कोने से इनके पेट मे टकराया और इन्हें बहुत चोट पहुंची, और इनके शरीर से काफी खून बहने लगा। इन्हें  तुरंत अस्पताल ले जाया गया और वहां वे कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। इस दौरान वे कई बार मौत के मुंह में जाते-जाते बचे।

जब वे अस्पताल में भर्ती थे तो उनके प्रशंसकों ने उनकी सलामती के लिए पूजा-अर्चना की और भगवान से उनकी सलामती के लिए दुआएँ मांगी। इन्हें ठीक होने में कई महीने लगे। अंततः यह फिल्म 1983 में रिलीज हुई और अमिताभ बच्चन की दुर्घटना कि वजह से यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। 

फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान जब वे घायल हो गए थे तो उनके ईलाज के बाद से उन्हें भारी मात्रा में दवाईयाँ लेनी होती थी, जिसके कारण वे मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर महसूस करने लगे थे। इसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया से हमेशा के लिए छुट्टी लेने और राजनीतिक में शामिल होने का मन बना लिया था। 

 

राजनीति के क्षेत्र में ।

1983 में फिल्म ‘कुली’ की रिलीज के बाद कुछ समय के लिए विराम ले लिया। इसके एक साल बाद वर्ष 1984 में अपने पुराने मित्र राजीव गांधी की राजनीतिक में मदद करने के लिए राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा। 

वर्ष 1984 मे अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। उस समय मे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को इन्होंने आम चुनाव 68.2% के अंतर से हराते हुए जीत हासिल की। लेकिन अमिताभ बच्चन का यह राजनीतिक करियर कुछ ही समय के लिए था। और 3 साल बाद 1987 मे इन्होंने अपनी राजनीतिक अवधि को पूरा किए बिना ही छोड़ दिया। 

अमिताभ के राजनीतिक छोड़ने के पीछे इनके भाई का बोफोर्स विवाद मामले में नाम आना था। जिसके बाद उनका नाम भी इस विवाद से जोड़ा जाने लगा। जिसकी वजह से उन्हें कोर्ट जाना पड़ा। हालांकि इस मामले में अमिताभ बच्चन को दोषी नहीं पाया गया था।

 

1988 से 1993 के बीच का दौर ।

वर्ष 1988 में अमिताभ बच्चन अपने 4 साल के अंतराल के बाद फिल्म ‘शहंशाह’ से बॉलीवुड में वापसी की। इस फिल्म में उन्होंने शहंशाह की भूमिका अदा की थी। लंबे समय के अंतराल के बाद बॉलीवुड में वापसी के कारण उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही । लेकिन इसके बाद उनकी आने वाली सभी फिल्में बुरी तरह से फ्लॉप होती चली गई। वर्ष 1990 में उनकी फिल्म ‘अग्निपथ’ में उनके डॉन के रोल के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया। 

वर्ष 1991 में आई उनकी फिल्म ‘हम’ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘खुदा गवाह’ और ‘इंसानियत’ जैसी फिल्मों में काम किया।

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अमिताभ बच्चन के जीवन में मंदी का दौर ।

अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर में कई छोटे-बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं। भले ही अभी वे बेहतर स्थिति में है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब भी उन्हें भी मंदी का सामना करना पड़ा था। 

1996 मे उन्होंने एबीसीएल ( ABCL- अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड) की स्थापना की। एसबीसीएल की रणनीति,भारत में के मनोरंजन उद्योग के सभी वर्गों के लिए उत्पाद एवं सेवाएं प्रचलित करना था। परंतु इसके नेतृत्व में बनने वाली सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई और इसकी वजह से अमिताभ बच्चन को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा। 

इसके बाद,वर्ष 1997 वे कई कानूनी दांवपेच में उलझते चले गए और यहां तक अपने कर्ज चुकाने के लिए उन्हें अपना बंगला ‘प्रतीक्षा’ और दो फ्लैट को बेचने तक की नौबत आ चुकी थी। अपनी स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने कई फिल्मों मे काम किया जिसमें वर्ष 1998 में आई फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ औसत दर्जे की फिल्म साबित हुई। 

वर्ष 1999 में अमिताभ ने ‘सूर्यवंशम, लाल बादशाह और हिंदुस्तान की कसम’ जैसी फिल्मों में काम किया और यह तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।

 

वर्ष 2000 से 2010 तक का दौर

वर्ष 2000 में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘मोहब्बतें’ आई और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। इस फिल्म में शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे। उसके बाद उन्होंने 2001 में ‘एक रिश्ता : द बॉन्ड ऑफ लव’, कभी खुशी कभी गम ,और अक्स जैसी फिल्मों में काम किया यह तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। उसके बाद उन्होंने आंखें (2002), बागबान (2003), खाकी (2004), देव (2004) और ब्लैक (2005) जैसी फिल्मों में नजर आए। इन फिल्मों से उन्होंने में सफलता के नए पैमाने बनाएं।

फिल्म बागबान में अमिताभ बच्चन के साथ हेमा मालिनी नजर आई और इसमें सलमान खान मेहमान भूमिका में थे।

 

वर्ष 2005 से 2006 के बीच में उन्हें अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ ‘बंटी और बबली’ (2005), ‘द गॉडफादर’, श्रद्धांजलि, सरकार (2005) और कभी अलविदा ना कहना (2006) जैसी हिट फिल्में दी। यह सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बहुत ही ज्यादा सफल रही। वर्ष 2005 में ही उनकी फिल्म ‘वक्त : द रेस अगेंस्ट द टाइम’ रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में नजर आए। यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।

2006 में उनकी फिल्म ‘बाबुल’ और ‘एकलव्य’ एवं 2007 मे ‘निशब्द’ रिलीज हुई और ये तीनो ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। 

वर्ष 2008 में फिल्म ‘भूतनाथ’ में उन्होंने भूत का किरदार निभाया था और उसी वर्ष उनकी फिल्म सरकार राज, जो कि सरकार का ही दूसरा पार्ट था, रिलीज हुई। इसके बाद 2009 में उन्होंने फिल्म ‘पा’ मे अपनी अदाकारी से सबको चकित कर दिया। इस फिल्म में उनके अभिनय के लिए उन्हें अतिरिक्त फिल्मफेयर और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार नामांकन मे शामिल किया गया।

 

वर्ष 2010 से 2021 तक का दौर ।

वर्ष 2010 से 2014 के बीच आई उनकी फिल्में ‘तीन पत्ती (2010), बुड्ढा होगा तेरा बाप (2011), आरक्षण (2011), डिपार्टमेंट (2012), सत्याग्रह (2013), महाभारत (2013), शोले 3D (2014) रिलीज हुई और यह सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। जबकि भूतनाथ रिटर्न्स (2014) उस वर्ष की औसत दर्जे की फिल्म रही। 

वर्ष 2015 मे उनकी दो फिल्में ‘शमिताभ’ और ‘पीकू’ रिलीज हुई। जिसमें शमिताभ फ्लॉप रही और पीकू हिट फिल्म साबित हुई। वर्ष 2016 में उनकी तीन फिल्में रिलीज हुई जिसमें ‘वजीर’ और ‘तीन’ (TE3N) फ्लॉप साबित हुई वही ‘पिंक’ सेमी-हिट फिल्म रही।

वर्ष 2017 में फिल्म ‘सरकार 3’ रिलीज हुई जो कि बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। वर्ष 2018 में ‘102 नॉट आउट’ रिलीज हुई और यह उस वर्ष की एवरेज फिल्म साबित हुई। जबकि उसी वर्ष वे ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ में अमिर खान और कटरीना कैफ के साथ नजर आए और यह फिल्म भी पूरी तरह से फ्लॉप रही। 

उसके बाद वर्ष 2019 में उनकी दो फिल्में ‘बदला’ और ‘सत्य नारायण रेड्डी’ रिलीज हुई जिसमें से फिल्म ‘बदला’ हिट साबित हुई, जबकि वही ‘सत्य नारायण रेड्डी’ असफल फिल्म की श्रेणी में पहुंच गई। 

वर्ष 2021 में, 27 अगस्त को उनकी फिल्म ‘चेहरे’ रिलीज हुई और इस फिल्म में भी दर्शको का मिलाजुला असर देखने को मिला।

 

अमिताभ बच्चन कि सेहत के बारे में ।

वर्ष 2005 के नवंबर माह में अमिताभ बच्चन को उनके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते एक बार फिर से लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसमें उन्हें छोटी आंत में दर्द की शिकायत थी। अस्पताल में उनके ईलाज के बाद वह ठीक हो गए और वर्ष 2006 में एक बार फिर से काम पर लौट आए। 

 

टेलीविजन के क्षेत्र में ।

वर्ष 2000 में अमिताभ बच्चन ने ब्रिटिश टेलीविजन के एक गेम शो ‘वांट टू बी अ मिलेनियर’ कि तर्ज पर भारतीय टेलीविजन गेम शो के क्षेत्र मे कदम बढ़ाया और भारतीय टेलीविजन दर्शकों के लिए ‘कौन बनेगा करोड़पति’ नाम का एक गेम शो लेकर आए। 

उनके इस गेम शो को टेलीविजन के क्षेत्र में बहुत ही बड़ी सफलता मिली। इस 2 की सफलता के साथ-साथ अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता भी एक बार फिर से बढ़ती चली गई । यह माना जाता है कि अमिताभ बच्चन ने इस कार्यक्रम के संचालन के लिए साप्ताहिक प्रकरण के लिए अत्यधिक ₹25 लाख लिए थे। जिसकी वजह से उनको और उनके परिवार को आर्थिक रूप से मदद मिली। 

नवंबर 2002 में केनरा बैंक ने भी उनके खिलाफ अपने मुकदमे को वापस ले लिया। अमिताभ बच्चन ने केबीसी (KBC- कौन बनेगा करोड़पति) का आयोजन नवंबर 2005 तक किया। इस शो की लोकप्रियता ने फिल्म जगत में उनके द्वार फिर से खोल दिये।

 

अमिताभ बच्चन का निजी जीवन ।

1973 में अमिताभ बच्चन ने जया भादुड़ी से बंगाली रीति-रिवाज से शादी कर ली। उन दंपत्ति कि दो संतानें भी हैं- एक पुत्री श्वेता बच्चन और एक पुत्र अभिषेक बच्चन। 

अभिषेक बच्चन की शादी ऐश्वर्या राय बच्चन से हुई है, जो कि एक अभिनेत्री हैं, और बेटी श्वेता बच्चन की शादी निखिल नंदा से हुई है।

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पारिवारिक जानकारियां ।

अमिताभ नाम का मतलब ‘शाश्वत प्रकाश’ मतलब 

‘वह प्रकाश जो कभी ना ढले ना’

पता/आवास जलसा, B/2 कपोल हाउसिंग सोसायटी, वीएल मेहता रोड, जूहू, मुंबई- 400094 

(महाराष्ट्र), भारत

परिवार जया भादुरी बच्चन (पत्नी)

अभिषेक बच्चन (बेटा)

ऐश्वर्या राय बच्चन (बहू) 

श्वेता बच्चन नंदा (बेटी)

निखिल नंदा (दामाद)

नाती-नातिन/पोती आराध्या अभिषेक बच्चन (पोती)

नव्या नवेली नंदा (नातिन), 

अगस्तया नंदा (नाति) 

रिश्तेदार अजिताभ बच्चन (भाई)

रमोला बच्चन (भाभी)

 

Facebook Page :  Amitabh Bachchan

Twitter Account :  @srBachchan

Instagram Account:  @amitabhbachchan

 

गर्लफ्रेंड, शौक, कार कलेक्शन, वेतन, संपत्ति ।

गर्लफ्रेंड स्वर्गीय परवीन बॉबी (पुर्व भारतीय अभिनेत्री),

जीनत अमान (पूर्व भारतीय अभिनेत्री)

रेखा (भारतीय अभिनेत्री),

जया भादुरी, जो वर्तमान मे अमिताभ कि पत्नी हैं। (वर्तमान राजनीतिज्ञ एवं पुर्व भारतीय अभिनेत्री)

शौक ब्लॉगिंग, गायन, पढ़ना।
कार कलेक्शन/ कार संग्रह(इन सभी कारों की कीमत लगभग 18 करोड़ रुपए है।) बेंटले आर नोन एस आर,

बेंटले कॉन्टिनेंटल जीटी, 

Lexus LX 470,

Mercedes Benz SL 500 AMG,

पोर्श केमैन एस,

रेंज रोवर एसयूवी,

मिनी कूपर, 

रोल्स रॉयस फैंटम,

टोयोटा लैंड क्रूजर,

BMW 760 LI,

BMW X 5,

Mercedes Benz S 320,

Mercedes Benz S 600, 

Mercedes Benz E 240

फीस प्रति फिल्म ₹20 करोड़ प्रति फिल्म
संपत्ति $450 मिलियन लगभग 
प्रॉपर्टी इलाहाबाद, भोपाल, नोएडा, अहमदाबाद और गांधीनगर में प्रॉपर्टी हैं। कई जगह उन्होंने कृषि भूमि भी खरीदा है। 
ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए फीस 5 करोड़ रुपए प्रति ब्रांड
वार्षिक आय ₹1000 करोड़

 

अमिताभ बच्चन के बारे में कुछ रोचक तथ्य ।

  • अमिताभ बच्चन धूम्रपान नहीं करते हैं और शराब भी नहीं पीते हैं।
  • अमिताभ बच्चन जब अपने समय में मंदी के दौर से गुजर रहे थे तब उनके मित्र मुकेश अंबानी उनकी आर्थिक मदद के लिए आगे आए। लेकिन अमिताभ ने विनम्रता पूर्वक उनसे मदद लेने से मना कर दिया।
  • उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के गांव बाबू पट्टी से संबंध रखते हैं।
  • उनकी मां तेजी बच्चन पाकिस्तान के ल्यालपुर (अभी के फैसलाबाद) के एक सिख समुदाय से थीं।
  • अमिताभ बच्चन को उनकी भारी आवाज के लिए जाना जाता है, परंतु वह एक बार ऑल इंडिया रेडियो में इंटरव्यू के लिए गए तो उनकी भारी आवाज के कारण उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था।
  • उनका असली उपनाम श्रीवास्तव था और उनके पिता ने श्रीवास्तव उपनाम बदलकर बच्चन उपनाम रख लिया था।
  • उनकी मां थिएटर में बहुत दिलचस्पी रखती थी, और उन्होंने एक फीचर फिल्म में भी भूमिका अदा की थी। जिसके बाद उन्हें फिल्मों में काम करने के प्रस्ताव आने लगे। लेकिन उन्होंने अपने गृहकार्य (गृहस्थी) को प्राथमिकता में दी।
  • अमिताभ बच्चन एक इंजीनियर बनना चाहते थे, और भारत वायु सेना में शामिल होना चाहते थे। 
  • अमिताभ बच्चन अपने दोनों हाथों से समान रूप से अच्छी तरह से लिख सकते हैं।
  • जून 2000 में अमिताभ एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति बने जिनकी लंदन स्थित मैडम तुसाद संग्रहालय में मोम कि मूर्ति स्थापित की गई।

 

अमिताभ बच्चन की प्रमुख 25 फिल्में ।

  • 1971  –    आनंद 
  • 1973  –    जंजीर 
  • 1975  –    शोले
  • 1978  –    डॉन 
  • 1979  –    काला पत्थर 
  • 1981  –    याराना 
  • 1983  –    नमक हलाल 
  • 1983  –    कूली
  • 1984  –    शराबी 
  • 1990  –    अग्नीपथ 
  • 1991  –    हम
  • 1993  –    खुदा गवाह 
  • 1998  –    बड़े मियां छोटे मियां 
  • 1999  –    सूर्यवंशम
  • 2000  –    मोहब्बतें 
  • 2001  –    कभी खुशी कभी गम 
  • 2003  –    बागबान 
  • 2004  –    खाकी 
  • 2005  –    सरकार 
  • 2005  –    वक्त : द रेस अगेंस्ट द टाइम
  • 2005  –    ब्लैक 
  • 2005  –    बंटी और बबली
  • 2007  –    चीनी कम 
  • 2009  –    पा 
  • 2015  –    पीकू
  • 2016  –    पिंक
  • 2018  –    102 नॉट आउट

 

 पुरस्कार एवं सम्मान ।

अमिताभ बच्चन को अभिनय के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद वर्ष 2001 में भारत सरकार द्वारा उन्हें ‘पद्मभूषण’ और फिर वर्ष 2015 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया।

  • 1972  :   बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड, फिल्म आनंद के लिए। 
  • 1974  :   बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड, फिल्म नमक हराम के लिए।
  • 1978  :   बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड, फिल्म अमर अकबर एंथोनी के लिए 
  • 1979  :   बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड, फिल्म डॉन के लिए।
  • 1991  :   बेस्ट एक्टर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, फिल्म अग्निपथ के लिए।
  • 2001  :   बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड, फिल्म मोहब्बतें के लिए। 
  • 2004  :   बेस्ट एक्टर का पावर अवार्ड, फिल्म बागबान के लिए।
  • 2004  :   जोड़ी नंबर वन का स्पेशल अवार्ड, फिल्म बागवान के लिए।
  • 2005  :   बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड, फिल्म ब्लैक के लिए।
  • 2006  :   सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्म ब्लैक के लिए।
  • 2010  :   बेस्ट एक्टर का स्टार स्क्रीन अवार्ड, फिल्म पा के लिए। 
  • 2010  :   सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्म पा के लिए।
  • 2010  :   आइफा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, फिल्म पा के लिए।
  • 2010  :   बेस्ट एक्टर फिल्मफेयर अवार्ड, फिल्म पा के लिए।
  • 2011  :   फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड, भारतीय फिल्म जगत में 40 साल पूरा करने पर।
  • 2016  :   बेस्ट एक्टर का क्रिटिक्स अवार्ड, फिल्म पिंक के लिए।

इसके अलावा उन्होंने और भी बहुत सारे अवार्ड और सम्मान प्राप्त किए हैं।

जानिए – पंकज त्रिपाठी का जीवन परिचय | Pankaj Tripathi biography in Hindi

 

कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर ।

अमिताभ बच्चन को उनकी प्रसिद्धि के बाद कई कंपनियों ने अपने ब्रांड के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया है जिसमें कुछ नाम इस प्रकार हैं –  

  • पल्स पोलियो अभियान
  • गुजरात टूरिज्म
  • कैडबरी 
  • इको फ्रेंडली क्लीनिंग प्रोडक्ट्स 
  • तनिष्क
  • जेन मोबाइल 
  • मारुति सुजुकी कार 
  • कल्याण ज्वेलर्स 
  • नवरत्न तेल 
  • आईसीआईसीआई बैंक 
  • कैडबरी 
  • जस्ट डायल, आदि मुख्य कंपनियाँ है एवं इसके अलावा भी कई कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर हैं या रह चुके हैं। 

 

अमिताभ बच्चन के द्वारा कहे गए कुछ अनमोल बातें ।

  1. कोई भी इंसान पूर्ण नहीं है, और आलोचना का हमेशा स्वागत करना चाहिए, और इसकी उम्मीद की जानी चाहिए।

  2. हर किसी को स्वीकार करना चाहिए कि हमारी उम्र बढ़ेगी, और उम्र का बढ़ना हमेशा प्रशंसापूर्ण नहीं होता।

  3. मेरा शरीर एक युद्ध क्षेत्र है जिसने बहुत कुछ सहा है।

  4. विदेशियों को भारत और इसकी संस्कृति की विविधता का कोई अंदाजा नहीं है। हम उन्हें उस विविधता की एक झलक देने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं।

  5. मैं काम करना चाहता हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना जारी रखूंगा।

  6. लोग एक ही चीज को बार बार देख कर तंग आ जाते हैं। वे गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन चाहते हैं।

  7. मुझे विश्वास है कि कल मेरे लिए एक और चुनौती है। मुझे यकीन है कि मुझे बहुत कुछ करना है, क्योंकि बहुत सारी चीजें हैं, जिनको अभी तलाशना बाकी है।

  8. असल में मैं सिर्फ एक अभिनेता हूं, जो अपने काम से प्यार करता है और उम्र के बारे में बात केवल मीडिया करती हैं।

  9. मैं किसी तकनीकी का उपयोग नहीं करता। मुझे अभिनेता बनने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। मैं सिर्फ फिल्मों में काम करने का आनंद लेता हूं। 

  10. जिन्हें गुस्सा आता है, वह लोग सच्चे होते हैं मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते देखा है।

  11. नफरत का खुद का कोई वजूद नहीं होता, वह तो सिर्फ मोहब्बत की गैर-मौजूदगी का नतीजा है।

  12. हम जिंदगी से जो भी पाना चाहते हैं, उसे चुन सकते हैं। लेकिन उसके परिणामों को हम नहीं चुन सकते।

  13. हमारे देश की भाषा किसी ऊंच-नीच को नहीं मानती क्योंकि हमारे देश की भाषा का कोई भी अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होता।

  14. बुद्धिमान विचारों की चर्चा करते हैं, मध्यमान घटनाओं की चर्चा करते हैं और सामान्य बुद्धि के लोग, लोगों की चर्चा करते हैं।

  15.  बेवजह अच्छे बनो,वजह से बहुत बने फिरते हैं। 

  16. मिलता तो बहुत कुछ है जिंदगी से, मगर हम गिनती उसी की करते हैं जो हासिल ना हुआ हो।

  17. कभी-कभी मैं यह सोच कर दुखी हो जाता हूं, कि मेरे पास पूर्ण रूप से स्वस्थ शरीर नहीं है।

  18. अनुशासन का एक ही उसूल है, अपने साथ बार-बार जबरदस्ती करते रहना।उसका अनुभव हमें चाहे कैसा ही क्यों ना लगे।जब तक कि वह एक आदत ना बन जाए।

 

इन्हें भी पढ़ें :

 

आभार ।

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